देहरादून: प्रदेश की आशा फैसिलेटरों ने एक बार फिर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. आशा फैसिलेटरों ने अपनी मांगों को उठाते हुए कहा अगर सरकार ने उनकी मांगें पूरी नहीं तो आगामी 26 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन किया जाएगा. इतनी ही नहीं उन्होंने 2024 से पहले दिल्ली के प्रगति मैदान में विशाल प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दी है.
संगठन की प्रदेश महामंत्री रेनू नेगी ने कहा सरकार जल्द से जल्द उनका मानदेय सुनिश्चित करे. उन्होंने कहा उत्तराखंड में आशा फैसिलेटरों को 20 दिन की मोबिलिटी दी जा रही है, उसे बढ़ाकर मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर 30 दिन कार्य दिवस किया जाए. उन्होंने कहा आशा फैसिलिटेटर कोड निश्चित मानदेय दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा सरकार हमसे 30 दिन काम ले रही है, लेकिन, इसके बदले में उन्हें 20 दिन का ही पैसा दिया जा रहा है.
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रेनू नेगी ने कहा सरकार की ओर से उन्हें यात्रा भत्ता भी नहीं दिया जाता है. ऐसे में उन्हें यात्रा भत्ता भी दिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कोरोना काल के दौरान आशाओं ने जान की परवाह किये बिना निस्वार्थ सेवा की, लेकिन सरकार आशाओं की समस्याओं की अनदेखा कर रही है. आशाओं ने बताया यदि उनकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आगामी 26 अप्रैल को सभी जिला मुख्यालयों में रैली, धरने प्रदर्शन किए जाएंगे. अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपे जाएंगे. आशा कार्यकत्रियों ने कहा हमने मुख्यमंत्री से लेकर स्वास्थ्य मंत्री के पास जाकर अपनी मांगों को लेकर अनुरोध किया, लेकिन हमारी मांगे नहीं मानी जा रही है. इससे महिलाओं में व्याप्त आक्रोश है. आशाओं ने चेतावनी दी है कि यदि उसके बाद भी सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हुई तो 2024 से पहले समूचे देश की आशा और फैसिलेटर एकजुट होकर दिल्ली के प्रगति मैदान में विशाल प्रदर्शन करेंगी.