देहरादून: सुभाष रोड स्थित एक होटल में उत्तरांचल महिला एसोसिएशन (उमा) ने करवा चौथ सेलिब्रेशन कार्यक्रम का आयोजन किया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की धर्मपत्नी गीता धामी ने शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने महिलाओं को करवा चौथ की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
उन्होंने कहा कि मैं सबसे पहले उत्तराखंड की सभी महिलाओं और बहनों को करवा चौथ की हार्दिक बधाई देती हूं. साथ ही यह कामना करती हूं कि सभी की मनोकामनाएं पूरी हों. प्रेम और विश्वास का यह पर्व आपके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आए.
वहीं उत्तराखंड में बीते दिनों हुई भारी बारिश ने प्रदेश के पहाड़ी जिलों में जमकर कहर बरपाया है. ऐसे में मुख्यमंत्री पुष्कर धामी लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में का दौरे कर रहे हैं. गीता धामी ने कहा अभी मुख्यमंत्री लगातार दौरे पर हैं, लेकिन यदि यहां रहेंगे तो साथ ही करवा चौथ का पर्व मनाएंगे.
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करवा चौथ को लेकर काशीपुर के बाजारों में रौनक है. श्रृंगार सामान से लेकर व्रत सामग्री दुकानों के आगे सजा दी गई हैं. सामान खरीदने के लिए महिलाओं की दुकानों में भीड़ लगनी शुरू हो गई है. जिससे दुकानदारों के चेहरों पर रौनक लौट आई है.
सुहागिनों के त्योहार के प्रतीक के रूप में मनाया जाने वाला करवा चौथ देश भर में रविवार को मनाया जाएगा. कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत करने का विधान है. इस व्रत में सुहागिन अपने पति की अच्छी सेहत, लंबी आयु और 7 जन्मों तक दोबारा पति के रूप में प्राप्त करने के लिए करवा माता से मनोकामना मांगती हैं.
करवा चौथ व्रत में महिलाएं निर्जला व्रत रखकर रात में चांद के दर्शन करने के बाद और पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को पूरा करती हैं. करवा चौथ व्रत से पहले महिलाएं हाथों में मेहंदी लगाती हैं. करवा चौथ पूजा में कुछ खास चीजों का विशेष महत्व होता है. व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है. व्रत में महिलाएं श्रृंगार करती हैं. दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं.
पूजा के लिए थाली में रोली, गेहूं, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान रखा जाता है. प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है. गणेश जी विघ्नहर्ता हैं, इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है.