रुड़की: एक निजी हॉस्पिटल में उपचार के दौरान छह माह की बच्ची की मौत हो गई. जिसके बाद परिजनों ने चिकत्सक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. घटना की सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को बमुश्किल शांत करते हुए कानूनी कारवाई करने की बात कही. पुलिस के कहने पर परिजन बच्ची का पीएम करवाने को तैयार हुए. पुलिस ने बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए सिविल अस्पताल भेज दिया है.
दरअसल, यूपी के सहारनपुर जनपद के छुटमलपुर निवासी मोहम्मद इरफान की बेटी को दस्त की शिकायत हुई थी. जिसे उपचार के लिए वे रुड़की स्थित डा. अरुण के अस्पताल में 5 अगस्त को पहुंचे. 8 अगस्त तक बच्ची अस्पताल में भर्ती रही. फिर ठीक होने पर वे उसे घर ले गए. घर जाने के बाद 12 अगस्त को उसकी तबियत फिर से बिगड़ गई. परिजन फिर बच्ची को सुबह 11 बजे अस्पताल लेकर पहुंचे.
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आरोप है कि तबीयत अधिक खराब होने के वावजूद चिकत्सक ने शाम 4 बजे उसे देखा. जिसके बाद उसे फिर से भर्ती कर लिया. आरोप है कि एक अनट्रेंड स्टाफ द्वारा बच्ची को ट्रीटमेंट दिया गया. जिसके बाद उसकी तबीयत और बिगड़ गई. चिकित्सकों ने उसे वेंटीलेटर पर रखने की बात कही. सुबह होने पर चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने कहा जब बच्ची की तबीयत ज्यादा खराब थी तो चिकित्सक को उसे स्वयं उपचार देना चाहिए था. हंगामे की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने परिजनों को शांत करवाया. पुलिस के समझाने पर परिजन बच्ची को पीएम के लिए ले जाने और कानूनी कारवाई को तैयार हुए.
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वहीं, इस बारे में डॉक्टर अरुण का कहना है कि बच्ची के परिजनों का आरोप गलत हैं. बच्ची 7 अगस्त को भर्ती हुई थी. जिसे उसके परिजन 9 अगस्त को अपनी मर्जी से छुट्टी करा कर ले गए थे. उन्होंने बताया शनिवार को फिर से बच्ची को उन्होंने देखा. बच्ची की हालत नाजुक थी, जिसके बाद बच्ची को भर्ती किया गया था. वहीं, इलाज के बाद बच्ची कुछ हद तक ठीक हो चुकी थी, जिस पर उन्होंने बच्ची को ऋषिकेश एम्स अस्पताल में लेकर जाने की बात कही, मगर उसके परिजन उसे लेकर नहीं गये. उन्होंने कहा उनके यहां स्टॉफ भी फुलट्रेंड है तो गलत उपचार का मतलब ही नहीं होता.