देहरादून: प्रदेश में एक बार फिर से बिजली की दरें बढ़ाए जाने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. इसको लेकर उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड की बोर्ड बैठक में बिजली की दरें 7.72 प्रतिशत बढ़ाए जाने का प्रस्ताव पारित किया है. 15 दिसंबर तक यूपीसीएल की ओर से दरें बढ़ाए जाने का प्रस्ताव विद्युत नियामक आयोग में जमा करा दिया जाएगा. इसके खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है.
बिजली की दरें बढ़ाए जाने के प्रस्ताव पर देहरादून के महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने कहा कि इस साल बिजली की दरों में 3 बार बढ़ोत्तरी की गई है, जो कि छोटे से राज्य उत्तराखंड की जनता के साथ शोषण हैं. उन्होंने कहा कि एक तरफ महंगाई की मार से लोग परेशान हैं. दूसरी तरफ सरकार बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी करके आम जनमानस को दोहरा झटका दे रही है.
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट ने भी बिजली की दरें बढ़ाए जाने की तैयारियों पर इसे जनविरोधी फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि इन 6 सालों में जब से भारतीय जनता पार्टी की सरकार प्रदेश में आई है, ऐसा कौन सा साल गया है, जिस साल विद्युत दरें नहीं बढ़ाई गई हों. उन्होंने कहा कि जिस राज्य को ऊर्जा प्रदेश के नाम से जाना जाता है. उसी राज्य की जनता के ऊपर बिजली की दरें बढ़ा कर उनका शोषण किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार जानबूझकर जनता को महंगाई के दलदल में धकेलना चाहती है.
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