देहरादून: जीवीके ईएमआरआई के साथ अनुबंध समाप्त होने के बाद अब उत्तराखंड में 108 आपातकालीन सेवाओं का संचालन नई कंपनी कर रही है. लेकिन लगातार एंबुलेसों की दुर्घटनाओं के बढ़ते ग्राफ को देखते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मामले का संज्ञान लिया है. साथ ही चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक से एक महीने के भीतर रिपोर्ट आयोग को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं.
बाल संरक्षण आयोग ने पूछा है कि 24 मई 2019 तक 108 एंबुलेंस के द्वारा अभी तक 11 एक्सीडेंट हुए हैं, जो कि गंभीर विषय है. क्योंकि आपातकालीन सेवा 108 का संचालन उत्तराखंड के जनमानस के जीवन और मृत्यु से जुड़ा मामला है. ऐसे में 108 एंबुलेंसों की दुर्घटनाएं होना एक गंभीर विषय है.
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बाल आयोग ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के महानिदेशक से पूछे ये सवाल
- 24 मई 2019 तक एंबुलेंसों की मरम्मत और उसका भुगतान किसने किया ?
- कितनी एंबुलेंस में आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई.
- 108 में तैनात कर्मचारियों की संख्या.
- तैनात कर्मचारियों का प्रशिक्षण किस विभाग या संस्था द्वारा कराया गया.
- गाड़ी के भीतर और सड़क पर गर्भवती महिलाओं द्वारा बच्चों को जन्म देने के कारण और संख्या की मांग.
- नई कंपनी ने कर्मचारियों की नियुक्ति गाड़ियों की संख्या के आधार पर क्यों नहीं की?
बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्वास्थ्य विभाग और जीवीके ईएमआरआई कंपनी का अनुबंध पत्र पेश करने और विभाग एवं कैंप कंपनी के बीच का अनुबंध पत्र आयोग को उपलब्ध कराने की मांग की है.
गौरतलब है कि जीवीके ईएमआरआई कंपनी का अनुबंध बीती 30 अप्रैल को समाप्त हो गया था. जिसके बाद 108 आपातकालीन सेवा का संचालन कैंप कंपनी संचालित कर रही है, लेकिन इस दौरान विभिन्न जिलों में 108 आपातकाल सेवा की दुर्घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अब शिक्षा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग के महानिदेशक से 1 महीने के भीतर जवाब तलब किया है.