देहरादून: प्रदेश में धोखाधड़ी के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी को देखते हुए पुलिस इन दिनों अभियान धोखाधड़ी चला रही है. इसके तहत जिलों को ऐसे सभी मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने के लिए कहा गया है जो पिछले लंबे समय से लंबित हैं. इसी को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था वी मुरुगेशन ने अधिकारियों से बातचीत की और अब तक हुई प्रगति के बारे में जाना.
हरिद्वार जिला प्रशासन की हुई तारीफ: समीक्षा बैठक के दौरान सभी क्षेत्राधिकारियों से सर्किल के लिहाज से उनके क्षेत्र में 1 साल से ज्यादा लंबित विवेचनाओं की जानकारी ली गई. अपर पुलिस महानिदेशक की तरफ से अधिकारियों को तथ्यात्मक रूप से मौजूदा मामलों के बारे में पूछा गया. यही नहीं रिपोर्ट सामने आने के बाद हरिद्वार जिले में इन मामलों को लेकर की गई कार्रवाई की तारीफ भी की गई. खास बात यह है कि अपर पुलिस महानिदेशक ने समीक्षा करने के दौरान अधिकारियों को सभी मामलों की मॉनिटरिंग करने, साथी विवेचकों की खराब परफॉर्मेंस पर उनकी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजे जाने के निर्देश भी दिए हैं.
लापरवाह उपनिरीक्षक हुआ सस्पेंड: अपर पुलिस महानिदेशक की तरफ से पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया गया कि सभी क्षेत्रों में इसके लिए अभियान को तेजी से चलाया जाए और साथ ही अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय भी रखा जाए. इस दौरान विवेचना में लापरवाही बरतने पर एडीजी लॉ एंड ऑर्डर की तरफ से कड़ा रुख अपनाते हुए कोतवाली रुड़की में 1 साल से लंबित धारा 420 के एक अभियोग में उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह को सस्पेंड किया गया. साथ ही कोतवाली ज्वालापुर में तैनात उपनिरीक्षक वाजिंदर सिंह की प्रारंभिक जांच खोलने हेतु एसएसपी हरिद्वार को भी निर्देश दिए गए.
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धोखाधड़ी के 78 अभियुक्त हुए गिरफ्तार: अभियान के दौरान धोखाधड़ी और रंगदारी के 470 लोगों में से 273 लोगों का निस्तारण किया जाना पाया गया. साथ ही 174 अभियुक्तों को नोटिस देने और 78 अभियुक्तों की गिरफ्तारी के साथ तेरह अभियुक्तों के सरेंडर किए जाने की बात भी समीक्षा के दौरान सामने आई.