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रिश्वत मामला: CBI कोर्ट ने बैंक मैनेजर और चपरासी को सुनाई कैद की सजा

लोन पास कराने के एवज में रिश्वत के आरोपी बैंक मैनेजर और चपरासी को सीबीआई की विशेष अदालत ने सजा सुनाई. मैनेजर को 7 साल और चपरासी को 5 साल कैद की सजा सुनाई गई है.

bribery case
रिश्वत मामले में CBI कोर्ट का फैसला
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Published : Nov 15, 2019, 8:48 PM IST

Updated : Dec 16, 2019, 4:19 PM IST

देहरादून: जिले की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष सीबीआई अदालत से अहम फैसला आया है. बैंक से लोन पास करने के एवज में 10 हजार के रिश्वत लेने के मामले में ग्रामीण बैंक के मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को सात साल कैद और बैंक के चपरासी सुदेश कुमार को 5 साल की सजा सुनाई गई है.

रिश्वत मामले में CBI कोर्ट का फैसला

मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने दोनों आरोपियों विपिन चंद्र आर्य और सुदेश कुमार को दोषी पाया. विपिन को सात साल की कैद और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मिली. जुर्माने की राशि न अदा करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास होगा. वहीं, सुदेश कुमार को भी दोषी ठहराते हुए 5 साल कैद और 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. जुर्माने अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा.

पढ़ेंः देहरादूनः पूर्व सैन्य अधिकारी की जमीन पर भू माफिया ने किया कब्जा, सात के खिलाफ मामला दर्ज

ये था मामला
14 सितंबर 2018 को उधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले गदरपुर निवासी रुपचंद्र ने बैंक लोन लेने के लिए गदरपुर के ग्रामीण बैंक में आवेदन किया था. लेकिन लोन पास करने के एवज में बैंक के चपरासी सुरेश कुमार ने मैनेजर से मिलीभगत कर रुपचंद्र से 10000 रुपए रिश्वत की मांग की. इधर, लोन पास कराने के लिए 18 सितंबर 2018 को सीबीआई ने योजनाबद्ध तरीके से रुपचंद्र की मदद लेकर बैंक मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को 10000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सीबीआई कोर्ट में इस मामले पर करीब साल से अधिक समय तक केस चला. इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान विपिन चंद्र आर्य और चपरासी सुदेश कुमार के खिलाफ कुल 11 गवाह पेश किए गए.

देहरादून: जिले की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष सीबीआई अदालत से अहम फैसला आया है. बैंक से लोन पास करने के एवज में 10 हजार के रिश्वत लेने के मामले में ग्रामीण बैंक के मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को सात साल कैद और बैंक के चपरासी सुदेश कुमार को 5 साल की सजा सुनाई गई है.

रिश्वत मामले में CBI कोर्ट का फैसला

मिली जानकारी के अनुसार, कोर्ट ने दोनों आरोपियों विपिन चंद्र आर्य और सुदेश कुमार को दोषी पाया. विपिन को सात साल की कैद और 30 हजार रुपए अर्थदंड की सजा मिली. जुर्माने की राशि न अदा करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास होगा. वहीं, सुदेश कुमार को भी दोषी ठहराते हुए 5 साल कैद और 5 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई गई है. जुर्माने अदा न करने पर दो माह का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा.

पढ़ेंः देहरादूनः पूर्व सैन्य अधिकारी की जमीन पर भू माफिया ने किया कब्जा, सात के खिलाफ मामला दर्ज

ये था मामला
14 सितंबर 2018 को उधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले गदरपुर निवासी रुपचंद्र ने बैंक लोन लेने के लिए गदरपुर के ग्रामीण बैंक में आवेदन किया था. लेकिन लोन पास करने के एवज में बैंक के चपरासी सुरेश कुमार ने मैनेजर से मिलीभगत कर रुपचंद्र से 10000 रुपए रिश्वत की मांग की. इधर, लोन पास कराने के लिए 18 सितंबर 2018 को सीबीआई ने योजनाबद्ध तरीके से रुपचंद्र की मदद लेकर बैंक मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को 10000 रुपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया. सीबीआई कोर्ट में इस मामले पर करीब साल से अधिक समय तक केस चला. इस कानूनी प्रक्रिया के दौरान विपिन चंद्र आर्य और चपरासी सुदेश कुमार के खिलाफ कुल 11 गवाह पेश किए गए.

Intro:pls- इस खबर से संबंधित सीबीआई कोर्ट के आदेश की कॉपी ई-मेल द्वारा भेजी गई है कृपया उठाने का कष्ट। summary-सीबीआई कोर्ट से आया अहम फ़ैसला:रिश्वत मामलें में दोषी ठहराए गए बैंक मैनेजर को 7 साल, तो चपरासी को 5 साल की सजा, लोन पास करने के बाद में मांगी गई थी 10 हजार की रिश्वत, दो हज़ार अट्ठारह में गदरपुर में सीबीआई ने रंगे हाथों किया था बैंक मैनेजर। देहरादून की भ्रष्टाचार निरोधक विशेष सीबीआई अदालत से शुक्रवार अहम फैसला आया जिसमें बैंक से लोन पास करने के एवज में 10 हजार के रिश्वत लेने वाले मामलें में ग्रामीण बैंक के मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 7 साल की कठोर कारावास की सजा और 30 हज़ार रुपये का अर्थदंड जुर्माना अदा करने का फैसला सुनाया। जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषी ठहराए गए मैनेजर को 6 माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इतना ही नहीं इस रिश्वत कांड मामले में ग्रामीण बैंक के मैनेजर का सहयोग करने वाले बैंक चपरासी सुदेश कुमार को भी धारा 120 बी आईपीसी के तहत सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार देते हुए 5 साल की कठोर कारावास और ₹5000 का आर्थिक दंड अदा करने का फैसला सुनाया... जुर्माने की राशि अदा न करने पर दोषी सुदेश कुमार को 2 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।


Body:जानकारी के मुताबिक 14 सितंबर 2018 को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत आने वाले गदरपुर निवासी रूपचंद्र ने बैंक लोन लेने के लिए गदरपुर के ग्रामीण बैंक में आवेदन किया था। लेकिन लोन पास करने के एवज में बैंक के चपरासी सुरेश कुमार ने मैनेजर से मिलीभगत कर ₹10000 की आवेदक से रिश्वत की मांग की। इधर लोन पास कराने के लिए 18 सितंबर 2018 को आवेदक द्वारा बैंक मैनेजर विपिन चंद्र आर्य को सीबीआई ने शिकायत के आधार पर रिश्वत के ₹10000 लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया। लगभग 1 साल से अधिक इस मामले में सीबीआई कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया के दौरान गदरपुर स्थित ग्रामीण बैंक मैनेजर और चपरासी के खिलाफ सभी साक्ष्य व सबूतों के साथ ही कुल 11 गवाह पेश किए गए। अंततः शुक्रवार देहरादून की भ्रष्टाचार निरोधक सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायधीश सुजाता सिंह की अदालत ने बैंक मैनेजर को दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा व ₹30000 का जुर्माना लगाया जबकि रिश्वत कांड के बैंक चपरासी को 5 साल की सजा और ₹5000 का आर्थिक जुर्माना अदा करने का सीबीआई कोर्ट आदेश दिया।


Conclusion:
Last Updated : Dec 16, 2019, 4:19 PM IST
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