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Etv भारत से बोलीं रीता बहुगुणा जोशी, आज भी हर जगह महिलाओं की दबाई जाती है आवाज

ईटीवी भारत से बात करते हुए सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने महिलाओं से जुड़े कई मुद्दों पर बात की.

रीता बहुगुणा जोशी
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Published : Nov 25, 2019, 8:32 PM IST

Updated : Nov 25, 2019, 8:52 PM IST

देहरादून: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जाना-माना नाम और प्रयागराज से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी सोमवार को देहरादून पहुंची. इस दौरान ईटीवी भारत ने उसके खास बातचीत की. ईटीवी भारत ने देश की वर्तमान राजनीति पर उनसे कई सवाल पूछे, जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रीता बहुगुणा ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में पिछले कुछ सालों महिलाओं को भागीदारी जरूर बढ़ी है. लेकिन अभी भी सदन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के विचारों को कम तवज्जो दिया जाता है.

Etv भारत के साथ रीता बहुगुणा जोशी

पढ़ें- नैनीताल: परिवार नियोजन पर करोड़ों खर्च और दहाई भी नहीं

उनके मुताबिक यह स्थिति सिर्फ राजनीति के क्षेत्र में ही नहीं है, बल्कि हमारे समाज में आज भी घर हो या दफ्तर हर जगह महिलाओं की आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है. उनके मुताबिक महिलाएं देश की आबादी का 50 फ़ीसदी हिस्सा है. ऐसे में राजनीति में महिलाओं को आगे लाने के लिए महिलाओं के लिए कम से कम 33 फ़ीसदी आरक्षण जरूर होना चाहिए.

अपनी पैतृक भूमि उत्तराखंड के विषय पर भी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने चिंता जाहिर की. गैरसैंण को पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जनता की सालों पुरानी मांग का ख्याल रखते हुए सदन में इस पर फैसला लेना चाहिए.

देहरादून: उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक जाना-माना नाम और प्रयागराज से बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी सोमवार को देहरादून पहुंची. इस दौरान ईटीवी भारत ने उसके खास बातचीत की. ईटीवी भारत ने देश की वर्तमान राजनीति पर उनसे कई सवाल पूछे, जिसका उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया.

ईटीवी भारत से बात करते हुए रीता बहुगुणा ने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि देश की राजनीति में पिछले कुछ सालों महिलाओं को भागीदारी जरूर बढ़ी है. लेकिन अभी भी सदन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के विचारों को कम तवज्जो दिया जाता है.

Etv भारत के साथ रीता बहुगुणा जोशी

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उनके मुताबिक यह स्थिति सिर्फ राजनीति के क्षेत्र में ही नहीं है, बल्कि हमारे समाज में आज भी घर हो या दफ्तर हर जगह महिलाओं की आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है. उनके मुताबिक महिलाएं देश की आबादी का 50 फ़ीसदी हिस्सा है. ऐसे में राजनीति में महिलाओं को आगे लाने के लिए महिलाओं के लिए कम से कम 33 फ़ीसदी आरक्षण जरूर होना चाहिए.

अपनी पैतृक भूमि उत्तराखंड के विषय पर भी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने चिंता जाहिर की. गैरसैंण को पहाड़ी प्रदेश उत्तराखंड की स्थाई राजधानी बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को जनता की सालों पुरानी मांग का ख्याल रखते हुए सदन में इस पर फैसला लेना चाहिए.

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देहरादून- उत्तर प्रदेश की राजनीति में रीता बहुगुणा जोशी वह नाम है जो किसी परिचय का मोहताज नहीं । वर्तमान में बीजेपी से प्रयागराज की सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में देश की राजनीति के साथ ही अपनी पैतृक भूमि उत्तराखंड से जुड़े कई तीखे सवालों का बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिया ।

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में रीता बहुगुणा जोशी अब तक कई महत्वपूर्ण पदों का कार्यभार संभाल चुकी हैं । ऐसे में अपने 25 सालों के राजनीतिक सफर के अनुभवों से उन्होंने राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पर अपने विचार रखे।

बतौर सांसद रीता बहुगुणा जोशी देश की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी पिछले कुछ सालों में जरूर बढ़ी है। लेकिन अभी भी सदन में पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के विचारों को कम तवज्जो दिया जाता है । उनके मुताबिक यह स्थिति सिर्फ राजनीति के क्षेत्र में ही नहीं है । बल्कि हमारे समाज में आज भी घर हो या दफ्तर हर जगह महिलाओं की आवाज को दबाने का प्रयास किया जाता है ।

उनके मुताबिक महिलाए देश की आबादी का 50 फ़ीसदी हिस्सा है । ऐसे में राजनीति में महिलाओं को आगे लाने के लिए महिलाओं के लिए कम से कम 33 फ़ीसदी आरक्षण जरूर होना चाहिए।


Body:वही अपनी पैतृक भूमि उत्तराखंड के विषय में भी सांसद रीता बहुगुणा जोशी ने चिंता जाहिर की । गैरसेंड को पहाड़ी प्रदेश उत्तराखण्ड की स्थाई राजधानी बनाए जाने के सवाल पर उनका कहना था कि राज्य सरकार को जनता की सालों पुरानी मांग का ख्याल रखते हुए सदन में इस पर फैसला लेना चाहिए ।


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Last Updated : Nov 25, 2019, 8:52 PM IST
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