देहरादून: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आर्थिक पैकेज की तीसरी किश्त पेश करते हुए कृषि के बुनियादी ढांचे को रफ्तार देने के लिए एक लाख करोड़ रुपए देने का एलान किया. कृषि क्षेत्र के लिए 11 एलान किए गये हैं. इसमें 8 फैसले कृषि और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हैं, जबकि 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म से हैं.
सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वित्तमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से भारत में कृषि, पशुपालन और मत्स्य पालन को मजबूती मिलेगी. इस पैकेज के लिए किसानों के जीवन को खुशहाल बनाने के लिए स्थायी फ्रेमवर्क बनाया गया है. कृषि के क्षेत्र में किए गए सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त करते हुए आत्मनिर्भर भारत में मील का पत्थर साबित होंगे.
सीएम रावत ने कहा कि कृषि, पशुपालन, मत्स्य और मधुमक्खी पालन के साथ ही हर्बल खेती के लिए किए गए प्रावधानों से उत्तराखंड को काफी फायदा होने जा रहा है. इस पैकेज के लिए हमारे पर्वतीय क्षेत्रों की इकोनॉमी और आजीविका में परिवर्तन आएगा. उत्तराखंड जड़ी-बूटी का प्रमुख केंद्र है. हर्बल खेती के लिए 4 हजार करोड़ रूपए की व्यवस्था की जा रही है. इसमें गंगा नदी के किनारे हर्बल कॉरिडोर विकसित करने की योजना है.
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सीएम ने कहा कि वित्त मंत्री द्वारा की गई घोषणाओं से राज्य में कृषिगत इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी. कोल्ड स्टोरेज, कृषि उत्पादों की मार्केटिंग से हमारे उत्पादों को अच्छी कीमत मिलेगी. उन्होंने राज्य के युवाओं से अपील की है कि वे कृषि, पशुपालन, हर्बल खेती, मत्स्य और फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्र में आगे आएं और राज्य के विकास में शामिल हों. उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा उन्हें हर तरह का सहयोग दिया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि सेक्टर को दिए गए 1 लाख करोड़ रुपए से किसानों का जीवन सुधरेगा. माइक्रो फूड इंटरप्राइज के लिए 10 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं. 20 हजार करोड़ की प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना लाई जा रही है. केंद्र सरकार 53 करोड़ पशुओं के टीकाकरण की योजना लेकर आई है. इसमें लगभग 13,343 करोड़ रुपये खर्च होंगे.
एनिमल हसबैंड्री इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड में 15 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. मधुमक्खी पालन के लिए 500 करोड़ रुपए की सहायता राशि जारी होगी. इससे मधुमक्खी पालन के लिए आधारभूत संरचना का निर्माण किया जाएगा और करीब 2 लाख मधुमक्खी पालकों की आय बढ़ेगी.