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Dehradun Traffic: देहरादून की यातायात व्यवस्था को सुधारने पर मंथन, मुख्य सचिव बोले नए रूट और जागरूकता पर भी हो फोकस

देहरादून की ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने अधिकारियों को निर्देशित किया. साथ ही नियमों का पालन ना करने वालों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए. दूसरी ओर पुलिस ने नाबालिग वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया.

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Published : Feb 7, 2023, 9:33 AM IST

देहरादून: राजधानी देहरादून में ट्रैफिक जाम की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिससे आए दिन लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ता है. वहीं मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने देहरादून में यातायात को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (UMTA) को सक्रिय किया जाए. साथ ही, इसकी प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए. उन्होंने इसके लिए जहां आवश्यकता हो साइकिल ट्रैक, अंडरपास, अर्बन रोप-वे आदि की संभावनाओं को तलाशे जाने की भी बात कही. कहा कि जहां संभव हों नए रूट विकसित किए जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिन स्थानों पर इंजीनियरिंग वर्क से सुधार आ सकता है, इसे संबंधित विभागों द्वारा तुरंत कर लिया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि चौराहों पर अगले 15 दिन में विद्युत पोल को स्थानांतरित कर दिया जाए. जिन स्थानों पर अधिक यातायात संकुलन है उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे आदि के माध्यम से गलत तरीके से अथवा नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करने वालों का भी चालान किया जाए. इसके लिए ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग किया जा सकता है.
पढ़ें-जाम ने फुला दिया है राजधानी देहरादून का दम, एसपी ट्रैफिक ने किया निरीक्षण

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को किस प्रकार से कम किया जा सकता है, इसके लिए स्कूलों से बात करके सुझाव मांगे जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम पर स्कूलों के लिए परिवहन निगम की बसों को भी लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है. बड़े मॉल और संस्थान जो अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे या पार्किंग को अन्य कार्यों के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात प्रणाली में सुधार लाए जाने की आवश्यकता है. कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए. साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए. अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए.

पढ़ें-उत्तराखंड पुलिस में तैनाती का झोलझाल, पुलिस एक्ट को दरकिनार कर हो रही मनमानी!

देहरादून पुलिस का अभियान: यातायात पुलिस द्वारा नाबालिग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अभिभावकों को पत्र लिखकर सुधार की अपेक्षा की गई थी. इसके साथ सभी स्कूल के माध्यम से भी प्रचार प्रसार कर, होर्डिंग लगाकर सबको सूचित किया गया था. अभियान के तहत सीपीयू टीम द्वारा ऑपरेशन मोर्निंग स्टॉर्म चलाया गया. देहरादून शहर क्षेत्रांतर्गत अवस्थित स्कूलों में पढ़ रहे छात्र जिनके द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का पालन न करते हुए यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था. ऐसे नाबालिगों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की गई. टीम द्वारा कुल 80 चालान किए गए जिसमें 27 वाहन स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिग छात्रों से सम्बंधित है. इन सब वाहनों को सीज कर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.इसके ही साथ अन्य 53 वाहनों पर एमवी एक्ट की अन्य धाराओं में चालान किए गए.

पुलिस ने मोबाइल लौटाए: पुलिस की सीआईयू सेल ने गुम हुए 37 स्मार्टफोन तलाश कर लोगों को वापस लौटाने का काम किया है. अपने खोए फोन मिलने के बाद लोग काफी खुश नजर आए और पुलिस का धन्यवाद किया. टिहरी के एसएसपी नवनीत भुल्लर ढालवाला स्थित सीआईयू के कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने एक कार्यक्रम के बीच लोगों के गुम हुए 37 मोबाइल अपने हाथों से वापस लौटाए. जिनकी कीमत करीब 6 लाख रुपए बताई. अपने गुम हुए मोबाइल वापस मिलने पर लोगों ने पुलिस को शुक्रिया कहा. एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि किसी भी मोबाइल का क्राइम में इस्तेमाल होने की जानकारी नहीं मिली है. यह सभी मोबाइल उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी राज्य से पुलिस ने रिकवर किए हैं.

देहरादून: राजधानी देहरादून में ट्रैफिक जाम की समस्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है. जिससे आए दिन लोगों को परेशानियों से जूझना पड़ता है. वहीं मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधू ने देहरादून में यातायात को दुरुस्त करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया.

मुख्य सचिव ने कहा कि शहर के यातायात संकुलन कम करने की दिशा में लगातार अनुश्रवण प्रणाली की देखरेख के लिए यूनिफाइड मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी (UMTA) को सक्रिय किया जाए. साथ ही, इसकी प्रत्येक माह बैठक आयोजित की जाए. उन्होंने इसके लिए जहां आवश्यकता हो साइकिल ट्रैक, अंडरपास, अर्बन रोप-वे आदि की संभावनाओं को तलाशे जाने की भी बात कही. कहा कि जहां संभव हों नए रूट विकसित किए जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि जिन जिन स्थानों पर इंजीनियरिंग वर्क से सुधार आ सकता है, इसे संबंधित विभागों द्वारा तुरंत कर लिया जाए. उन्होंने निर्देश दिए कि चौराहों पर अगले 15 दिन में विद्युत पोल को स्थानांतरित कर दिया जाए. जिन स्थानों पर अधिक यातायात संकुलन है उन स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे आदि के माध्यम से गलत तरीके से अथवा नो पार्किंग जोन में गाड़ी खड़ी करने वालों का भी चालान किया जाए. इसके लिए ड्रोन कैमरों का भी प्रयोग किया जा सकता है.
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मुख्य सचिव ने कहा कि शहर में स्कूल बसों से लगने वाले जाम को किस प्रकार से कम किया जा सकता है, इसके लिए स्कूलों से बात करके सुझाव मांगे जाए. उन्होंने कहा कि स्कूल टाइम पर स्कूलों के लिए परिवहन निगम की बसों को भी लगाए जाने पर विचार किया जा सकता है. बड़े मॉल और संस्थान जो अपनी पार्किंग का प्रयोग नहीं कर रहे या पार्किंग को अन्य कार्यों के लिए प्रयोग कर रहे हैं, उन्हें शीघ्र नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाए.

मुख्य सचिव ने कहा कि यातायात संकुलन को कम करने के लिए सार्वजनिक यातायात प्रणाली में सुधार लाए जाने की आवश्यकता है. कहा कि पब्लिक ट्रांसपोर्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाए. साथ ही वाहनों की टाइमिंग भी सुनिश्चित किया जाए. अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग करते हुए प्रत्येक बस स्टॉप पर अगली आने वाली बस के पहुंचने का समय भी प्रदर्शित किया जाना चाहिए.

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देहरादून पुलिस का अभियान: यातायात पुलिस द्वारा नाबालिग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत अभिभावकों को पत्र लिखकर सुधार की अपेक्षा की गई थी. इसके साथ सभी स्कूल के माध्यम से भी प्रचार प्रसार कर, होर्डिंग लगाकर सबको सूचित किया गया था. अभियान के तहत सीपीयू टीम द्वारा ऑपरेशन मोर्निंग स्टॉर्म चलाया गया. देहरादून शहर क्षेत्रांतर्गत अवस्थित स्कूलों में पढ़ रहे छात्र जिनके द्वारा मोटर वाहन अधिनियम के नियमों का पालन न करते हुए यातायात नियमों का उल्लंघन किया जा रहा था. ऐसे नाबालिगों के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के अंतर्गत कड़ी कार्रवाई की गई. टीम द्वारा कुल 80 चालान किए गए जिसमें 27 वाहन स्कूल में पढ़ने वाले नाबालिग छात्रों से सम्बंधित है. इन सब वाहनों को सीज कर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया है.इसके ही साथ अन्य 53 वाहनों पर एमवी एक्ट की अन्य धाराओं में चालान किए गए.

पुलिस ने मोबाइल लौटाए: पुलिस की सीआईयू सेल ने गुम हुए 37 स्मार्टफोन तलाश कर लोगों को वापस लौटाने का काम किया है. अपने खोए फोन मिलने के बाद लोग काफी खुश नजर आए और पुलिस का धन्यवाद किया. टिहरी के एसएसपी नवनीत भुल्लर ढालवाला स्थित सीआईयू के कार्यालय पहुंचे. यहां उन्होंने एक कार्यक्रम के बीच लोगों के गुम हुए 37 मोबाइल अपने हाथों से वापस लौटाए. जिनकी कीमत करीब 6 लाख रुपए बताई. अपने गुम हुए मोबाइल वापस मिलने पर लोगों ने पुलिस को शुक्रिया कहा. एसएसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि किसी भी मोबाइल का क्राइम में इस्तेमाल होने की जानकारी नहीं मिली है. यह सभी मोबाइल उत्तराखंड के अलावा पड़ोसी राज्य से पुलिस ने रिकवर किए हैं.

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