देहरादूनः उत्तराखंड में छावनी क्षेत्र की जमीनों पर कब्जे की शिकायतों का केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संज्ञान लिया है. उन्होंने कहा कि सेना की 1 इंच जमीन पर भी अवैध कब्जा नहीं होने दिया जाएगा. इसके लिए उत्तराखंड में सेना के दो उप कार्यालय खुल गए हैं. ऐसे में प्रदेश के तमाम छावनी परिषद में सामने आने वाले भूमि संबंधी विवादों का तुरंत निपटारा हो सकेगा.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने बताया कि उत्तराखंड की सभी कैंटोनमेंट बोर्ड (Cantonment board) में चल रहे भूमि संबंधी विवादों का जल्द निपटारा किया जाएगा. सेना की जमीनों को कहीं पर भी खुर्द-बुर्द नहीं होने दिया जाएगा. रक्षा मंत्रालय की अपनी जमीनों पर पूरी नजर है. यह नजर अपनी जमीन पर ही नहीं बल्कि, कैंटोनमेंट बोर्ड से लगी जमीनों पर भी है.
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उन्होंने कहा कि अगर कोई भी भूमाफिया इन जमीनों में कोई गड़बड़ी करता है तो उस पर भी संज्ञान लिया जाएगा. उन्होंने तमाम प्रकरणों का जिक्र करते हुए कहा कि किसी को भी कैंट बोर्ड की जमीनों पर रियायत नहीं दी जाएगी और ना ही किसी को पनाह दी जाएगी. उन्होंने बताया कि उनकी ओर से हाल ही में सेना के 2 बड़े अधिकारियों को उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊं क्षेत्र में तैनात किया गया है.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंबित मांग का संज्ञान लिया और सेना के उप कार्यालय उत्तराखंड में खोलने की अनुमति दी है. सेना कार्यालय जो बरेली से संचालित होता था, उसका उप कार्यालय रानीखेत में खोलने की अनुमति मिली है. अब रानीखेत से ही उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र के सभी मामलों पर कार्रवाई कर पाएगा. जबकि, जो अधिकारी मेरठ बैठता था, वो अब देहरादून में बैठेगा.
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उन्होंने कहा कि कैंटोनमेंट बोर्ड से जुड़े तमाम विवादों को उत्तराखंड में ही जल्द से जल्द निपटारा किया जा सकेगा. साथ ही उन्होंने कैंटोनमेंट बोर्ड की जमीनों (Cantonment board Land in Uttarakhand) पर ताक लगाए भू माफियाओं को दो टूक जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि सेना की जमीन अब किसी भी कीमत पर कब्जेधारियों को हथियाने नहीं दी जाएगी.