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उत्तराखंड के कई शहरों में घटा वायु प्रदूषण का स्तर, जानिए मुख्य वजह - corona curfew in uttarakhand

कोविड कर्फ्यू में वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है. जिसकी अहम वजह प्रदेशभर में वाहनों की आवाजाही बेहद कम होना है. इसके साथ ही कई छोटी औद्योगिक इकाइयां भी इस समय बंद चल रही हैं, जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई है.

प्रदेश में घटा वायु प्रदूषण का स्तर
प्रदेश में घटा वायु प्रदूषण का स्तर
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Published : Jun 1, 2021, 11:14 AM IST

Updated : Jun 1, 2021, 12:00 PM IST

देहरादून: राजधानी समेत मैदानी शहरों में इन दिनों कोविड कर्फ्यू के चलते वायु प्रदूषण का ग्राफ (Air pollution graph) काफी नीचे आ चुका है. घटते वायु प्रदूषण पर जानकर कई वजह मानते हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर तीन ऐसे शहर है, जहां वायु प्रदूषण का स्तर हमेशा ही सबसे अधिक दर्ज किया जाता रहा है.

वर्तमान में कोविड कर्फ्यू की वजह से इन शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी नीचे आ गया है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttarakhand Pollution Control Board) के अनुसार अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक, जहां देहरादून में एयर गुणवत्ता इंडेक्स (Air quality index) 220 के पार पहुंच गया था. वहीं, वर्तमान में देहरादून का एयर पॉल्यूशन इंडेक्स 127 के आस-पास चल रहा है.

प्रदेश में घटा वायु प्रदूषण का स्तर

ये भी पढ़ें: भू-माफिया कर रहे बुजुर्ग की जमीन पर कब्जा, डीजीपी ने दिए जांच के आदेश

इसके अवाला अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक प्रदूषण स्तर का कुछ ऐसा ही हाल काशीपुर और ऋषिकेश में भी था. जहां अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक काशीपुर में प्रदूषण का स्तर 140 इंडेक्स के आसपास था. वहीं, ऋषिकेश का प्रदूषण स्तर एयर क्वालिटी 135 इंडेक्स के आसपास था, लेकिन वर्तमान में काशीपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स घटकर 116 हो चुका है. वहीं, ऋषिकेश का एयर क्वालिटी इंडेक्स 89 रिकॉर्ड किया गया. जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स के तहत संतोषजनक माना जाता है.

वहीं, कोविड कर्फ्यू के चलते प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों जैसे हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर के भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है जो कुछ इस प्रकार है.

शहर का नामएयर क्वालिटी इंडेक्स
हरिद्वार101
हल्द्वानी79
रुद्रपुर119

गौरतलब है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) के एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के अनुसार कुछ पैमाने निर्धारित किए गए हैं, जिसके आधार पर पता लगाया जाता है कि किस शहर की हवा कितनी स्वच्छ और सुरक्षित है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है ?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को मापता है. यदि हवा में इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक पाई जाती है तो यह इशारा करता है की संबंधित शहर की वायु दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है.

क्या कहता है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)

AQI श्रेणीहवा की गुणवता
0-50अच्छी हवा (GOOD)
51-100संतोषजनक (moderate)
101-150थोड़ा प्रदूषित (sensitive)
151-200खराब (unhealthy)
201-300बहुत खराब (very unhealthy)
301-500गंभीर (Hazardous )

बता दें कि कोविड कर्फ्यू में वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है. जिसकी अहम वजह प्रदेशभर में वाहनों की आवाजाही बेहद कम होना है. इसके साथ ही कई छोटी औद्योगिक इकाइयां भी इस समय बंद चल रही हैं, जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. इसके साथ ही तीसरी अहम वजह यह भी है कि अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से ही लगातार प्रदेश में कुछ दिनों के अंतराल में बरसात दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है. दरअसल, बारिश की वजह से हवा में जो प्रदूषण के छोटे छोटे कण होते हैं, वह जमीन पर आ जाते हैं, जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है.

देहरादून: राजधानी समेत मैदानी शहरों में इन दिनों कोविड कर्फ्यू के चलते वायु प्रदूषण का ग्राफ (Air pollution graph) काफी नीचे आ चुका है. घटते वायु प्रदूषण पर जानकर कई वजह मानते हैं. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार देहरादून, ऋषिकेश और काशीपुर तीन ऐसे शहर है, जहां वायु प्रदूषण का स्तर हमेशा ही सबसे अधिक दर्ज किया जाता रहा है.

वर्तमान में कोविड कर्फ्यू की वजह से इन शहरों में प्रदूषण का स्तर काफी नीचे आ गया है. उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Uttarakhand Pollution Control Board) के अनुसार अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक, जहां देहरादून में एयर गुणवत्ता इंडेक्स (Air quality index) 220 के पार पहुंच गया था. वहीं, वर्तमान में देहरादून का एयर पॉल्यूशन इंडेक्स 127 के आस-पास चल रहा है.

प्रदेश में घटा वायु प्रदूषण का स्तर

ये भी पढ़ें: भू-माफिया कर रहे बुजुर्ग की जमीन पर कब्जा, डीजीपी ने दिए जांच के आदेश

इसके अवाला अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक प्रदूषण स्तर का कुछ ऐसा ही हाल काशीपुर और ऋषिकेश में भी था. जहां अप्रैल माह के पहले सप्ताह तक काशीपुर में प्रदूषण का स्तर 140 इंडेक्स के आसपास था. वहीं, ऋषिकेश का प्रदूषण स्तर एयर क्वालिटी 135 इंडेक्स के आसपास था, लेकिन वर्तमान में काशीपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स घटकर 116 हो चुका है. वहीं, ऋषिकेश का एयर क्वालिटी इंडेक्स 89 रिकॉर्ड किया गया. जिसे केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एयर क्वालिटी इंडेक्स के तहत संतोषजनक माना जाता है.

वहीं, कोविड कर्फ्यू के चलते प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों जैसे हरिद्वार, हल्द्वानी और रुद्रपुर के भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में सुधार हुआ है जो कुछ इस प्रकार है.

शहर का नामएयर क्वालिटी इंडेक्स
हरिद्वार101
हल्द्वानी79
रुद्रपुर119

गौरतलब है कि प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (pollution control board) के एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) के अनुसार कुछ पैमाने निर्धारित किए गए हैं, जिसके आधार पर पता लगाया जाता है कि किस शहर की हवा कितनी स्वच्छ और सुरक्षित है.

एयर क्वालिटी इंडेक्स क्या है ?

एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वायु में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को मापता है. यदि हवा में इनकी मात्रा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक पाई जाती है तो यह इशारा करता है की संबंधित शहर की वायु दिन प्रतिदिन जहरीली होती जा रही है.

क्या कहता है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)

AQI श्रेणीहवा की गुणवता
0-50अच्छी हवा (GOOD)
51-100संतोषजनक (moderate)
101-150थोड़ा प्रदूषित (sensitive)
151-200खराब (unhealthy)
201-300बहुत खराब (very unhealthy)
301-500गंभीर (Hazardous )

बता दें कि कोविड कर्फ्यू में वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है. जिसकी अहम वजह प्रदेशभर में वाहनों की आवाजाही बेहद कम होना है. इसके साथ ही कई छोटी औद्योगिक इकाइयां भी इस समय बंद चल रही हैं, जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आई है. इसके साथ ही तीसरी अहम वजह यह भी है कि अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से ही लगातार प्रदेश में कुछ दिनों के अंतराल में बरसात दर्ज की जा रही है, जिसकी वजह से भी वायु प्रदूषण के स्तर में कमी आ रही है. दरअसल, बारिश की वजह से हवा में जो प्रदूषण के छोटे छोटे कण होते हैं, वह जमीन पर आ जाते हैं, जिसकी वजह से हवा में प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है.

Last Updated : Jun 1, 2021, 12:00 PM IST
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