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कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की सीट को लेकर बिछने लगी बिसात, बीजेपी खेमे में शांति तो कांग्रेस में मची हलचल

कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट भी खाली हो गई है. जहां पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है. अभी तक भाजपा ने चुनाव के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस उपचुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार है.

दिवंगत प्रकाश पंत
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Published : Jun 23, 2019, 9:25 PM IST

देहरादून: कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट खाली हो गयी है. ऐसे में निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होंगे. इसको लेकर जहां एक ओर बीजेपी नेता अबतक उपचुनाव में बारे में कुछ ना सोचने की बात कह रहे हैं, वहीं कांग्रेस उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रही है.

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की सीट को लेकर बिछने लगी बिसात

उत्तराखंड राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोर-शोर से चल रही हैं. आगामी सितंबर में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराये जाएंगे. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट भी खाली हो गई है. जहां पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है. जिसको लेकर कांग्रेस अभी से ही पूरी तरह तैयार नजर आ रही है.

पढे़ं- विधानसभा सत्र से पहले पक्ष-विपक्ष एक साथ बैठा, स्पीकर ने सहयोग करने का किया आग्रह

उपचुनाव को लेकर क्या है निर्वाचन आयोग का नियम
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार धारा 147, धारा 149, धारा 150, धारा 151 यानी किसी भी कारण अगर विधानसभा, लोकसभा या राज्यसभा की सीट खाली हो जाती है तो ऐसे में वहां 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होते हैं.

भाजपा है गमगीन तो कांग्रेस उपचुनाव को लेकर तैयार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन से भाजपा के नेता अभी दुखी हैं. इस वजह से अभी तक भाजपा ने चुनाव के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. लेकिन संविधान की बाध्यता के अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बदौलत चुनाव लड़ती है.

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने चाहिए. उन्होंने कहा कि 6 माह के भीतर निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने पड़ेंगे. जिसको लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है.

देहरादून: कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट खाली हो गयी है. ऐसे में निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होंगे. इसको लेकर जहां एक ओर बीजेपी नेता अबतक उपचुनाव में बारे में कुछ ना सोचने की बात कह रहे हैं, वहीं कांग्रेस उपचुनाव को लेकर पूरी तरह से तैयार होने का दावा कर रही है.

कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत की सीट को लेकर बिछने लगी बिसात

उत्तराखंड राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोर-शोर से चल रही हैं. आगामी सितंबर में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराये जाएंगे. इसके साथ ही कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट भी खाली हो गई है. जहां पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होना है. जिसको लेकर कांग्रेस अभी से ही पूरी तरह तैयार नजर आ रही है.

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उपचुनाव को लेकर क्या है निर्वाचन आयोग का नियम
निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार धारा 147, धारा 149, धारा 150, धारा 151 यानी किसी भी कारण अगर विधानसभा, लोकसभा या राज्यसभा की सीट खाली हो जाती है तो ऐसे में वहां 6 माह के भीतर उपचुनाव कराने होते हैं.

भाजपा है गमगीन तो कांग्रेस उपचुनाव को लेकर तैयार
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन से भाजपा के नेता अभी दुखी हैं. इस वजह से अभी तक भाजपा ने चुनाव के बारे में सोचना शुरू नहीं किया है. लेकिन संविधान की बाध्यता के अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव होने हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बदौलत चुनाव लड़ती है.

वहीं पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने चाहिए. उन्होंने कहा कि 6 माह के भीतर निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने पड़ेंगे. जिसको लेकर कांग्रेस पूरी तरह से तैयार है.

Intro:summary - कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट खाली हो गयी है ऐसे में निर्वाचन आयोग के नियमानुसार 6 माह के भीतर उपचुनाव करने होते है. हालांकि जहा एक तरफ भाजपा नेता अभी दुखी है तो वही कांग्रेस उपचुनाव को लेकर तैयार है.


Intro - उत्तराखंड राज्य में पंचायत चुनाव की सरगर्मियां जोरो शोरों से चल रही है. और आगामी सितंबर महीने में त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव कराये जाएंगे. इसके साथ ही सूबे के त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे प्रकाश पंत की इलाज के दौरान 5 जून को हुई निधन के बाद खाली हुई पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट पर 6 महीने के भीतर उपचुनाव भी होने है. ऐसे में पिथौरागढ़ विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर क्या है निर्वाचन आयोग के नियम? और क्या कहना है प्रदेश के मुख्य राजनीतिक पार्टियों की...देखिए उपचुनाव की खास रिपोर्ट....


Body:प्रदेश के भीतर साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने प्रचंड बहुमत लाकर सत्ता पर काबिज हुई थी। और सरकार के कार्यालय का अभी ढाई साल से कम का ही समय बिता था कि कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से सत्ता पक्ष को एक गहरी चोट पहुची. तो वही प्रकाश पंत के निधन के बाद पिथौरागढ़ विधानसभा की सीट खाली हो गयी हैं. जिस पर 6 माह के भीतर निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव भी कराये जाने है। तो वही उपचुनाव को लेकर कांग्रेस अभी से ही पूरी तरह तैयार नज़र आ रही हैं.


उपचुनाव को लेकर क्या है निर्वाचन आयोग नियम.....

निर्वाचन आयोग के नियमों के अनुसार धारा 147, धारा 149, धारा 150, धारा 151 में किसी बात के होते हुए भी, इन धाराओं में से किसी ने निद्रिष्ट किसी रिक्त को भरने के लिए उपनिर्वाचन, रिक्त होने की तारीख से 6 माह की अवधि के भीतर कराया जाएगा यानी अगर किसी भी कारण बस या निधन के उपरांत विधानसभा, लोकसभा या राज्यसभा की सीट रिक्त हो जाती है, तो ऐसे में रिक्त तिथि से 6 माह के भीतर उस सीट पर उपचुनाव कराने होते हैं. इसके साथ ही किसी कारण वस खाली हुए सीट के कार्यालय को केवल 1 साल या 1 साल से कम का समय बचा है या किसी विशेष कारण वस उस छेत्र में तय समय सीमा के भीतर उपचुनाव सम्पन्न न हो पाने की स्थिति में निर्वाचन आयोग, केंद्र सरकार का परामर्श लेकर आगे का निर्णय ले सकता है.

बाइट - मस्तुदास, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी


भाजपा है गमगीन तो कांग्रेस उपचुनाव को लेकर तैयार.....

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने बताया कि प्रकाश पंत के आकस्मिक निधन से भाजपा के नेता अभी दुखी है. इस वजह से अभी तक भाजपा ने चुनाव की तरफ सोचना शुरू नहीं किया है लेकिन संविधान की बाध्यता के अनुसार 6 माह के भीतर चुनाव होने चाहिए, तो चुनाव भी होंगे. साथ ही कहा कि पार्टी अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों की बदौलत चुनाव लड़ती है और चुनाव में खड़ी होती है. तो वही पूर्व कैबिनेट मंत्री हीरा सिंह बिष्ट ने बताया कि पिथौरागढ़ विधानसभा सीट 6 महीने के भीतर उपचुनाव होने चाहिए इस बात को लेकर कांग्रेस तैयार है. साथ ही कहा कि 6 माह के भीतर निर्वाचन आयोग को चुनाव कराने पड़ेंगे, और उपचुनाव को लेकर कांग्रेस पूरी तरह तैयार है.

बाइट - वीरेंद्र बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
बाइट - हीरा सिंह बिष्ट, पूर्व कैबिनेट मंत्री, कांग्रेस
पीटीसी - रोहित सोनी


Conclusion:
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