देहरादून: राजधानी देहरादून में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो चलाने पर विचार चल रहा है. सीएनजी ऑटो के परमिट को लेकर संबंधित विभाग जल्द ही एक बैठक करने वाला है, लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा कि फैसला आने से पहले ही धंधेबाजों ने इन वाहनों के परमिटों को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है.
स्मार्ट सिटी के तहत दून शहर में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो संचालित करने का निर्णय संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था. आरटीओ को इनके परमिट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था. प्रस्ताव पर प्राधिकरण की मुहर लगनी अभी बाकी है.
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प्राधिकरण की बैठक चार नवंबर को होनी थी, लेकिन चुनाव के चलते बैठक नहीं हो पाई. जिस वजह से इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ ऑटो शोरूम संचालकों ने सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी शुरू कर दी है. इसमें न सिर्फ शोरूम वाले बल्कि परिवहन विभाग के अधिकारी भी मिले हुए है. क्योंकि जो मामला सामने आया है उससे तो यही लगता है.
मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक रायपुर निवासी सलीम अहमद को सीएनजी कोटेशन में परमिट की कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई गई है. सवाल यहां ये खड़ा हो रहा है कि जब सीएनजी ऑटो के परमिट को अभी तक मंजूरी ही नहीं मिली है तो उसको ऑटो डीलर कैसे दे सकता है? जबकि सरकारी दरों में ऑटो के परमिट की कीमत महज 1770 रुपये है. हैरानी की बात यह भी है कि जो परमिट अभी मंजूर ही नहीं हुए और जो सिर्फ आरटीओ से ही मिल सकते हैं उसे शोरूम में किसकी शह पर बेचा जा रहा है.
जब इसको लेकर आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता आरटीओ विभाग में आया था. मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा है. शिकायतकर्ता ने कागज उपलब्ध कराए है. अभीतक सीएनजी ऑटो के लिए परमिट दिए ही नहीं जा रहे तो शोरूम वाले कैसे परमिट की सौदेबाजी कर रहे है. यह नियम विरुद्ध है.
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सवाल-जवाब के लिए बंसल डीलर को बुलाय गया है. उसे एक नोटिस भी भेजा गया है. सुनवाई के लिए एक तारीख तय की गई है. जिसमें डीलर और शिकायतकर्ता आएंगे. यदि डीलर के जवाबों से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.