ऋषिकेश: आम बाग कॉलोनी (Rishikesh Mango Bagh Colony) में रहने वाले एक बिल्डर ने विस्थापित जनकल्याण समन्वय समिति के अध्यक्ष सहित 14 लोगों पर मारपीट करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज (Rishikesh builder filed a case) कराया है. जिससे समिति से जुड़े सदस्य भड़क गए हैं. समिति के सदस्यों ने मुकदमे को झूठा बताते हुए विस्थापित कॉलोनी में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. आरोप लगाया कि मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के अवैध निर्माण के खिलाफ उठाई जा रही आवाज को बिल्डर दबाने का प्रयास कर रहे हैं. लेकिन वो झूठे मुकदमों से दबाव में आने वाले नहीं हैं. पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.
समिति के मुताबिक हाईकोर्ट ने विस्थापित क्षेत्र में मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों के निर्माण पर रोक लगाई है. बावजूद इसके मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों का निर्माण कार्य लगातार जारी है. जिसका विस्थापित जनकल्याण समन्वय समिति (Displaced Public Welfare Coordination Committee) लगातार विरोध कर आंदोलन चला रही है. विस्थापित कॉलोनी में जहां भी मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों का निर्माण चल रहा है समिति से जुड़े सदस्य वहां पहुंचकर निर्माण कार्य को रोकने का काम कर रहे हैं. प्रशासन और एमडीडीए को भी अवैध रूप से बन रही मल्टी स्टोरी बिल्डिंगों की जानकारी देकर सीलिंग की कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं. इसी कड़ी में बिल्डर ने समिति के अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी सहित 14 लोगों पर उनके बिल्डिंग के निर्माण के दौरान मिस्त्री रुस्तम के साथ मारपीट कर घायल करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर देकर मुकदमा दर्ज कराया है.
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बिल्डर का दावा है कि उनके पास घटना स्थल की फुटेज भी सीसीटीवी कैमरे में कैद है. मुकदमा दर्ज होने की जानकारी मिलने के बाद समिति से जुड़े सभी सदस्य भड़क गए. उन्होंने विस्थापित कॉलोनी में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. अध्यक्ष हरि सिंह भंडारी ने कहा कि बिल्डर द्वारा उन पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है. बिल्डरों की आंदोलन को तोड़ने की यह एक साजिश है. जिसे समिति से जुड़े सदस्य कभी सफल नहीं होने देंगे. वह हर मुकदमे की जांच को तैयार है. पुलिस निष्पक्ष रुप से जांच करेगी तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. मनीष मैठाणी का कहना है कि यदि मुकदमे दर्ज होने ही है तो सबसे पहले बिल्डरों के खिलाफ होने चाहिए. क्योंकि वह लगातार हाईकोर्ट के आदेशों का उल्लंघन कर रहे हैं.
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यह मामला संज्ञान में होने के बावजूद एमडीडीए धृतराष्ट्र की भूमिका निभा रहा है. एमडीडीए के कार्यालय का घेराव करने के बावजूद अधिकारी विस्थापित कॉलोनी में निर्माणाधीन अवैध मल्टीस्टोरी बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई करने को तैयार नहीं है. जो सीधे-सीधे अधिकारियों की मिलीभगत को दर्शा रहा है. समिति से जुड़े सदस्यों ने अपने आंदोलन को और उग्र करने की चेतावनी दी है. कोतवाल खुशीराम पांडे ने बताया कि जिन लोगों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं उनमें समिति के अध्यक्ष के अलावा मनीष मैठाणी, आशुतोष शर्मा, गिरीश नौटियाल,गंभीर गुलियाल, जगदंबा रतूड़ी,गणेश बिजलवान, आशीष रतूड़ी, विनोद रतूड़ी,धर्मेंद्र गुलियाल, विजयपाल, राजवीर बागड़ी,टिल्लू और पृथ्वी बागड़ी शामिल है. पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है.