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अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

अतिक्रमण को लेकर सीएम धामी सख्त दिखाई दे रहे हैं. आज भी सीएम धामी ने इसे लेकर हाई लेवल मीटिंग की. जिसमें फॉरेस्ट एरियास के बाद अब शहरी क्षेत्रों से भी अतिक्रमण हटाये जाने की तैयारी की जा रही है.

CM Dhami on illegal encroachment
अतिक्रमण पर एक्शन में सीएम धामी
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Published : May 22, 2023, 3:28 PM IST

Updated : May 22, 2023, 5:35 PM IST

अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग

देहरादून: उत्तराखंड को इन दिनों अतिक्रमण मुक्त बनाने की कवायद जोरों शोरों से चल रही है. वर्तमान समय में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश भर में चलाई जा रही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान 344 अवैध मजार और 40 अवैध मंदिरों को हटाया है. प्रदेश में अभी भी अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई जारी है. मुख्य रूप से राज्य सरकार प्रदेश में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए प्राथमिकता के आधार काम कर रही है.

इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अतिक्रमण की स्थिति को लेकर हाई लेवल बैठक बुलाई. इस बैठक में मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू, फॉरेस्ट चीफ अनूप मलिक समेत तमाम विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के दौरान सीएम ने अतिक्रमण हटाने के नोडल अधिकारी एवं आईएफएस पराग मधुकर धकाते से प्रदेश में की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली. साथ ही सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि वन क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी तीव्र गति से अभियान के रूप में इसे हटाया जाये.

पढ़ें- उत्तराखंड में 'लैंड जिहाद' बीजेपी की जीत का 'फॉर्मूला'! 'डेमोग्राफी चेंज' साबित होगा बड़ा 'हथियार'

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा पहले ही कहा गया है कि जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है उसे खुद ही हटा लें, नहीं तो प्रशासन उसे हटाने का काम करेगा. लिहाजा, इसी क्रम में प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है. साथ ही सीएम ने कहा जब तक पूरी तरह प्रदेश अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता तब तक ये कार्रवाई जारी रहेगी.

  • सचिवालय में मीडिया बंधुओं के साथ वार्ता pic.twitter.com/VDx4OjvYYO

    — Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) May 22, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें- लैंड जिहाद पर 'हल्ला', अवैध खनन पर 'चुप्पी', उत्तराखंड में कुछ ऐसी है नेचुरल रिसोर्सेज पर 'दोहरी' नीति

सीएम धामी ने कहा किसी भी धर्म की आड़ में हुए अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन जगहों पर डेमोग्राफिक चेंज हुए हैं, उस पर भी सख्ती से काम करें. इसकी रिपोर्ट लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए, ताकि जो भी लोग बाहर से आकर बसे हैं उनका वेरिफिकेशन हो सके. इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अन्य राज्यों से जो लोग जमीन यहां खरीदेंगे तो उससे पहले उनका वेरिफिकेशन होना चाहिए.

शत्रु सम्पतियों पर पब्लिक प्रोजक्ट के प्रस्ताव बनाए जाये: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के सबंध में बैठक ली. जिसमें सीएम धामी ने अधिकारियों को प्रदेश की सरकारी जमीन के सभी अवैध अतिक्रमण शीघ्र हटाने के निर्देश दिये. प्रदेश में अतिक्रमण वाली भूमि पर राज्य के बाहर के कितने लोगों का कब्जा है और राज्य के कितने लोगों का कब्जा है, इसका डाटा शीघ्र प्रस्तुत किया जाए. सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के शासन स्तर पर आज ही शासनादेश जारी किया जाए. उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को कौशल विकास विभाग के माध्यम से तकनीकि प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. प्लम्बर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन एवं अन्य क्षेत्रों में राज्य के स्थानीय लोगों को बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी की जाए. इसके लिए जल्द शासनादेश निकाला जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की शत्रु सम्पतियों का अपनी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण करें. जिन शत्रु सम्पतियों को अभी तक जिला प्रशासन द्वारा अपने अधीन नहीं लिया गया है, उन्हें शीघ्र अपने अधीन लिया जाए. जिन शत्रु सम्पतियों को अपने अधीन लिया जा चुका है, उनमें क्या पब्लिक प्रोजक्ट बन सकते हैं, इसका प्रस्ताव भी जिलाधिकारियों द्वारा शीघ्र शासन को भेजा जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की अवशेष शत्रु सम्पतियों का जल्द चिन्हीकरण कर आवश्यक कार्यवाही करें.बैठक में जानकारी दी गई कि वन विभाग द्वारा 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा चुका है.

पढ़ें- अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को न रोकने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी. सरकारी भूमि से विशुद्ध रूप से अतिक्रमण हटना है. इसके लिए शासन से जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जनपदों को तेजी से कार्य करना है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में जो नई प्लाटिंग हो रही हैं, उनमें नियमानुसार सभी कार्यवाही हो, यदि कहीं भी कोई शिकायत आ रही है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर जो भी बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं, यह सुनिश्चित किया जाए कि उन सभी का सत्यापन पूरा हो.

पढ़ें- शेर सिंह राणा का आरोप BJP ने राजपूतों का इस्तेमाल किया, कांग्रेस को 2024 के लिए दी नसीहत, हाथ मिलाने के दिए संकेत

उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर और कुमाऊं कमिश्नर को निर्देश दिये कि अपने कमिश्नरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से सबंधित सभी गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखें. जिलाधिकारियों के साथ इसके लिए नियमित बैठकें भी करें. कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करें. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्राम समाज की जमीनों पर भी अतिक्रमण न हो, यदि कहीं ऐसा हो रहा है, तो संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि कानून का पूरी सख्ती से पालन हो. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के जाली प्रमाण पत्र न बनें, यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो, सबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भूमि का अपना यूनिक नंबर होगा. सभी विभाग अपनी सरकारी संपत्ति का रजिस्टर मेंटेन करेंगे. इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी. सरकारी भूमि की समय समय पर सेटेलाइट पिक्चर ली जाएगी. राज्य की सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसके लिए राजस्व परिषद में तकनीकि सहायता के लिए एक सेल बनाया गया. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. जनपद और राज्य स्तरीय समिति अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्यवाही की नियमित निगरानी रखेगी. सभी जनपदों में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है.

अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग

देहरादून: उत्तराखंड को इन दिनों अतिक्रमण मुक्त बनाने की कवायद जोरों शोरों से चल रही है. वर्तमान समय में राज्य सरकार की ओर से प्रदेश भर में चलाई जा रही अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई के दौरान 344 अवैध मजार और 40 अवैध मंदिरों को हटाया है. प्रदेश में अभी भी अतिक्रमण को हटाए जाने की कार्रवाई जारी है. मुख्य रूप से राज्य सरकार प्रदेश में हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए प्राथमिकता के आधार काम कर रही है.

इसी क्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अतिक्रमण की स्थिति को लेकर हाई लेवल बैठक बुलाई. इस बैठक में मुख्य सचिव सुखबीर सिंह संधू, फॉरेस्ट चीफ अनूप मलिक समेत तमाम विभागों के आला अधिकारी मौजूद रहे. बैठक के दौरान सीएम ने अतिक्रमण हटाने के नोडल अधिकारी एवं आईएफएस पराग मधुकर धकाते से प्रदेश में की जा रही कार्रवाई के संबंध में जानकारी ली. साथ ही सीएम ने इस बात पर जोर दिया कि वन क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रों में अतिक्रमण हटाने के साथ ही शहरी क्षेत्रों में भी तीव्र गति से अभियान के रूप में इसे हटाया जाये.

पढ़ें- उत्तराखंड में 'लैंड जिहाद' बीजेपी की जीत का 'फॉर्मूला'! 'डेमोग्राफी चेंज' साबित होगा बड़ा 'हथियार'

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा पहले ही कहा गया है कि जिन लोगों ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया है उसे खुद ही हटा लें, नहीं तो प्रशासन उसे हटाने का काम करेगा. लिहाजा, इसी क्रम में प्रशासन अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर रहा है. साथ ही सीएम ने कहा जब तक पूरी तरह प्रदेश अतिक्रमण मुक्त नहीं हो जाता तब तक ये कार्रवाई जारी रहेगी.

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सीएम धामी ने कहा किसी भी धर्म की आड़ में हुए अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. जिलाधिकारी की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित की गई है. इसके साथ ही सीएम ने कहा कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन जगहों पर डेमोग्राफिक चेंज हुए हैं, उस पर भी सख्ती से काम करें. इसकी रिपोर्ट लेकर पुलिस प्रशासन की ओर से वेरिफिकेशन ड्राइव चलाए, ताकि जो भी लोग बाहर से आकर बसे हैं उनका वेरिफिकेशन हो सके. इसके अलावा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अन्य राज्यों से जो लोग जमीन यहां खरीदेंगे तो उससे पहले उनका वेरिफिकेशन होना चाहिए.

शत्रु सम्पतियों पर पब्लिक प्रोजक्ट के प्रस्ताव बनाए जाये: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में राज्य की सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने के सबंध में बैठक ली. जिसमें सीएम धामी ने अधिकारियों को प्रदेश की सरकारी जमीन के सभी अवैध अतिक्रमण शीघ्र हटाने के निर्देश दिये. प्रदेश में अतिक्रमण वाली भूमि पर राज्य के बाहर के कितने लोगों का कब्जा है और राज्य के कितने लोगों का कब्जा है, इसका डाटा शीघ्र प्रस्तुत किया जाए. सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के शासन स्तर पर आज ही शासनादेश जारी किया जाए. उत्तराखंड के स्थानीय युवाओं को कौशल विकास विभाग के माध्यम से तकनीकि प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. प्लम्बर, कारपेंटर, इलेक्ट्रिशियन एवं अन्य क्षेत्रों में राज्य के स्थानीय लोगों को बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए. इसके लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था भी की जाए. इसके लिए जल्द शासनादेश निकाला जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की शत्रु सम्पतियों का अपनी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण करें. जिन शत्रु सम्पतियों को अभी तक जिला प्रशासन द्वारा अपने अधीन नहीं लिया गया है, उन्हें शीघ्र अपने अधीन लिया जाए. जिन शत्रु सम्पतियों को अपने अधीन लिया जा चुका है, उनमें क्या पब्लिक प्रोजक्ट बन सकते हैं, इसका प्रस्ताव भी जिलाधिकारियों द्वारा शीघ्र शासन को भेजा जाए. सभी जिलाधिकारी अपने जनपदों की अवशेष शत्रु सम्पतियों का जल्द चिन्हीकरण कर आवश्यक कार्यवाही करें.बैठक में जानकारी दी गई कि वन विभाग द्वारा 455 हेक्टेयर क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण को हटाया जा चुका है.

पढ़ें- अतिक्रमण पर सीएम धामी ने ली हाई लेवल मीटिंग, शहरी क्षेत्रों से भी हटेंगे अवैध कब्जे, दी ये चेतावनी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये कि सरकारी भूमि पर अतिक्रमण को न रोकने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जायेगी. सरकारी भूमि से विशुद्ध रूप से अतिक्रमण हटना है. इसके लिए शासन से जो आदेश जारी होंगे, उस पर सभी जनपदों को तेजी से कार्य करना है. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि जनपदों में जो नई प्लाटिंग हो रही हैं, उनमें नियमानुसार सभी कार्यवाही हो, यदि कहीं भी कोई शिकायत आ रही है, तो संबंधित अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि चारधाम यात्रा एवं अन्य धार्मिक स्थलों पर जो भी बाहरी लोग कार्य कर रहे हैं, यह सुनिश्चित किया जाए कि उन सभी का सत्यापन पूरा हो.

पढ़ें- शेर सिंह राणा का आरोप BJP ने राजपूतों का इस्तेमाल किया, कांग्रेस को 2024 के लिए दी नसीहत, हाथ मिलाने के दिए संकेत

उन्होंने गढ़वाल कमिश्नर और कुमाऊं कमिश्नर को निर्देश दिये कि अपने कमिश्नरी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने से सबंधित सभी गतिविधियों पर पूरी निगरानी रखें. जिलाधिकारियों के साथ इसके लिए नियमित बैठकें भी करें. कार्य के प्रति लापरवाही करने वाले अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय करें. उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्राम समाज की जमीनों पर भी अतिक्रमण न हो, यदि कहीं ऐसा हो रहा है, तो संबंधितों पर कड़ी कार्रवाई की जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि कानून का पूरी सख्ती से पालन हो. मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में किसी भी व्यक्ति के जाली प्रमाण पत्र न बनें, यदि ऐसी कोई शिकायत आती है तो, सबंधितों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सभी सरकारी भूमि का अपना यूनिक नंबर होगा. सभी विभाग अपनी सरकारी संपत्ति का रजिस्टर मेंटेन करेंगे. इसकी डिजिटल इन्वेंटरी होगी. सरकारी भूमि की समय समय पर सेटेलाइट पिक्चर ली जाएगी. राज्य की सरकारी जमीन से अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है. इसके लिए राजस्व परिषद में तकनीकि सहायता के लिए एक सेल बनाया गया. राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया गया है. जनपद और राज्य स्तरीय समिति अतिक्रमण हटाने के लिए की गई कार्यवाही की नियमित निगरानी रखेगी. सभी जनपदों में सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही गतिमान है.

Last Updated : May 22, 2023, 5:35 PM IST
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