ETV Bharat / state

'कांग्रेस में हूं लेकिन पार्टी के साथ नहीं', हरीश धामी बोले- देवेंद्र यादव ने संगठन को किया कमजोर

उत्तराखंड कांग्रेस में मचे घमासान से पार्टी हाईकमान की परेशानियां बढ़ गई हैं. स्थिति यह है कि अब पार्टी के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने तक की चर्चाएं होने लगी हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुखर होकर धारचूला विधायक हरीश धामी सामने आए हैं. हरीश धामी ने पार्टी हाईकमान के फैसले की खिलाफत जिस आक्रामकता के साथ शुरू की है, उससे लगता है कि धामी भाजपा में शामिल होने की भूमिका बना रहे हैं. हरीश धामी ने प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

Dehradun latest news
उत्तराखंड कांग्रेस में मचा घमासान.
author img

By

Published : Apr 13, 2022, 12:32 PM IST

Updated : Apr 13, 2022, 3:49 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. जहां एक ओर अभी विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा तक नहीं हुई है कि उससे पहले ही पार्टी के भीतर घमासान मच गया है. कांग्रेस के कई नेता हाईकमान के नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से नाराज चल रहे हैं. उधर, बड़ी खबर यह है कि अब हरीश धामी ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. सार्वजनिक मंच पर वह पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

उत्तराखंड कांग्रेस में मचे घमासान से पार्टी हाईकमान की परेशानियां बढ़ गई हैं. स्थिति यह है कि अब पार्टी के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने तक की चर्चाएं होने लगी हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुखर होकर धारचूला विधायक हरीश धामी सामने आए हैं. हरीश धामी ने पार्टी हाईकमान के फैसले की खिलाफत जिस आक्रामकता के साथ शुरू की है उससे लगता है कि धामी भाजपा में शामिल होने की भूमिका बना रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

हरीश धामी बोले- देवेंद्र यादव ने संगठन को किया कमजोर.

हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव जो खुद चुनाव में अपनी जमानत जब्त करवा चुके हैं, वह उत्तराखंड में विधायकों के आकलन की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई बार चुनाव जीतकर विधायक बनने वाले नेताओं का देवेंद्र यादव कैसे आकलन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता प्रदेश में प्रभारी की कमान संभाल चुके हैं लेकिन इस बार जो प्रभारी बनाया गया है वह बेहद कमजोर है. हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव प्रदेश में कांग्रेस की कमान सामने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड में हार के लिए सबसे पहला इस्तीफा किसी का होना चाहिए था तो वह प्रदेश के प्रभारी देवेंद्र यादव थे लेकिन गणेश गोदियाल के खिलाफ नाइंसाफी करते हुए उनसे इस्तीफा ले लिया गया.

पढ़ें- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों की होगी जांच, 15 दिनों में टीम सौंपेगी रिपोर्ट

वैसे आपको बता दें कि हरीश धामी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेहद करीबी रहे हैं. वह हरीश धामी ही थे जिन्होंने हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके लिए धारचूला से अपनी सीट छोड़ी थी. कुल मिलाकर हरीश रावत खेमे के सबसे मजबूत पिलर में से हरीश धामी को जाना जाता है. लेकिन अब जिस तरह से हरीश धामी ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे पार्टी के भीतर जोरदार घमासान होने के संकेत मिलने लगे हैं.

वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले पर हरीश रावत ने कुछ खास बयान अब तक नहीं दिया है. जो राजनीतिक रूप से कई नए समीकरणों की तरफ भी इशारा कर रहा है. चर्चाएं ये भी जोरों पर हैं कि हरीश धामी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी विधानसभा सीट छोड़ सकते हैं.

आपको बता दें कि इससे पहले हरीश धामी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए भी सुनाई दिए थे. अब तमाम समीकरणों पर निगाह दौड़ाएं तो हरीश धामी के पार्टी छोड़ने की संभावना काफी ज्यादा लग रही है और माना जा रहा है कि जल्द ही इसको लेकर हरीश धामी कोई आधिकारिक घोषणा भी कर सकते हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत ने हरीश धामी से बात की तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनके सम्मान का ख्याल नहीं रखा है. पार्टी की तरफ से जिस तरह जिम्मेदारियां दी गई हैं, वह काफी हद तक गलत है. ऐसी स्थिति में वह अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता से विचार के बाद कोई फैसला लेंगे.

सुमित हृदयेश ने दी नसीहत: वहीं, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कहा कि कांग्रेस में कोई नाराजगी नहीं है और कोई विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने वाला नहीं है. धारचूला विधायक हरीश धामी की नाराजगी के सवाल पर जरूर हल्द्वानी विधायक ने नाराजगी की बात को कबूल किया. नाराज विधायकों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते हुए विधायक को सलाह देते हुए सुमित हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी है. इसलिए यहां सबके द्वारा बड़बोलापन किया जा रहा है. लेकिन, लेकिन बीजेपी में इनमें से कोई कुछ नहीं बोल पाएगा. वहां किसी की आवाज नहीं निकलेगी.

देहरादून: उत्तराखंड कांग्रेस में आजकल कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. जहां एक ओर अभी विधानसभा चुनाव में मिली हार की समीक्षा तक नहीं हुई है कि उससे पहले ही पार्टी के भीतर घमासान मच गया है. कांग्रेस के कई नेता हाईकमान के नेता प्रतिपक्ष और अध्यक्ष बनाए जाने के फैसले से नाराज चल रहे हैं. उधर, बड़ी खबर यह है कि अब हरीश धामी ने भी कांग्रेस का दामन छोड़ने के संकेत दे दिए हैं. सार्वजनिक मंच पर वह पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

उत्तराखंड कांग्रेस में मचे घमासान से पार्टी हाईकमान की परेशानियां बढ़ गई हैं. स्थिति यह है कि अब पार्टी के कुछ विधायकों के पार्टी छोड़ने तक की चर्चाएं होने लगी हैं. इसमें सबसे ज्यादा मुखर होकर धारचूला विधायक हरीश धामी सामने आए हैं. हरीश धामी ने पार्टी हाईकमान के फैसले की खिलाफत जिस आक्रामकता के साथ शुरू की है उससे लगता है कि धामी भाजपा में शामिल होने की भूमिका बना रहे हैं. हरीश धामी ने दो टूक शब्दों में साफ किया है कि वह पार्टी में तो है लेकिन पार्टी के साथ बिल्कुल भी नहीं है, हरीश धामी ने प्रदेश में प्रभारी देवेंद्र यादव पर पार्टी को कमजोर करने का आरोप लगाया है.

हरीश धामी बोले- देवेंद्र यादव ने संगठन को किया कमजोर.

हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव जो खुद चुनाव में अपनी जमानत जब्त करवा चुके हैं, वह उत्तराखंड में विधायकों के आकलन की बात कह रहे हैं. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में कई बार चुनाव जीतकर विधायक बनने वाले नेताओं का देवेंद्र यादव कैसे आकलन कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई दिग्गज नेता प्रदेश में प्रभारी की कमान संभाल चुके हैं लेकिन इस बार जो प्रभारी बनाया गया है वह बेहद कमजोर है. हरीश धामी ने कहा कि देवेंद्र यादव प्रदेश में कांग्रेस की कमान सामने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि उत्तराखंड में हार के लिए सबसे पहला इस्तीफा किसी का होना चाहिए था तो वह प्रदेश के प्रभारी देवेंद्र यादव थे लेकिन गणेश गोदियाल के खिलाफ नाइंसाफी करते हुए उनसे इस्तीफा ले लिया गया.

पढ़ें- आयुर्वेद विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों की होगी जांच, 15 दिनों में टीम सौंपेगी रिपोर्ट

वैसे आपको बता दें कि हरीश धामी पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के बेहद करीबी रहे हैं. वह हरीश धामी ही थे जिन्होंने हरीश रावत के मुख्यमंत्री बनने के बाद उनके लिए धारचूला से अपनी सीट छोड़ी थी. कुल मिलाकर हरीश रावत खेमे के सबसे मजबूत पिलर में से हरीश धामी को जाना जाता है. लेकिन अब जिस तरह से हरीश धामी ने पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोला है, उससे पार्टी के भीतर जोरदार घमासान होने के संकेत मिलने लगे हैं.

वहीं, सबसे बड़ी बात यह है कि इस पूरे मामले पर हरीश रावत ने कुछ खास बयान अब तक नहीं दिया है. जो राजनीतिक रूप से कई नए समीकरणों की तरफ भी इशारा कर रहा है. चर्चाएं ये भी जोरों पर हैं कि हरीश धामी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए अपनी विधानसभा सीट छोड़ सकते हैं.

आपको बता दें कि इससे पहले हरीश धामी, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की तारीफ करते हुए भी सुनाई दिए थे. अब तमाम समीकरणों पर निगाह दौड़ाएं तो हरीश धामी के पार्टी छोड़ने की संभावना काफी ज्यादा लग रही है और माना जा रहा है कि जल्द ही इसको लेकर हरीश धामी कोई आधिकारिक घोषणा भी कर सकते हैं. इस मामले पर ईटीवी भारत ने हरीश धामी से बात की तो उन्होंने कहा कि पार्टी हाईकमान ने उनके सम्मान का ख्याल नहीं रखा है. पार्टी की तरफ से जिस तरह जिम्मेदारियां दी गई हैं, वह काफी हद तक गलत है. ऐसी स्थिति में वह अपनी विधानसभा क्षेत्र की जनता से विचार के बाद कोई फैसला लेंगे.

सुमित हृदयेश ने दी नसीहत: वहीं, हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कहा कि कांग्रेस में कोई नाराजगी नहीं है और कोई विधायक कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने वाला नहीं है. धारचूला विधायक हरीश धामी की नाराजगी के सवाल पर जरूर हल्द्वानी विधायक ने नाराजगी की बात को कबूल किया. नाराज विधायकों को शिष्टाचार का पाठ पढ़ाते हुए विधायक को सलाह देते हुए सुमित हृदयेश ने कहा कि कांग्रेस में हर किसी को अपनी बात कहने की आजादी है. इसलिए यहां सबके द्वारा बड़बोलापन किया जा रहा है. लेकिन, लेकिन बीजेपी में इनमें से कोई कुछ नहीं बोल पाएगा. वहां किसी की आवाज नहीं निकलेगी.

Last Updated : Apr 13, 2022, 3:49 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.