देहरादून: चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हर साल नवरात्रि की शुरूआत होती हैं. नवरात्रि में मां भगवती के नौ रूपों की उपासना की जाती है. आज पूजा का पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है. नवरात्र के प्रथम दिन देवी के शैलपुत्री स्वरूप की उपासना की जाती है. मान्यता है कि नवरात्र के पहले दिन मां की सच्चे मन से उपासना करने से हर मुराद पूरी होती है. वहीं मां की पूजा से नाम यश और उत्तम स्वास्थ्य का आशीष मिलता है.
हिंदू धर्म में चैत्र माह की शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले नवरात्रि का खास महत्व है. नवरात्रि साल में चार बार आते हैं- माघ, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन. मन में उल्लास, उमंग और उत्साह की वृद्धि होती है. नवरात्रि में नौ दिन मां की उपासना की जाती है. नवरात्रि के पहले दिन चंद्र दर्शन और शैलपुत्री की पूजा की जाती है.
ऐसे करें मां की उपासना
- रात के समय लाल वस्त्र धारण करें.
- मां को ताम्बे का सिक्का भी अर्पित करें.
- शैलपुत्री के इस मंत्र 'ॐ दुं दुर्गाय नमः' का जाप करें.
- सूर्य के मंत्र 'ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः' का जाप करें.
- तांबे का छल्ला, अनामिका अंगुली में धारण करें.
- मां शैलपुत्री को लाल फूल और लाल फल अर्पित करें.