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LOCKDOWN: स्कूल बंद और किताब की दुकानों का धंधा चौपट, रोजी-रोटी के लाले

देहरादून के सबसे बड़े किताब मार्केट डिस्पेंसरी रोड और मोती बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. स्कूल-कॉलेज बंद होने के चलते कॉपी-किताब बेचने वाले दुकानदारों के सामने रोजी-रोटी का संकट हो गया है.

Book shops shut down
स्कूल बंद और किताब की दुकानों का धंधा चौपट
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Published : May 12, 2020, 8:09 PM IST

Updated : May 12, 2020, 9:01 PM IST

देहरादून: कोरोना और लॉकडाउन का असर स्कूल-कॉलेजों की पढ़ाई पर भी पड़ा है. स्कूल-कॉलेज बंद होने के चलते कॉपी-किताबों और स्टेशनरी से जुड़े सामान को बेचने वाले दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते देहरादून के सबसे बड़े किताब मार्केट डिस्पेंसरी रोड और मोती बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. इक्का-दुक्का अभिभावक बच्चों के लिए स्कूल सामान खरीदते नजर आए.

कॉपी-किताब की दुकान चलाने वाले सचालकों का कहना है कि अप्रैल नए सत्र से जुड़ी कॉपी-किताब खरीदने का सीजन होता है. जिसके चलते दुकानदार जनवरी, फरवरी में ही स्कूल और कॉलेजों के नए सत्र का सामान एडवांस में खरीद लेते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हो गए हैं. जिसकी वजह से कॉपी-किताब गोदाम में डंप हो रहे हैं.

स्कूल बंद और किताब की दुकानों का धंधा चौपट

ये भी पढ़ें: प्रवासियों के लिए अपने ही बने 'पराए', सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

कॉपी-किताब के व्यापार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि भले ही लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए हो. लेकिन यह व्यवस्था प्रैक्टिकल नजर नहीं आ रही है. कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके पास लैपटॉप और अन्य साधन नहीं हैं. इतना ही नहीं ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर स्कूल किसी भी तरह से बच्चों को मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई का कोई औचित्य नजर नहीं है.

देहरादून: कोरोना और लॉकडाउन का असर स्कूल-कॉलेजों की पढ़ाई पर भी पड़ा है. स्कूल-कॉलेज बंद होने के चलते कॉपी-किताबों और स्टेशनरी से जुड़े सामान को बेचने वाले दुकानदार मायूस नजर आ रहे हैं. लॉकडाउन के चलते देहरादून के सबसे बड़े किताब मार्केट डिस्पेंसरी रोड और मोती बाजार में सन्नाटा पसरा हुआ है. इक्का-दुक्का अभिभावक बच्चों के लिए स्कूल सामान खरीदते नजर आए.

कॉपी-किताब की दुकान चलाने वाले सचालकों का कहना है कि अप्रैल नए सत्र से जुड़ी कॉपी-किताब खरीदने का सीजन होता है. जिसके चलते दुकानदार जनवरी, फरवरी में ही स्कूल और कॉलेजों के नए सत्र का सामान एडवांस में खरीद लेते हैं. लेकिन इस बार कोरोना वायरस के चलते स्कूल-कॉलेज बंद हो गए हैं. जिसकी वजह से कॉपी-किताब गोदाम में डंप हो रहे हैं.

स्कूल बंद और किताब की दुकानों का धंधा चौपट

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कॉपी-किताब के व्यापार से जुड़े व्यापारियों का कहना है कि भले ही लॉकडाउन के दौरान सरकार ने ऑनलाइन पढ़ाई के निर्देश दिए हो. लेकिन यह व्यवस्था प्रैक्टिकल नजर नहीं आ रही है. कई ऐसे बच्चे हैं, जिनके पास लैपटॉप और अन्य साधन नहीं हैं. इतना ही नहीं ऑनलाइन पढ़ाई के नाम पर स्कूल किसी भी तरह से बच्चों को मदद नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में ऑनलाइन पढ़ाई का कोई औचित्य नजर नहीं है.

Last Updated : May 12, 2020, 9:01 PM IST
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