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गजब! मंजूरी के बिना ही धंधेबाजों ने शुरू की सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी

हैरानी की बात यह भी है कि जो परमिट अभी मंजूर ही नहीं हुए और जो सिर्फ आरटीओ से ही मिल सकते हैं उसे शोरूम में किसकी शह पर बेचा जा रहा है.

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Published : Nov 25, 2019, 8:01 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 8:23 PM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो चलाने पर विचार चल रहा है. सीएनजी ऑटो के परमिट को लेकर संबंधित विभाग जल्द ही एक बैठक करने वाला है, लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा कि फैसला आने से पहले ही धंधेबाजों ने इन वाहनों के परमिटों को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है.

स्मार्ट सिटी के तहत दून शहर में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो संचालित करने का निर्णय संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था. आरटीओ को इनके परमिट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था. प्रस्ताव पर प्राधिकरण की मुहर लगनी अभी बाकी है.

पढ़ें- ग्रीन कुंभ बनाने कि कवायद तेज, मेलाधिकारी दीपक रावत ने मारा छापा

प्राधिकरण की बैठक चार नवंबर को होनी थी, लेकिन चुनाव के चलते बैठक नहीं हो पाई. जिस वजह से इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ ऑटो शोरूम संचालकों ने सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी शुरू कर दी है. इसमें न सिर्फ शोरूम वाले बल्कि परिवहन विभाग के अधिकारी भी मिले हुए है. क्योंकि जो मामला सामने आया है उससे तो यही लगता है.

सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी

मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक रायपुर निवासी सलीम अहमद को सीएनजी कोटेशन में परमिट की कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई गई है. सवाल यहां ये खड़ा हो रहा है कि जब सीएनजी ऑटो के परमिट को अभी तक मंजूरी ही नहीं मिली है तो उसको ऑटो डीलर कैसे दे सकता है? जबकि सरकारी दरों में ऑटो के परमिट की कीमत महज 1770 रुपये है. हैरानी की बात यह भी है कि जो परमिट अभी मंजूर ही नहीं हुए और जो सिर्फ आरटीओ से ही मिल सकते हैं उसे शोरूम में किसकी शह पर बेचा जा रहा है.

जब इसको लेकर आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता आरटीओ विभाग में आया था. मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा है. शिकायतकर्ता ने कागज उपलब्ध कराए है. अभीतक सीएनजी ऑटो के लिए परमिट दिए ही नहीं जा रहे तो शोरूम वाले कैसे परमिट की सौदेबाजी कर रहे है. यह नियम विरुद्ध है.

पढ़ें- रुद्रपुरः दंपति पर बदमाशों ने चाकू से किया हमला, पुलिस जांच में जुटी

सवाल-जवाब के लिए बंसल डीलर को बुलाय गया है. उसे एक नोटिस भी भेजा गया है. सुनवाई के लिए एक तारीख तय की गई है. जिसमें डीलर और शिकायतकर्ता आएंगे. यदि डीलर के जवाबों से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: राजधानी देहरादून में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो चलाने पर विचार चल रहा है. सीएनजी ऑटो के परमिट को लेकर संबंधित विभाग जल्द ही एक बैठक करने वाला है, लेकिन आपको जानकार ताज्जुब होगा कि फैसला आने से पहले ही धंधेबाजों ने इन वाहनों के परमिटों को लेकर सौदेबाजी शुरू कर दी है.

स्मार्ट सिटी के तहत दून शहर में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाइब्रिड ईंधन वाले ऑटो संचालित करने का निर्णय संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया था. आरटीओ को इनके परमिट का प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया था. प्रस्ताव पर प्राधिकरण की मुहर लगनी अभी बाकी है.

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प्राधिकरण की बैठक चार नवंबर को होनी थी, लेकिन चुनाव के चलते बैठक नहीं हो पाई. जिस वजह से इस पर कोई फैसला नहीं हो पाया है, लेकिन कुछ ऑटो शोरूम संचालकों ने सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी शुरू कर दी है. इसमें न सिर्फ शोरूम वाले बल्कि परिवहन विभाग के अधिकारी भी मिले हुए है. क्योंकि जो मामला सामने आया है उससे तो यही लगता है.

सीएनजी ऑटो परमिट की सौदेबाजी

मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा हुआ है. जानकारी के मुताबिक रायपुर निवासी सलीम अहमद को सीएनजी कोटेशन में परमिट की कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई गई है. सवाल यहां ये खड़ा हो रहा है कि जब सीएनजी ऑटो के परमिट को अभी तक मंजूरी ही नहीं मिली है तो उसको ऑटो डीलर कैसे दे सकता है? जबकि सरकारी दरों में ऑटो के परमिट की कीमत महज 1770 रुपये है. हैरानी की बात यह भी है कि जो परमिट अभी मंजूर ही नहीं हुए और जो सिर्फ आरटीओ से ही मिल सकते हैं उसे शोरूम में किसकी शह पर बेचा जा रहा है.

जब इसको लेकर आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता आरटीओ विभाग में आया था. मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा है. शिकायतकर्ता ने कागज उपलब्ध कराए है. अभीतक सीएनजी ऑटो के लिए परमिट दिए ही नहीं जा रहे तो शोरूम वाले कैसे परमिट की सौदेबाजी कर रहे है. यह नियम विरुद्ध है.

पढ़ें- रुद्रपुरः दंपति पर बदमाशों ने चाकू से किया हमला, पुलिस जांच में जुटी

सवाल-जवाब के लिए बंसल डीलर को बुलाय गया है. उसे एक नोटिस भी भेजा गया है. सुनवाई के लिए एक तारीख तय की गई है. जिसमें डीलर और शिकायतकर्ता आएंगे. यदि डीलर के जवाबों से विभाग संतुष्ट नहीं हुआ तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

Intro:स्मार्ट सिटी के तहत देहरादून शहर में डीजल ऑटो को बाहर कर सीएनजी और हाईब्रिड ईंधन वाले ऑटो संचलित करने का निर्णय सम्भगीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में लिया गया!आरटीओ को इनके परमिट का प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा गया था!और प्रस्ताव पर प्राधिकरण पर मोहर लगनी बाकी है लेकिन एक ऑटो डीलर ने सीएनजी ऑटो परमिट देना शुरू कर दिया!रायपुर निवासी को सीएनजी ऑटो की कोटेशन में परमिट की कीमत डेढ़ लाख रुपए बताई गई है!हैरानी की बात यह है की सीएनजी परमिट को मंजूरी नहीं मिली उसको ऑटो डीलर ने कैसे दे दी!आरटीओ प्रशासन के सज्ञान पर आने पर विभाग ने ऑटो डीलर संचालक को नोटिस देकर एक हफ्ते का समय दिया है और सुनवाई के दौरान विभाग संतुष्ट नहीं होता है तो आरटीओ विभाग द्वारा ऑटो डीलर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी!Body:सम्भगीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक 4 नवंबर को होनी थी लेकिन चुनाव के कारण यह बैठक टल गई थी और इस बैठक की अगली तारीख कब की होगी इसका अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है!लेकिन देहरादून के ही बंसल ऑटोमोटिव शोरूम ने रायपुर निवासी सलीम को सीएनजी ऑटो की कोटेशन में परमिट की डेढ़ लाख रुपए जिद बताई गई है!हलाँकि सरकारी दरों में ऑटो के परमिट की कीमत सिर्फ 1770 रुपए है!Conclusion:आरटीओ दिनेश पाठोई ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायतकर्ता आरटीओ विभाग में  आया था और मामला बंसल डीलर शिप से जुड़ा है।शिकायतकर्ता ने कागज उपलब्ध कराए है उससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जो वाहन का मूल्य के साथ परमिट का कोटेशन में डेढ़ लाख दिया है।ओर हमारे एक्ट के अनुसार परमिट की सुविधा नही है।ओर अगर परमिट करती भी होती तो उसके बदले में कोई फीस नही ली जाती है।इस तरह से यह नियम विरुद्ध है और बंसल डीलर ने किस स्थिति में कैसे किया है उसको एक सुनवाई का मौका दे दिया जिसके लिए उसको एक नोटिस भेजा है।साथ ही एक तारीख तय की गई जिसमें डीलर ओर शिकायतकर्ता आएंगे।यह बहुत गम्भीर मामला है और डीलर अपनी सुनवाई में अपना पक्ष नही रखने पर विभाग सन्तुष्ट नही हो पाता है तो डीलर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

 बाइट-दिनेश चंद्र पाठोई(आरटीओ)  
Last Updated : Nov 25, 2019, 8:23 PM IST
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