देहरादून: त्रिवेंद्र सरकार उत्तराखंड में 'भारतनेट 2.0' योजना के लिए 2 हजार करोड़ की स्वीकृति दी है. इस योजना के तहत हरिद्वार जिले को छोड़कर उत्तराखंड के सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का काम किया जाएगा. सीएम त्रिवेंद्र की इस योजना पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि क्या कोरोना काल में ब्रॉडबैंड और नेट केबल बिछाने से क्या लोगों को रोटी और बेरोजगारों को रोजगार मिल जाएगा?
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि सीएम यह बताएं कि इस संकट की घड़ी में ब्रॉडबैंड और नेट से भूखों को रोटी मिल जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बेरोजगार युवा रोजगार पाने के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ऐसे में ब्रॉडबैंड लगाने से क्या उनको काम मिल जाएगा. पहाड़ की जिन माताओं बहनों के प्रसव सड़क पर हो रहे हैं, क्या उसके बाद उनको बेहतर उपचार मिल पाएगा? वापस लौटे प्रवासी रोजगार को लेकर परेशान हैं. ऐसे में सिर पर पानी का घड़ा उठाने वाली महिलाओं का बोझ ब्रॉडबैंड लगने से कम हो जाएगा?
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धस्माना ने कहा कि सरकार को उस बात की चिंता करनी चाहिए, जिसके लिए जनता ने उन्हें चुना है. लेकिन सरकार को जिस काम में धन दिखता है, सरकार उस तरफ भागती है. सरकार को यह बताना चाहिए कि साढे़ 3 सालों में आखिर कितने बेरोजगार नौजवानों को अभी तक नौकरी दी गई है. धस्माना ने कहा कि राज्य के विकास का पहिया पटरी से उतरा हुआ है और बेरोजगारी की दर दिनोंदिन बढ़ रही है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने भारतनेट 2.0 प्रोजेक्ट के लिए 2 हजार करोड़ रुपए की मंजूरी दी है. योजना के तहत हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड की सभी ग्राम पंचायतों को ब्रॉडबैंड नेट से जोड़ा जाएगा. ऐसे में कांग्रेस त्रिवेंद्र सरकार की इस योजना पर निशाना साध रही है.