देहरादूनः उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है. खासकर मैदानी क्षेत्रों में तो सड़कों और फुटपाथ से अतिक्रमण हटाना टेढ़ी खीर साबित होता है. आलम ये है कि प्रशासन या नगर पालिका या निगम अतिक्रमण हटाती जाती है तो पीछे से फिर से अतिक्रमण सज जाता है. इन्हीं सभी को देखते हुए देहरादून जिलाधिकारी सोनिका एक समिति का गठन कर दिया है. जिसमें कई अफसरों की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
दरअसल, देहरादून नगर निगम (Dehradun Municipal Corporation) क्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न सड़क मार्गों पर अव्यवस्थित पार्किंग और भवन निर्माण सामग्री के कारण यातायात व्यवस्था बाधित हो रही है. जिस कारण को आवागमन में असुविधा और दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है. ऐसे में जिलाधिकारी ने सड़कों से अतिक्रमण हटाने, शाॅपिंग काॅम्प्लेक्स, माॅल्स और दुकानों की निर्धारित पार्किंग में वाहनों को खड़ा करवाने के लिए अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति का गठन (Dehradun encroachment committee) किया गया है.
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इस समिति में अपर नगर आयुक्त नगर निगम, एसपी ट्रैफिक, एसपी सिटी, नगर मजिस्ट्रेट, अभियंता लोनिवि प्रांतीय खंड और अभियंता एमडीडीए को जिम्मेदारी दी गई है. समिति को प्रत्येक सोमवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जनसुनवाई कार्यक्रम के बाद समीक्षा बैठक करने के निर्देश भी दिए गए हैं. देहरादून डीएम सोनिका (Dehradun DM Sonika) ने बताया कि प्रतिष्ठानों के बाहर फुटपाथ पर वाहनों के पार्क होने की स्थिति में उनके खिलाफ भी टोइंग की कार्रवाई की जाएगी. साथ ही दोबारा निर्देशों के उल्लंघन करने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.