देहरादून: चमोली के जोशीमठ में रविवार को बड़ा हादसा हुआ है. रैणी गांव में ग्लेशियर टूटने से ऋषि गंगा नदी में बाढ़ आ गई, जिससे यहां निर्माणाधीन ऋषि गंगा जल विद्युत परियोजना का पावर हाउस पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. बाढ़ से ऋषि गंगा नदी पर बना भारत-चीन सीमा को जोड़ना वाला पुल बह गया. इसके बाद बाढ़ का पानी धौली गंगा नदी में मिला. नदी में मलबा के आने से जलस्तर काफी बढ़ गया. उफनती धौली नदी का पानी फिर तपोवन पहुंचा, जहां NTPC की विष्णुगाढ़ जल विद्युत परियोजना क्षतिग्रस्त हो गई. ग्लेशियर टूटने की खबर की पुष्टि जोशीमठ हेड कांस्टेबल मंगल सिंह ने की. मंगल सिंह ने बताया कि उन्हें रविवार सुबह 10:55 बजे ग्लेशियर टूटने की सूचना मिली. मौके पर पहुंची आपदा प्रबंधन टीम ने नदी किनारे बने घरों को खाली कराया.
जोशीमठ आपदा में अभीतक 10 लोगों की मौत की खबर है. डीजी आईटीबीपी एसएस देसवाल ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने बताया कि तपोवन निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 16 मजदूरों को निकाल लिया गया है. 100 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका है.
चमोली प्रशासन ने अलकनंदा नदी के किनारे बस्तियों को खाली करवाते हुए सुरक्षित इलाकों में भेजा है. रुद्रप्रयाग जाने वाले वाहनों को भी एहतियातन श्रीनगर में रोका गया है, जबकि आपदा राहत टीमों को श्रीनगर के विभिन्न जगहों पर तैनात किया गया है. वहीं, एसएसबी श्रीनगर की भी चार टीमों को मदद के लिए तैनात श्रीनगर में तैनात किया गया है.
नदी के जलस्तर के बढ़ने की सूचना को लेकर श्रीनगर में पहले से ही प्रशासन अलर्ट पर था, जिसके चलते धारी देवी मंदिर को भी श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया. साथ ही मंदिर के सभी लोगों को सुरक्षित स्थानों में जाने की हिदायत दी गयी. चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है. कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली कराया गया है. हादसे में कई लोगों के लापता होने की खबर है.
डीआईजी गढ़वाल नीरू गर्ग ने कहा कि फिलहाल हादसे में कितना नुकसान हुआ है इसकी जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. नीचे के सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रखा है. साथ नदी से सटी बस्तियों को खाली करने के निर्देश दे दिए गए हैं.
ग्लेशियर टूटने की घटना पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिव आपदा प्रबंधन और डीएम चमोली से पूरी जानकारी ली. मुख्यमंत्री लगातार पूरी स्थिति पर नजर रखे हुए हैं. सीएम खुद चमोली पहुंचे और उत्तराखंड तपोवन क्षेत्र में सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी ली. चमोली जिला प्रशासन, एसडीआरएफ के अधिकारी और कर्मचारी राहत और बचाव कार्य पर लगे हैं. लोगों से अपील की जा रही है कि गंगा नदी के किनारे न जाएं.
हेल्पलाइन नंबर जारी
- अगर आप प्रभावित क्षेत्र में फंसे हैं, आपको किसी तरह की मदद की जरूरत है तो कृपया आपदा परिचालन केंद्र के नम्बर 1070 या 9557444486 पर संपर्क करें.
- उत्तराखंड एसडीआरएफ ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर. किसी भी प्रकार की सहायता के लिए इन नम्बरों पर कॉल करें- 01352410197, 01352410197, 09456596190
राहत बचाव कार्य
⦁ जोशीमठ आपदा क्षेत्र रैणी गांव में सेना के चार कॉलम (cavalry, infantry, elephants, chariots), दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है.
⦁ मेडिकल टीमों को मौके पर भेजा गया है. आपात स्थिति से निपटने के लिए जोशीमठ में 30 बेडों का अस्पताल तैयार रखा गया है. श्रीनगर, ऋषिकेश, जॉलीग्रांट और देहरादून के अस्पताल स्टैंडबाय पर रखे गए हैं.
⦁ श्रीनगर उपजिलाधिकारी रविंद्र सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि जगह-जगह एसडीआरएफ और जल पुलिस सहित रेगुलर पुलिस को नदी किनारे तैनात किया गया है. साथ में श्रीनगर जल विद्युत परियोजना को भी सतर्क रहने को कहा गया है. वहीं, सीटीसी सेंटर एसएसबी के डीआईजी सृष्टिराज गुप्ता ने बताया कि उन्होंने सेंटर को हाई अलर्ट पर रखा है.
⦁ सेना, वायुसेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी और एसडीआरएफ की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर राहत और बचाव का कार्य कर रहे हैं.
⦁ आईटीबीपी के डीजी एसएस देसवाल के अनुसार रैणी गांव के पास पुल के ढहने के कारण कुछ सीमा पर आवागमन पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है.
⦁ ग्लेशियर टूटने के बाद प्रशासन ने लोगों को बिष्णुप्रयाग, जोशीमठ, कर्णप्रयाग, रुद्रप्रयाग, श्रीनगर से ऋषिकेश हरिद्वार तक अलकनंदा तथा गंगा नदी के किनारे नहीं जाने की सलाह दी है.
⦁ जोशीमठ में ग्लेशियर टूटने से श्रीनगर, देवप्रयाग, ऋषिकेश, हरिद्वार को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. एहतियातन ऋषिकेश राफ्टिंग को बंद करवाया गया, ऋषिकेश आसपास के इलाके खाली करवाने के आदेश दिए गए हैं.
राहत की खबर
आपदा के बीच राहत की खबर है. राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने जानकारी दी है कि बाढ़ का खतरा फिलहाल टल गया है. श्रीनगर से नदी का बहाव सामान्य हो गया है. वहीं देवप्रयाग और निचले इलाकों में भी खतरा टल गया है. जबकि बचाव दल ने तपोवन डेम में फंसे 16 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया है. राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश, आपदा सचिव एसए मुरुगेशन, पुलिस अधिकारी एवं आपदा कंट्रोल रूम में स्थिति पर लगातार नजर रख रही है.
ऋषिकेश में अलर्ट
सुरक्षा के मद्देनजर ऋषिकेश में भी प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट पर है. ऋषिकेश में पुलिस के द्वारा त्रिवेणी घाट सहित सभी घाटों को खाली कराया जा चुका है. वहीं, गंगा के किनारे रहने वाले आबादी क्षेत्रों को भी खाली कराया जा रहा है. पुलिस ने यहां पर अलर्ट जारी कर दिया है कि कोई भी व्यक्ति गंगा के किनारे पर न जाए. इसके साथ ही लक्ष्मण झूला और मुनिकी रेती क्षेत्र में भी पुलिस प्रशासन पर है. सुरक्षा के मद्देनजर गंगा में होने वाली राफ्टिंग पर भी रोक लगा दी गई है.
हरिद्वार भी अलर्ट पर
हरिद्वार जिले में अधिकारी पल-पल की नजर बनाए हुए हैं. निचले इलाकों को खाली कराया गया है. वहीं तमाम निचले इलाकों में गंगा का लेवल बढ़ने के खतरे के मद्देनजर हरकी पैड़ी को भी खाली करा दिया गया है.
बड़ा नुकसान
ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं. तपोवन बैराज पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है. आपदा में भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त, सीमा पर आवाजाही ठप हो गई है. तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे कई मजदूर भी सुरंग में फंसे हैं. एनटीपीसी लिमिटेड ने जानकारी देते हुए कहा कि तपोवन के पास ग्लेशियर टूटने से हमारे निर्माणाधीन जलविद्युत परियोजना के एक हिस्से को नुकसान पहुंचा है. बचाव अभियान लगातार जारी है.