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गड़बड़झाला: बिना निलामी औने-पौन दामों में बेचा कबाड़, अधिकारी काट रहे चांदी

कर्मचारी ने शिकायत कर अधिकारियों के कबाड़ में किए गए झोल की पोल खोली है. जिसके बाद महापौर ने इस मामले को लेकर विभागीय मंत्री से शिकायत कर दी है. ऐसे में अब इन अधिकारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है.

निगम के अधिकारियों ने औने-पौने दामों में बैचा कबाड़.
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Published : Jun 23, 2019, 8:06 AM IST

ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश में कबाड़ घोटाले का मामला सामने आया है. यहां निगम के कुछ अधिकारियों ने अपने खास लोगों को करीब 50 होर्डिंग्स और यूनिपोल का कई कुंतल कबाड़ गुपचुप तरीके से औने-पौने दामों में बेच दिया. निगम के ही एक कर्मचारी ने इस मामले में महापौर से लेकर विभागीय मंत्री से शिकायत कर दी है.

निगम के अधिकारियों ने औने-पौने दामों में बेचा कबाड़.


बता दें कि मामले में उछाल आने के बाद निगम में हड़कंप की स्थिति बन गई है. अगर मामले की जांच होती है तो इन अधिकारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है. निगम के कर्मचारी का आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने बिना नीलामी शहर से हटाए गए होर्डिंग्स और यूनिपोल बेच दिए. कुंतल का कबाड़ मात्र 8.50 रुपए किलो के दामों में बेचा गया है.


कबाड़ व्यापारी राजेश कुमार ने बताया कि उसके पास निगम के अधिकारी का फोन आया था, जिसमें उन्होंने कबाड़ को खरीदने की बात कही थी. इसके साथ ही निगम के अधिकारी और कर्मचारी खुद निगम के वाहन में ही कबाड़ को भरकर यहां पर लाए थे.

ऋषिकेश: नगर निगम ऋषिकेश में कबाड़ घोटाले का मामला सामने आया है. यहां निगम के कुछ अधिकारियों ने अपने खास लोगों को करीब 50 होर्डिंग्स और यूनिपोल का कई कुंतल कबाड़ गुपचुप तरीके से औने-पौने दामों में बेच दिया. निगम के ही एक कर्मचारी ने इस मामले में महापौर से लेकर विभागीय मंत्री से शिकायत कर दी है.

निगम के अधिकारियों ने औने-पौने दामों में बेचा कबाड़.


बता दें कि मामले में उछाल आने के बाद निगम में हड़कंप की स्थिति बन गई है. अगर मामले की जांच होती है तो इन अधिकारियों की नौकरी खतरे में पड़ सकती है. निगम के कर्मचारी का आरोप है कि कुछ अधिकारियों ने बिना नीलामी शहर से हटाए गए होर्डिंग्स और यूनिपोल बेच दिए. कुंतल का कबाड़ मात्र 8.50 रुपए किलो के दामों में बेचा गया है.


कबाड़ व्यापारी राजेश कुमार ने बताया कि उसके पास निगम के अधिकारी का फोन आया था, जिसमें उन्होंने कबाड़ को खरीदने की बात कही थी. इसके साथ ही निगम के अधिकारी और कर्मचारी खुद निगम के वाहन में ही कबाड़ को भरकर यहां पर लाए थे.

Intro:ऋषिकेश-- नगर निगम ऋषिकेश में कबाड़ घोटाले का मामला सामने आया है घोटाले की शिकायत निगम की ही एक कर्मचारी ने महापौर से लेकर विभागीय मंत्री से पत्र लिखकर की है मामला शहर में हटाए जा रहे अवैध होर्डिंग और यूनीपोल के कबाड़ से जुड़ा हुआ है आरोप है कि निगम के अधिकारी अपने चहेते व्यापारी को कबाड़ बेचकर राजस्व की क्षति पहुंचा रहे हैं।


Body:वी/ओ-- आपको बता दें कि शहर में करीब 50 होर्डिंग और यूनीपोल अवैध तरीके से संचालित हो रहे थे इसकी आवाज में कई वर्षों से संचार को से कोई शुल्क नहीं लिया गया था इसी को देखते हुए नगर आयुक्त चतर सिंह चौहान ने विज्ञापन जारी कर सभी अवैध यूनीपोल और होर्डिंग को 15 दिनों के भीतर उतार लेने के आदेश जारी किए इसके लिए दिए गए तय समय पूरा होने के बाद निगम के द्वारा एक नोडल एजेंसी गठित की गई और अवैध यूनीपोल और होर्डिंग को जप्त करने का अभियान चलाया गया एक तरफ शहर की व्यवस्था को पटरी पर लाने की कवायद शुरू हो गई दूसरी ओर घोटाले के आरोप भी लगने शुरू हो गए आरोप है कि अभियान से जुड़ी टीम ने कई कुंटल कबाड़ बिना नीलामी प्रक्रिया अपनाए चाहे तो के हवाले औने पौने दामों पर बेच दिया। निगम के कर्मचारी के अनुसार 50 कुंटल कबाड़ को मात्र 8.50 कुंटल दर्शाकर बेच दिया है।

वी/ओ-- कबाड़ का काम करने वाले व्यापारी राजेश कुमार से जब बात की गई तो राजेश कुमार ने कहा की निगम के अधिकारी का फोन उनके पास आया था जिसमें उन्होंने कबाड़ को खरीदने की बात कही थी इसके साथ ही निगम के अधिकारी और कर्मचारी खुद निगम के वाहन में ही कबाड़ को भरकर यहां पर लाए थे इस मामले में व्यापारी ने निगम के किसी महिला अधिकारी का वहां मौजूद होना बताया गया है, अब बात यह है कि आखिर वह महिला अधिकारी कौन थी जोकर वालों को खुद बेचने के लिए कबाड़ी के यहां पहुंची थी।

बाईट--राजेश कुमार(कबाड़ का व्यापारी)


Conclusion:वी/ओ-- इस मामले को लेकर सहायक नगर आयुक्त उत्तम सिंह नेगी ने बताया कि नए विज्ञापन प्रक्रिया को लागू करने के लिए शहर में अवैध रूप से लगाकर होल्डिंग व यूनीपोल को हटाने के निर्देश मुख्य नगर आयुक्त द्वारा दिए गए थे जिसके बाद यह अभियान जारी है वहीं उन्होंने बताया कि कबाड़ को मौके पर ही उचित दामों पर कबाड़ी को बेच दिया जा रहा है और अभी तक कुल 50 से 60 हजार रुपए का राजस्व निगम को प्राप्त हो चुका है एक और जहां सहायक नगर आयुक्त मौके पर ही कबाड़ी को माल बेचने की बात कर रहे हैं वही कबाड़ी का कहना है कि निगम के ही अधिकारी और कर्मचारी कबाड़ को लेकर उसके द्वार पर पहुंचे थे ऐसे में कहीं ना कहीं एक बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है।

बाईट--उत्तम सिंह नेगी(सहायक नगर आयुक्त,नगर निगम ऋषिकेश)


आपको बता दें कि निगम के द्वारा किसी भी तरह के कबाड़ को बेचने के लिए नीलामी प्रक्रिया अपनाई जाती है लेकिन इस मामले में नियमों को ताक पर रख कबाड़ बेचा जा रहा है।
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