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उत्तराखंड में चारधाम व्यवस्थाएं 'धड़ाम', दुबई में मंत्री जी का क्या काम?

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Published : May 11, 2022, 3:30 PM IST

Updated : May 11, 2022, 10:41 PM IST

उत्तराखंड में चारधाम यात्रा अपने शुरुआती पहले हफ्ते में ही सारे रिकॉर्ड तोड़ चुकी है. चारधाम यात्रा में श्रद्धालु की भीड़ इस कदर पहुंच रही है कि सरकार के व्यवस्थाओं के दावे धरे के धरे रह गए. चारधाम यात्रा के लिए सरकार के सभी सिस्टम फेल हो गए हैं तो दूसरी तरफ पर्यटन मंत्री विदेश यात्रा पर घूम रहे हैं. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज दुबई से यात्रा की व्यवस्था संभाल रहे हैं.

Chardham Yatra
चारधाम यात्रा

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के मंत्री अपने कार्य को लेकर कितने गंभीर हैं, इस बात का अंदाजा आपको दो बातों को जानकर हो जाएगा. पहली ये कि जब उत्तराखंड में जंगल जल रहे थे तो संबंधित विभाग के मंत्री मुंबई प्रवास पर थे और अब जब उत्तराखंड में उम्मीद से अधिक श्रद्धालु पहुंच गए हैं और चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं, तो उत्तराखंड सरकार के पर्यटन मंत्री (Tourism Minister Satpal Maharaj) दुबई में एग्जीबिशन का उद्घाटन (Exhibition inaugurated in Dubai) करने के लिए पहुंचे हुए हैं.

चारधाम में अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि मुख्य यात्रा पड़ाव रुद्रप्रयाग, चमोली जैसे स्थानों पर श्रद्धालु पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने और रहने के लिए जूझ रहे हैं. ये वक्त ऐसा है कि जब इन मंत्रियों को उत्तराखंड में रहकर चारधाम यात्रा पर हो रही दिक्कतों को लेकर अधिकारियों से बैठक करनी थी, उस समय वो दुबई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे हैं.

उत्तराखंड में चारधाम व्यवस्थाएं 'धड़ाम', दुबई में मंत्री जी का क्या काम?

सरकार और मंत्रियों के लिए राज्य की जनता परिवार की तरह होनी चाहिए. राज्य में कोई भी चारधाम जैसा भव्य आयोजन हो तो संबंधित मंत्री को सांस लेने की फुर्सत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये सीधे तौर पर उनकी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे आयोजनों में राज्य का सिर ऊंचा रहे और शांतिपूर्वक ढंग से यात्रा को पूर्ण करवाया जाए. लेकिन यहां तो हालात ऐसे हैं कि देश की सबसे बड़ी यात्राओं में शामिल चारधाम को शुरू हुए अभी 10 दिनों का समय ही बीता है और अपार भीड़ की वजह से तमाम व्यवस्थाएं धड़ाम हो रही हैं.
ये भी पढ़ेंः Exclusive: ये हैं केदारनाथ के हैवी ड्राइवर !, 'पहाड़' पर दौड़ा रहे ट्रैक्टर

ऐसा नहीं है कि सरकार को ये पता नहीं था कि पिछले 2 साल यात्रा से बंद होने की वजह से इस बार की यात्रा में ऐसी भीड़ उमड़ पड़ेगी, लेकिन उसके बाद भी व्यवस्थाओं की हालात देखकर हैरानी हो रही है. हाल फिलहाल में अगर देखा जाए तो चारधाम यात्रा को लेकर बीते 5 दिनों में कोई भी बैठक मंत्री के साथ नहीं हुई है, और हो भी कैसे क्योंकि मंत्री सतपाल महाराज दुबई में बैठकर अरेबियन ट्रैवल मार्केट (Arabian Travel Market) कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.

अपने चार दिवसीय दौरे से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड के लिए क्या लेकर आएंगे, इस बात का अंदाजा तो पूर्व की सरकारों में विदेश गए मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों के दौरे से लगाया जा सकता है, लेकिन मौजूदा समय में मंत्री के उत्तराखंड में न होने की वजह से बहुत से काम देरी से जरूर हो रहे हैं.

क्यों दुबई गए हैं सतपाल महाराज: मंत्री सतपाल महाराज 4 दिनों के दुबई दौरे पर हैं. पहले दिन यानी 9 मई को सतपाल महाराज ने अरेबियन ट्रैवल मार्केट का उद्घाटन किया. बताया गया है कि यहां पर उन्होंने उत्तराखंड पवेलियन के अतिरिक्त भारतीय पर्यटन पवेलियन का भी उद्घाटन किया. 10 मई को सतपाल महाराज ने पत्रकारों को संबोधित किया, सतपाल महाराज ने यहां पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने चारधाम यात्रा सहित नेलांग घाटी, गरतांग गली सहित अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी भी दुबई के पत्रकारों को दी.

इतना सब तो ठीक है, लेकिन सवाल ये है कि उत्तराखंड में हालात गड़बड़ाए हुए हैं और दुबई में बैठकर मंत्री यहां चारधाम की व्यवस्थाओं का बखान कर रहे हैं. बहरहाल, अब बैठे-बिठाए कांग्रेस को भी ये मुद्दा मिल गया है. हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहा कि यह दुबई में यह सरकारी कार्यक्रम पहले से निर्धारित था. वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह से लेकर कांग्रेस के प्रवक्ताओं की फौज ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रीतम सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि, सतपाल महाराज प्रदेश के नहीं विश्व के पर्यटन मंत्री हैं और हमेशा से इसी तरह से रहे हैं. राज्य में हालात बेकाबू हैं और व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है.
ये भी पढ़ेंः चारधाम तीर्थयात्रियों के काम की खबर: ऋषिकेश में मेडिकल कराने के बाद ही आगे जाएंगे बुजुर्ग

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि, बीजेपी को सरकार चलाने ही नहीं आती, यह लोग सत्ता में तो आ गए हैं लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि राज्य में चारधाम यात्रा में लोगों की जान जा रही है. 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और मंत्री जी दुबई में कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. जबकि होना ये चाहिए था कि उन्हें केदारनाथ में जाकर व्यवस्थाओं की स्थिति देखनी चाहिए थी, क्योंकि चारधाम यात्रा का सीधा सरोकार पर्यटन मंत्री से है.

बीजेपी की दबी जुबान में सफाई: कांग्रेस ने सतपाल महाराज और सरकार को घेरा तो दबी जुबान में बीजेपी को भी सफाई देनी पड़ रही है. बीजेपी प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि, सतपाल महाराज का ये कार्यक्रम पहले से निर्धारित था और अगर वो वहां पर गए भी हैं तो सरकार के दूसरे मंत्री चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं. लगातार मंत्री मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

बीजेपी प्रवक्ता कुछ भी कहें, लेकिन हकीकत यही है कि अगर सब कुछ सही रहता और मंत्री उत्तराखंड में रहकर अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते तो केंद्र सरकार को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हो रही मौतों को लेकर जवाब तलब नहीं करना पड़ता.

पहले जंगल जल रहे थे तो मुंबई में थे मंत्री: वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है. बीते दिनों जब उत्तराखंड में जंगल धू-धू कर जल रहे थे और उस आग की लपटें घरों-स्कूलों तक पहुंच गई थीं, तब उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल भी मुंबई में बैठकर उत्तराखंड की मॉनिटरिंग कर रहे थे, ऐसा उनका कहना है. हालांकि, बाद में उन्होंने ये भी बताया था कि आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का इसलिए भी प्रयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि अगर हेलीकॉप्टर को लगाया जाएगा तो जंगलों में आज और फैलेगी.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पटरी से उतरी व्यवस्थाएं, वाहनों के लिए परेशान हो रहे यात्री

सरकार और उनके मंत्री को देना होगा ध्यान: कांग्रेस और बीजेपी चाहे एक दूसरे पर कितने भी आरोप-प्रत्यारोप लगाए, लेकिन हकीकत यही है कि सरकार को चारधाम यात्रा पर आने वाले भक्तों की दिक्कतों का समाधान करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा, क्योंकि यही यात्रा है जो उत्तराखंड में राजस्व से सरकार का खजाना भरती है. इस यात्रा की वजह से उत्तराखंड के लाखों लाख परिवार अपना भरण-पोषण कर रहे हैं. ऐसे में मंत्री जी भले ही दुबई रहें या कहीं और, लेकिन कम से कम ऐसे समय में तो उत्तराखंड में रहकर राज्य की व्यवस्थाओं को देखते रहें.

आपको बता दें कि, उत्तराखंड में अबतक 22 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जिसमें यमुनोत्री धाम में 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, गंगोत्री धाम में 3 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, केदारनाथ धाम में छह श्रद्धालुओं की मौत हुई है और 2 मौतें बदरीनाथ धाम में हुई है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के मंत्री अपने कार्य को लेकर कितने गंभीर हैं, इस बात का अंदाजा आपको दो बातों को जानकर हो जाएगा. पहली ये कि जब उत्तराखंड में जंगल जल रहे थे तो संबंधित विभाग के मंत्री मुंबई प्रवास पर थे और अब जब उत्तराखंड में उम्मीद से अधिक श्रद्धालु पहुंच गए हैं और चारधाम यात्रा (Chardham Yatra) की व्यवस्थाएं पूरी तरह से चरमराई हुई हैं, तो उत्तराखंड सरकार के पर्यटन मंत्री (Tourism Minister Satpal Maharaj) दुबई में एग्जीबिशन का उद्घाटन (Exhibition inaugurated in Dubai) करने के लिए पहुंचे हुए हैं.

चारधाम में अव्यवस्थाओं का आलम ये है कि मुख्य यात्रा पड़ाव रुद्रप्रयाग, चमोली जैसे स्थानों पर श्रद्धालु पेट्रोल-डीजल, खाने-पीने और रहने के लिए जूझ रहे हैं. ये वक्त ऐसा है कि जब इन मंत्रियों को उत्तराखंड में रहकर चारधाम यात्रा पर हो रही दिक्कतों को लेकर अधिकारियों से बैठक करनी थी, उस समय वो दुबई प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे हैं.

उत्तराखंड में चारधाम व्यवस्थाएं 'धड़ाम', दुबई में मंत्री जी का क्या काम?

सरकार और मंत्रियों के लिए राज्य की जनता परिवार की तरह होनी चाहिए. राज्य में कोई भी चारधाम जैसा भव्य आयोजन हो तो संबंधित मंत्री को सांस लेने की फुर्सत नहीं होनी चाहिए, क्योंकि ये सीधे तौर पर उनकी जिम्मेदारी बनती है कि ऐसे आयोजनों में राज्य का सिर ऊंचा रहे और शांतिपूर्वक ढंग से यात्रा को पूर्ण करवाया जाए. लेकिन यहां तो हालात ऐसे हैं कि देश की सबसे बड़ी यात्राओं में शामिल चारधाम को शुरू हुए अभी 10 दिनों का समय ही बीता है और अपार भीड़ की वजह से तमाम व्यवस्थाएं धड़ाम हो रही हैं.
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ऐसा नहीं है कि सरकार को ये पता नहीं था कि पिछले 2 साल यात्रा से बंद होने की वजह से इस बार की यात्रा में ऐसी भीड़ उमड़ पड़ेगी, लेकिन उसके बाद भी व्यवस्थाओं की हालात देखकर हैरानी हो रही है. हाल फिलहाल में अगर देखा जाए तो चारधाम यात्रा को लेकर बीते 5 दिनों में कोई भी बैठक मंत्री के साथ नहीं हुई है, और हो भी कैसे क्योंकि मंत्री सतपाल महाराज दुबई में बैठकर अरेबियन ट्रैवल मार्केट (Arabian Travel Market) कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं.

अपने चार दिवसीय दौरे से पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज उत्तराखंड के लिए क्या लेकर आएंगे, इस बात का अंदाजा तो पूर्व की सरकारों में विदेश गए मंत्रियों-मुख्यमंत्रियों के दौरे से लगाया जा सकता है, लेकिन मौजूदा समय में मंत्री के उत्तराखंड में न होने की वजह से बहुत से काम देरी से जरूर हो रहे हैं.

क्यों दुबई गए हैं सतपाल महाराज: मंत्री सतपाल महाराज 4 दिनों के दुबई दौरे पर हैं. पहले दिन यानी 9 मई को सतपाल महाराज ने अरेबियन ट्रैवल मार्केट का उद्घाटन किया. बताया गया है कि यहां पर उन्होंने उत्तराखंड पवेलियन के अतिरिक्त भारतीय पर्यटन पवेलियन का भी उद्घाटन किया. 10 मई को सतपाल महाराज ने पत्रकारों को संबोधित किया, सतपाल महाराज ने यहां पत्रकारों को बताया कि उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. उन्होंने चारधाम यात्रा सहित नेलांग घाटी, गरतांग गली सहित अन्य पर्यटन स्थलों की जानकारी भी दुबई के पत्रकारों को दी.

इतना सब तो ठीक है, लेकिन सवाल ये है कि उत्तराखंड में हालात गड़बड़ाए हुए हैं और दुबई में बैठकर मंत्री यहां चारधाम की व्यवस्थाओं का बखान कर रहे हैं. बहरहाल, अब बैठे-बिठाए कांग्रेस को भी ये मुद्दा मिल गया है. हालांकि, बीजेपी नेताओं का कहा कि यह दुबई में यह सरकारी कार्यक्रम पहले से निर्धारित था. वहीं, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह से लेकर कांग्रेस के प्रवक्ताओं की फौज ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रीतम सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि, सतपाल महाराज प्रदेश के नहीं विश्व के पर्यटन मंत्री हैं और हमेशा से इसी तरह से रहे हैं. राज्य में हालात बेकाबू हैं और व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है.
ये भी पढ़ेंः चारधाम तीर्थयात्रियों के काम की खबर: ऋषिकेश में मेडिकल कराने के बाद ही आगे जाएंगे बुजुर्ग

वहीं, कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. प्रतिमा सिंह ने कहा कि, बीजेपी को सरकार चलाने ही नहीं आती, यह लोग सत्ता में तो आ गए हैं लेकिन उन्हें ये नहीं पता कि राज्य में चारधाम यात्रा में लोगों की जान जा रही है. 20 से अधिक लोगों की मौत हो गई है और मंत्री जी दुबई में कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे हैं. जबकि होना ये चाहिए था कि उन्हें केदारनाथ में जाकर व्यवस्थाओं की स्थिति देखनी चाहिए थी, क्योंकि चारधाम यात्रा का सीधा सरोकार पर्यटन मंत्री से है.

बीजेपी की दबी जुबान में सफाई: कांग्रेस ने सतपाल महाराज और सरकार को घेरा तो दबी जुबान में बीजेपी को भी सफाई देनी पड़ रही है. बीजेपी प्रवक्ता विपिन कैंथोला ने कहा कि, सतपाल महाराज का ये कार्यक्रम पहले से निर्धारित था और अगर वो वहां पर गए भी हैं तो सरकार के दूसरे मंत्री चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं में लगे हुए हैं. लगातार मंत्री मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

बीजेपी प्रवक्ता कुछ भी कहें, लेकिन हकीकत यही है कि अगर सब कुछ सही रहता और मंत्री उत्तराखंड में रहकर अपना काम बेहतर तरीके से कर पाते तो केंद्र सरकार को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री में हो रही मौतों को लेकर जवाब तलब नहीं करना पड़ता.

पहले जंगल जल रहे थे तो मुंबई में थे मंत्री: वैसे ये कोई पहला मामला नहीं है. बीते दिनों जब उत्तराखंड में जंगल धू-धू कर जल रहे थे और उस आग की लपटें घरों-स्कूलों तक पहुंच गई थीं, तब उत्तराखंड के वन एवं पर्यावरण मंत्री सुबोध उनियाल भी मुंबई में बैठकर उत्तराखंड की मॉनिटरिंग कर रहे थे, ऐसा उनका कहना है. हालांकि, बाद में उन्होंने ये भी बताया था कि आग बुझाने के लिए हेलीकॉप्टर का इसलिए भी प्रयोग नहीं किया जा रहा है क्योंकि अगर हेलीकॉप्टर को लगाया जाएगा तो जंगलों में आज और फैलेगी.
ये भी पढ़ेंः केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पटरी से उतरी व्यवस्थाएं, वाहनों के लिए परेशान हो रहे यात्री

सरकार और उनके मंत्री को देना होगा ध्यान: कांग्रेस और बीजेपी चाहे एक दूसरे पर कितने भी आरोप-प्रत्यारोप लगाए, लेकिन हकीकत यही है कि सरकार को चारधाम यात्रा पर आने वाले भक्तों की दिक्कतों का समाधान करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य करना होगा, क्योंकि यही यात्रा है जो उत्तराखंड में राजस्व से सरकार का खजाना भरती है. इस यात्रा की वजह से उत्तराखंड के लाखों लाख परिवार अपना भरण-पोषण कर रहे हैं. ऐसे में मंत्री जी भले ही दुबई रहें या कहीं और, लेकिन कम से कम ऐसे समय में तो उत्तराखंड में रहकर राज्य की व्यवस्थाओं को देखते रहें.

आपको बता दें कि, उत्तराखंड में अबतक 22 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है, जिसमें यमुनोत्री धाम में 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, गंगोत्री धाम में 3 श्रद्धालुओं की मौत हुई है, केदारनाथ धाम में छह श्रद्धालुओं की मौत हुई है और 2 मौतें बदरीनाथ धाम में हुई है.

Last Updated : May 11, 2022, 10:41 PM IST
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