देहरादून: प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की. मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में पीएम मोदी ने राज्यों की तारीफ की और कोरोना से लड़ाई में सोशल डिस्टेंसिंग को ही सबसे कारगर हथियार बताया है.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पीएम मोदी को प्रदेश की ताजा स्थिति से रूबरू कराया. सीएम ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए 500 डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गई है.
उत्तराखंड के सभी 11 जिलों में आईसीयू, वेंटिलेटर एवं बाइपैप की व्यवस्था और पैरामेडिकल स्टाफ के प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है. प्रदेश में कोरोना के मामले 45 दिनों में डबल हो रहे हैं और रिकवरी रेट 67.6% है. सीएम रावत ने पीएम को बताया कि उत्तराखंड में अब तक 68 कोरोना पॉजिटिव मामले आए हैं. जिसमें 46 लोग स्वस्थ्य होकर अपने घरों को लौट गए हैं.
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मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि अब तक 45 हजार प्रवासियों को वापस लाया गया है. राज्य सरकार प्रवासियों को लाने का खर्चा उठा रही है. सरकार द्वारा लगभग 2 लाख श्रमिकों के खाते में 2,000 रुपए की राशि जमा करा चुकी है. प्रदेश में करीब 35 सौ उद्योग 45 प्रतिशत क्षमता के साथ काम कर रहे है.
सीएम रावत ने पीएम से कहा कि प्रदेश में श्रमिक कानूनों में सुधार किया गया है. कॉन्ट्रैक्ट फॉर्मिंग की दिशा में पहल की गई है. सीएम ने उद्योगों की तरह किसानों के लिए भी सिंगल विंडो सिस्टम तैयार करने की बात कही है. साथ ही खनन के चुगान में बड़ी संख्या में श्रमिकों की आवश्यकता को देखते हुए एनजीटी से जल्द अनुमति दिए जाने की अपेक्षा भी की है.
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मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश में आवासीय विद्यालयों को खोलने की अनुमति प्रदान करने के साथ ही टैक्स कलेक्शन में हो रही कमी के कारण ऋण सीमा को 3 प्रतिशत से 4 प्रतिशत किया जाए. कंटेनमेंट जोन के बाहर आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने की अनुमति दी. राज्य के ग्रीन जोन के बीच में सीमित पर्यटन गतिविधियां शुरू करने की बात सीएम ने कही. साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना पीएमईजीपी के स्वरूप पर प्रारम्भ करने की जानकारी भी पीएम को दी. सीएम ने एमएसएमई उद्योग को राहत देने के बात भी कही.
सीएम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में कहा कि प्रदेश में काफी संख्या में प्रवासी आ रहे हैं. जिनके पास कोई राशन कार्ड नहीं है. केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल के बाद राशन कार्ड बनाने पर रोक लगा दी है. 3 लाख प्रवासियों के पास राशन पाने का कोई विकल्प नहीं बचा है. ऐसे में इन लोगों का राशन कार्ड बनना बहुत जरूरी है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने कैबिनेट मंत्रियों से भी बातचीत की और कोरोना पर उनके सुझाव मांगे. इसके साथ ही सीएम ने लॉकडाउन खत्म और प्रवासियों के लौटने पर विचार-विर्मश हुआ.