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Uttarakhand Millets: 'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' में पहुंचे सीएम धामी, स्टॉलों का किया निरीक्षण - उत्तराखंड के किसानों की आय में बढ़ोतरी

देहरादून में 'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. यह भोज मुख्यमंत्री आवास में रखा गया था. बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से मंडुआ के 0.096 लाख मीट्रिक टन खरीद की अनुमति दी गई है. साथ ही मंडुआ का एमएसपी भी घोषित किया है.

International Year of Millets 2023
उत्तराखंड मिलेट्स भोज
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Published : Jan 25, 2023, 10:24 PM IST

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में कृषि विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 पर आयोजित 'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' में प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने मिलेट्स उत्पादों से भरपूर पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल्स का निरीक्षण भी किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से उत्तराखंड के मोटे अनाज (मंडुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी गई है. मंडुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹3,578 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मंडुआ के 0.096 लाख मीट्रिक टन की खरीद अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा.

मंडुआ के फायदेः बता दें कि मोटे अनाज में गिने जाना वाला मंडुआ पौष्टिकता से भरपूर होता है. मंडुआ में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. यह फाइबर युक्त होने के साथ ही शुगर फ्री भी होता है. मंडुआ में आयरन अच्छी मात्रा होती है. इसके सेवन से खून की कमी दूर होती है. इतना ही नहीं मंडुआ से पाचन शक्ति मजबूत होता है. साथ ही पेट में गैस और कब्ज की समस्या कम होता है.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में इस तरह होगी जैविक खेती, जर्मन एक्सपर्ट्स की राय जानिए

मंडुआ में अमीनो एसिड पाया जाता है. जो शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करता है. एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से मंडुआ से त्वचा पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़ती है. इसका खेती करना भी आसान है. मंडुआ की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यक्ता नहीं होती है. साथ ही बिना खाद डाले ही प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है. मंडुआ उत्तराखंड के पारंपरिक खेती का एक हिस्सा है. जो अब लगातार घट रहा है.

वहीं, अब सरकार किसानों से मंडुआ खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों व लोगों को मुहैरा कराने की कवायद कर रही है. माना जा रहा है कि इससे उत्तराखंड के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा स्कूली बच्चों और जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा.

'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' में कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, विधायक राजपुर खजान दास, पूर्व विधायक मुकेश कोहली, सचिव कृषि वीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे.
ये भी पढ़ेंः स्वाद के साथ सियासी छौंका, हरीश रावत ने दी मंडुआ पार्टी

देहरादूनः मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में कृषि विभाग की ओर से अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष 2023 पर आयोजित 'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' में प्रतिभाग किया. इस दौरान उन्होंने मिलेट्स उत्पादों से भरपूर पारंपरिक व्यंजनों के स्टाल्स का निरीक्षण भी किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत सरकार की ओर से उत्तराखंड के मोटे अनाज (मंडुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी गई है. मंडुआ का न्यूनतम समर्थन मूल्य ₹3,578 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मंडुआ के 0.096 लाख मीट्रिक टन की खरीद अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा.

मंडुआ के फायदेः बता दें कि मोटे अनाज में गिने जाना वाला मंडुआ पौष्टिकता से भरपूर होता है. मंडुआ में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है. यह फाइबर युक्त होने के साथ ही शुगर फ्री भी होता है. मंडुआ में आयरन अच्छी मात्रा होती है. इसके सेवन से खून की कमी दूर होती है. इतना ही नहीं मंडुआ से पाचन शक्ति मजबूत होता है. साथ ही पेट में गैस और कब्ज की समस्या कम होता है.
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मंडुआ में अमीनो एसिड पाया जाता है. जो शरीर से अतिरिक्त वसा को कम करता है. एंटी ऑक्सीडेंट गुणों की वजह से मंडुआ से त्वचा पर झुर्रियां जल्दी नहीं पड़ती है. इसका खेती करना भी आसान है. मंडुआ की खेती में ज्यादा सिंचाई की आवश्यक्ता नहीं होती है. साथ ही बिना खाद डाले ही प्रचुर मात्रा में उत्पादन होता है. मंडुआ उत्तराखंड के पारंपरिक खेती का एक हिस्सा है. जो अब लगातार घट रहा है.

वहीं, अब सरकार किसानों से मंडुआ खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों व लोगों को मुहैरा कराने की कवायद कर रही है. माना जा रहा है कि इससे उत्तराखंड के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी. इसके अलावा स्कूली बच्चों और जरूरतमंदों को पौष्टिक आहार भी मिल सकेगा.

'उत्तराखंड मिलेट्स भोज' में कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद नरेश बंसल, कृषि मंत्री गणेश जोशी, विधायक राजपुर खजान दास, पूर्व विधायक मुकेश कोहली, सचिव कृषि वीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान आदि मौजूद रहे.
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