डोईवाला: विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत कृषि विभाग के कुछ अधिकारियों द्वारा किसानों को दिए जाने वाले यंत्रों के नाम पर पैसा ठिकाने लगाने का मामला सामने आया है. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों के खेतों में स्प्रिंकलर सेट लगाए जाने थे. इस उपकरण को लगाने के लिए करीब 1 लाख 20 हजार रुपए की लागत आनी थी. जिसमें 55% केंद्र सरकार 25% राज्य सरकार और 20% किसानों को स्वयं वहन करना था.
विभागीय अधिकारियों ने मिली भगत करके इस उपकरण को 200 लाभार्थियों को देने के बजाय उनके फर्जी शपथ पत्र बनाकर कंपनी को पूरा भुगतान कर दिया. जब किसानों को इस घोटाले का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत जिला अधिकारी से की. जिलाधिकारी ने मुख्य कृषि अधिकारी को पूरे मामले की जांच करने के लिए कहा. मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह ने तीन सदस्य समिति बनाकर मामले की जांच शुरू की. मुख्य कृषि अधिकारी ने प्रारंभिक जांच में अनियमितता की बात कही है.
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बता दें जब किसानों को उपकरण में घोटाले का पता चला तो उन्होंने इसकी शिकायत जिला अधिकारी से की. जिलाधिकारी ने कृषि अधिकारियों को मौके पर जाकर जांच करने के लिए कहा. जिन घोटालेबाजों ने पैसों को ठिकाने लगाने के लिए किसानों के फर्जी शपथ पत्र और उपकरण किसानों को देना कागज में ही दर्शाया गया, जब उन्हें जांच का पता चला तो आनन फानन में कुछ उपकरणों को किसानों के घर के आगे फेंक कर चलते बने. कुछ पाइपों को झाड़ियां में भी फेंका गया है. कुछ किसानों को भी घोटालेबाज अधिकारी मैनेज करने की कोशिश कर रहे हैं.
पूरे मामले पर मुख्य कृषि अधिकारी लतिका सिंह ने बताया प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जिन किसानों को उपकरण दिए जाने थे. किसानों की शिकायत के बाद उसकी जांच की जा रही है. प्रारंभिक जांच में वित्तीय अनियमितता देखने को मिली है. उन्होंने पूरे मामले पर उच्च अधिकारियों को भी अवगत करा दिया है. अब तीन सदस्य कमेटी भी पूरे मामले की जांच कर रही है.