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अफसरों से बोले सीएम, बेरोजगारों को स्वरोजगार में मिले प्राथमिकता

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Published : Jun 12, 2020, 6:44 PM IST

Updated : Jun 12, 2020, 7:33 PM IST

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर व पिरूल परियोजनाओं पर चर्चा की. सीएम ने कहा कि बेरोजगारों को स्वरोजगार देना प्राथमिकता होगी.

trivendra singh rawat video confrencing
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की वीडियो कांफ्रेंसिंग.

देहरादून: उत्तराखंड में स्वरोजगार योजना में बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर और पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की. बेरोजगारों को रोजगार देना प्राथमिकता में रखा गया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए. सभी विभागों में चल रही स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ जोड़ा जाए. सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि :

होप पोर्टल पर स्वरोजगार योजनाओं को अपलोड करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए. एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे. जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए.

प्रत्येक जिले में दो-दो स्वरोजगार प्रेरक

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि हर बेरोजगार साथी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सके. लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक महिला और एक पुरुष स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे.

किसानों के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चिंत होना चाहिए. उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए. हॉर्टीकल्चर, पोल्ट्री, मत्स्य, बकरी और भेड़पालन लाभदायक हो सकते हैं. इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए. कोशिश की जाए कि अदरक, हल्दी आदि के बीज मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों. किसानों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण बंद कमरों तक ही सीमित न रहे, प्रशिक्षण का लाभ खेतों तक पहुंचे. कृषि विज्ञान केंद्रों का अधिकाधिक उपयोग हो.

लाभकारी प्रोजेक्ट पर संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें

आवेदकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए सारी जानकारी दें. इसमें ऑफलाइन आवेदन की भी व्यवस्था हो. विभिन्न व्यवसायों के प्रोजेक्ट किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं, इसके लिए संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें. जिला रोजगार समितियां आवेदकों की काउंसिलिंग भी करें. डीएम हर जिले में कुछ मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित करें. बैंकों से समन्वय स्थापित किया जाए और ऋण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का निस्तारण तुरंत किया जाए.

यह भी पढ़ें-पतंजलि ने किया कोरोना की दवा बनाने का दावा, बालकृष्ण बोले- सैकड़ों मरीज हो चुके ठीक

सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट में प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से लिया जाए. किसी भी एसडीएम के पास इनसे संबंधित फाइल एक सप्ताह से ज्यादा लम्बित नहीं रहनी चाहिए. जिलाधिकारी लगातार इसकी समीक्षा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरूल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रुपया प्रति किलो वन विभाग द्वारा और 1.50 रुपया प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है. अब राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रुपया प्रति किलो अर्थात 100 रुपए प्रति क्विंटल की राशि देगी.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ट्रेडिंग भी शामिल

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के साथ ट्रेडिंग को भी लिया गया है. योजना की वेबसाइट पर मॉडल प्रोजेक्ट अपलोड किए गए हैं. प्रोजेक्टों की डीपीआर के स्टैंडर्ड फॉर्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं. वेबसाइट लॉन्च करने के कुछ ही दिनों में काफी लोगों ने आवेदन किये हैं.

यह भी पढ़ें-कोरोना महामारी की मार, बेरोजगारी के बोझ तले दबा 'पहाड़'

सोलर और पिरूल प्रोजेक्ट

सचिव राधिका झा ने प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोलर में 283 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं. इसमें 203 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा. बहुत सी परियोजनाओं के लिए यूपीसीएल का करार हो चुका है. पिरूल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किए जा चुके हैं. इनका भी यूपीसीएल के साथ करार किया जा चुका है.

देहरादून: उत्तराखंड में स्वरोजगार योजना में बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाएगी. मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, सोलर और पिरूल परियोजनाओं की समीक्षा की. बेरोजगारों को रोजगार देना प्राथमिकता में रखा गया है.

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में वास्तव में जरूरतमंदों और बेरोजगारों को प्राथमिकता दी जाए. सभी विभागों में चल रही स्वरोजगार योजनाओं को मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के साथ जोड़ा जाए. सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट की आवश्यक प्रक्रियाएं समय से पूरी हों.

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि :

होप पोर्टल पर स्वरोजगार योजनाओं को अपलोड करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि होप पोर्टल पर स्वरोजगार की सभी योजनाओं की सूचना अपलोड की जाए. एक प्लेटफार्म पर आने से लोगों को इन योजनाओं की जानकारी मिल पाएगी और इसका लाभ उठा सकेंगे. जन प्रतिनिधियों का भी सहयोग लिया जाए.

प्रत्येक जिले में दो-दो स्वरोजगार प्रेरक

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि हर बेरोजगार साथी अपना रोजगार प्रारम्भ कर सके. लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने के लिए प्रत्येक जिले में एक महिला और एक पुरुष स्वरोजगार प्रेरक तैनात किए जाएंगे.

किसानों के उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था हो

मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों को अपने उत्पादों की बिक्री के लिए निश्चिंत होना चाहिए. उनके उत्पादों की बिक्री की व्यवस्था पर काम किया जाए. हॉर्टीकल्चर, पोल्ट्री, मत्स्य, बकरी और भेड़पालन लाभदायक हो सकते हैं. इन क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जाए. कोशिश की जाए कि अदरक, हल्दी आदि के बीज मांग के अनुरूप स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध हों. किसानों को उन्नतशील खेती का प्रशिक्षण बंद कमरों तक ही सीमित न रहे, प्रशिक्षण का लाभ खेतों तक पहुंचे. कृषि विज्ञान केंद्रों का अधिकाधिक उपयोग हो.

लाभकारी प्रोजेक्ट पर संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें

आवेदकों को प्रोजेक्ट बनाने के लिए सारी जानकारी दें. इसमें ऑफलाइन आवेदन की भी व्यवस्था हो. विभिन्न व्यवसायों के प्रोजेक्ट किस प्रकार लाभकारी हो सकते हैं, इसके लिए संबंधित विभाग गाइडलाइन तैयार करें. जिला रोजगार समितियां आवेदकों की काउंसिलिंग भी करें. डीएम हर जिले में कुछ मॉडल प्रोजेक्ट स्थापित करें. बैंकों से समन्वय स्थापित किया जाए और ऋण प्रक्रिया में आने वाली समस्याओं का निस्तारण तुरंत किया जाए.

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सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट में प्रक्रियाएं समय पर पूरी हों

मुख्यमंत्री ने कहा कि सोलर व पिरूल प्रोजेक्ट को प्राथमिकता से लिया जाए. किसी भी एसडीएम के पास इनसे संबंधित फाइल एक सप्ताह से ज्यादा लम्बित नहीं रहनी चाहिए. जिलाधिकारी लगातार इसकी समीक्षा करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में पिरूल प्रोजेक्ट में पिरूल एकत्रीकरण पर स्वयं सहायता समूहों को एक रुपया प्रति किलो वन विभाग द्वारा और 1.50 रुपया प्रति किलो विकासकर्ता द्वारा दिया जाता है. अब राज्य सरकार भी अतिरिक्त 1 रुपया प्रति किलो अर्थात 100 रुपए प्रति क्विंटल की राशि देगी.

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में ट्रेडिंग भी शामिल

अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में विनिर्माण व सेवा क्षेत्र के साथ ट्रेडिंग को भी लिया गया है. योजना की वेबसाइट पर मॉडल प्रोजेक्ट अपलोड किए गए हैं. प्रोजेक्टों की डीपीआर के स्टैंडर्ड फॉर्मेट भी उपलब्ध कराए गए हैं. वेबसाइट लॉन्च करने के कुछ ही दिनों में काफी लोगों ने आवेदन किये हैं.

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सोलर और पिरूल प्रोजेक्ट

सचिव राधिका झा ने प्रदेश में सोलर व पिरूल प्रोजेक्टों की विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि सोलर में 283 परियोजनाएं आवंटित की गई हैं. इसमें 203 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा और 800 करोड़ रुपये का निवेश होगा. बहुत सी परियोजनाओं के लिए यूपीसीएल का करार हो चुका है. पिरूल के भी 38 प्रोजेक्ट आवंटित किए जा चुके हैं. इनका भी यूपीसीएल के साथ करार किया जा चुका है.

Last Updated : Jun 12, 2020, 7:33 PM IST
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