नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य में ट्रांसजेंडर के संरक्षण और सुरक्षा के लिए एक्ट बनाए जाने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई की. इसी बीच कोर्ट ने राज्य सरकार से ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों की 18 नवंबर तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है. मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 18 नवंबर की तारीख निर्धारित की है.
मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी ने की सुनवाई: मामले की सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ में हुई. ये आदेश कोर्ट ने ट्रांसजेंडर की सुरक्षा से संबंधित याचिका पर दिया है. आज हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि ट्रांसजेंडर के अधिकार और संरक्षण के लिये एक्ट बना दिया गया है और राज्य और जिलों में ट्रांसजेंड़र प्रोटेक्शन सेल बना दिए गये हैं. पूर्व में कोर्ट ने ट्रांसजेंडर के लिए नियमावली और एक्ट बनाए जाने के निर्देश भी दिये थे.
ट्रांसजेंडर निशा चौहान ने दायर की थी याचिका: मामले के अनुसार देहरादून की ट्रांसजेंडर निशा चौहान ने सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल की थी. याचिका में कहा गया था कि रजनी रावत गैंग से उनको खतरा है. गैंग ने उनके साथ 2018 , 2023 और 2024 को मारपीट की थी और उनसे पैसे भी छीन लिए थे, इसलिए उन्हें सुरक्षा दिलाई जाए. साथ ही याचिका में ट्रांसजेंडरों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए एक्ट बनाने की मांग की है, ताकि उन्हें सुरक्षा मिल सके. वे भी समाज का एक भाग हैं.
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