देहरादून: जिले की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष सीबीआई अदालत से अहम फैसला आया है. बैंक से लोन पास करने के एवज में 10 हजार के रिश्वत लेने के मामले में ग्रामीण बैंक के मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को सात साल कैद और बैंक के चपरासी सुदेश कुमार को 5 साल की सजा सुनाई गई है.
मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने दोनों आरोपियों विपिन चंद्र आर्य और सुदेश कुमार को दोषी पाया. विपिन को सात साल की कैद और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मिली. जुर्माने की राशि न अदा करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास होगा. वहीं, सुदेश कुमार को भी दोषी ठहराते हुए 5 साल कैद और 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. जुर्माने अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा.
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ये था मामला
14 सितंबर 2018 को उधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले गदरपुर निवासी रुपचंद्र ने बैंक लोन लेने के लिए गदरपुर के ग्रामीण बैंक में आवेदन किया था. लेकिन लोन पास करने के एवज में बैंक के चपरासी सुरेश कुमार ने मैनेजर से मिलीभगत कर रुपचंद्र से 10000 रुपए रिश्वत की मांग की. इधर, लोन पास कराने के लिए 18 सितंबर 2018 को सीबीआई ने योजनाबद्ध तरीके से रुपचंद्र की मदद लेकर बैंक मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को 10000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सीबीआई कोर्ट में इस मामले पर करीब साल से अधिक समय तक केस चला. इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान विपिन चंद्र आर्य और चपरासी सुदेश कुमार के खिलाफ कुल 11 गवाह पेश किए गए.