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एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग का टोल फ्री नंबर जारी, हेली एम्बुलेंस सेवा जल्द

एम्स ऋषिकेश (AIIMS Rishikesh) के ट्रॉमा विभाग का टोल फ्री नंबर (Toll free number of trauma department released) जारी कर दिया गया है. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने टोल फ्री नंबर (Governor Gurmeet Singh released toll free number) जारी किया. इस मौके पर ब्लड डोनेशन कैंप का ई-उद्घाटन भी किया गया.

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Published : Oct 17, 2022, 8:19 PM IST

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एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग का टोल फ्री नंबर जारी

ऋषिकेश: वर्ल्ड ट्रॉमा-डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह ने एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग का टोल फ्री नंबर 18001804278 जारी किया व ब्लड डोनेशन कैम्प का ई-उद्घाटन भी किया. इस अवसर पर उन्होंने एम्स द्वारा संचालित ट्रॉमा रथ अभियान की सराहना की और कहा कि ट्रॉमा चिकित्सा के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए इस अभियान में रेडक्रॉस एवं आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल करने की जरूरत है.

सोमवार को एम्स ऋषिकेश के सप्ताहव्यापी ट्रॉमा जागरूकता सप्ताह का विधिवत समापन हो गया. इस दौरान ’वर्ल्ड ट्रॉमा डे’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने अपने सैन्य कार्यकाल के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि किसी भी दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को बचाने के लिए पहले शुरुआती एक घंटे का गोल्डन ऑवर का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस एक घंटे के दौरान घायल व्यक्ति को यदि समय रहते नजदीकी अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. अस्पताल पहुंचने में विलंब होने की दशा में जीवन बचने का जोखिम बढ़ जाता है.

पढ़ें- विवादों के बीच ज्योर्तिमठ में धर्म महासम्मेलन का आगाज, तीनों शंकराचार्य रहे मौजूद

उन्होंने कहा कि, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ सहित हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रॉमा चिकित्सा के संबंध में जागरूक करें. राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक बड़ी चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस अभियान में एसडीआरएफ, एनसीसी और रेडक्रॉस की टीमों के अलावा आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाना चाहिए.

एम्स ऋषिकेश द्वारा सप्ताह भर तक संचालित ट्रॉमा रथ द्वारा विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए जन-जागरूकता कार्यक्रमों की राज्यपाल ने सराहना की और कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा शीघ्र संचालित होने वाली हेली एम्बुलेंस और टेलिमेडिसिन सुविधा से विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस पहाड़ी राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी.

पढ़ें- महार रेजीमेंट में पिता को याद कर भावुक हुए CM धामी, राठौर बंगला में बचपन की यादें ताजा की

इस मौके पर AIIMS की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में अधिकतर मौतें दुर्घटनाओं के कारण होती हैं. ऐसे में एम्स का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को ट्रॉमा के प्रति सजग और जागरूक किया जाए. उन्होंने केंद्र सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र की मदद से शीघ्र ही एम्स ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत होने जा रही है. इस सेवा के शुरू हो जाने पर राज्य में ट्रॉमा के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा.

ऋषिकेश: वर्ल्ड ट्रॉमा-डे के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह ने एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा विभाग का टोल फ्री नंबर 18001804278 जारी किया व ब्लड डोनेशन कैम्प का ई-उद्घाटन भी किया. इस अवसर पर उन्होंने एम्स द्वारा संचालित ट्रॉमा रथ अभियान की सराहना की और कहा कि ट्रॉमा चिकित्सा के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के लिए इस अभियान में रेडक्रॉस एवं आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल करने की जरूरत है.

सोमवार को एम्स ऋषिकेश के सप्ताहव्यापी ट्रॉमा जागरूकता सप्ताह का विधिवत समापन हो गया. इस दौरान ’वर्ल्ड ट्रॉमा डे’ के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने अपने सैन्य कार्यकाल के अनुभवों को साझा किया. उन्होंने बताया कि किसी भी दुर्घटना में घायल हुए व्यक्ति को बचाने के लिए पहले शुरुआती एक घंटे का गोल्डन ऑवर का समय बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस एक घंटे के दौरान घायल व्यक्ति को यदि समय रहते नजदीकी अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है. अस्पताल पहुंचने में विलंब होने की दशा में जीवन बचने का जोखिम बढ़ जाता है.

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उन्होंने कहा कि, चिकित्सकों और नर्सिंग स्टाफ सहित हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम समाज के प्रत्येक व्यक्ति को दुर्घटनाओं को रोकने और ट्रॉमा चिकित्सा के संबंध में जागरूक करें. राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखंड में सड़क दुर्घटनाओं को कम करना एक बड़ी चुनौती है और इस चुनौती से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर जन-जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि इस अभियान में एसडीआरएफ, एनसीसी और रेडक्रॉस की टीमों के अलावा आशा कार्यकर्ताओं को भी शामिल किया जाना चाहिए.

एम्स ऋषिकेश द्वारा सप्ताह भर तक संचालित ट्रॉमा रथ द्वारा विभिन्न स्थानों पर आयोजित किए गए जन-जागरूकता कार्यक्रमों की राज्यपाल ने सराहना की और कहा कि एम्स ऋषिकेश द्वारा शीघ्र संचालित होने वाली हेली एम्बुलेंस और टेलिमेडिसिन सुविधा से विषम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इस पहाड़ी राज्य में स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी.

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इस मौके पर AIIMS की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर मीनू सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में अधिकतर मौतें दुर्घटनाओं के कारण होती हैं. ऐसे में एम्स का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोगों को ट्रॉमा के प्रति सजग और जागरूक किया जाए. उन्होंने केंद्र सरकार का आभार प्रकट करते हुए कहा कि केंद्र की मदद से शीघ्र ही एम्स ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत होने जा रही है. इस सेवा के शुरू हो जाने पर राज्य में ट्रॉमा के दौरान होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सकेगा.

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