देहरादून: राजनीतिक दलों के साथ प्रदेश की जनता को भी 10 मार्च का इंतजार है. 10 मार्च को उत्तराखंड चुनाव 2022 का परिणाम आएगा. हालांकि इससे पहले ही राजनीतिक दल अपनी-अपनी जीत का दावा करने में जुटे हुए हैं. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां अपनी-अपनी जीत का दावा कर रही हैं. लेकिन इसके बावजूद बहुमत का आंकड़ा न मिलने पर प्लान B को भी राजनीतिक दलों द्वारा तैयार किया जा रहा है. क्या है ये प्लान B जानिए...
उत्तराखंड में चुनाव परिणामों पर राजनीतिक दलों के साथ-साथ प्रदेशवासियों की भी नजर है. 70 विधानसभा सीटों पर 36 के जादुई आंकड़े को पाने के लिए भाजपा और कांग्रेस की तरफ से मतदान से पहले खूब प्रयास भी किए गए. अब राज्य में जनता अपना जनादेश दे चुकी है और अब इंतजार 10 मार्च का है. जब मतगणना के बाद यह तय हो जाएगा कि आखिरकार सत्ता में कौन सा दल काबिज होने जा रहा है. वैसे तो राजनीतिक दलों ने खुद के सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ बैठने का दावा करना शुरू कर दिया है. लेकिन उत्तराखंड का इतिहास बताता है कि 2017 को छोड़ दिया जाए तो राजनीतिक दलों को निर्दलीय क्षेत्रीय दल या बसपा की भी जरूरत पड़ती रही है. इन्हीं आशंकाओं को देखते हुए दोनों ही दलों ने ऐसे प्रत्याशियों पर नजर बनाई हुई हैं, जिनके जीतने की संभावनाएं जताई जा रही हैं.
पढ़ें: तीरथ सिंह रावत बोले- पुष्कर धामी 15 साल तक रहेंगे CM, खेलेंगे लंबी पारी
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रवींद्र जुगरान का कहना है कि वैसे तो राज्य में भाजपा पूर्ण बहुमत से आ रही है लेकिन फिर भी पार्टी सभी का साथ देगी और निर्दलीय से लेकर यूकेडी और बसपा के साथियों को भी साथ लेकर सरकार चलाएगी.
इस मामले में कांग्रेस भी पीछे नहीं दिखाई दे रही है. खबर है कि खुद पूर्व सीएम हरीश रावत ऐसे संभावित प्रत्याशियों से सीधे बात कर रहे हैं और पूर्ण बहुमत के दावे के बीच 'प्लान बी' भी तैयार किया जा रहा है. हालांकि मतगणना से पहले कांग्रेस भी इस बात को स्वीकार करने से बच रही है. कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि राज्य में कांग्रेस पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने जा रही है. लिहाजा उन्हें सरकार बनाने के लिए किसी की भी आवश्यकता नहीं होगी. बावजूद इसके कांग्रेस ऐसे निर्दलीय यूकेडी के प्रत्याशियों से भी सरकार चलाने में मदद लेगी जो चुनाव जीतकर आ रहे हैं.