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सवालों के घेरे में पेयजल निगम में आरक्षण कोटे से नियुक्त एई और जेई, जांच के आदेश - 2005 में पेयजल निगम के सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं

पेयजल निगम में आरक्षण कोटे से नियुक्त एई और जेई के जाति और मूल निवास पत्रों की जांच हो रही है.

Uttarakhand News
आरक्षण कोटे से नियुक्त एई और जेई
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Published : Feb 15, 2021, 7:12 PM IST

देहरादून: पेयजल निगम में आरक्षण कोटे से साल 2005 में हुई अवर अभियंताओं और सहायक अभियंताओं की नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है. दरअसल आरटीआई के माध्यम से हुए खुलासे में यह बात सामने आई है कि इन नियुक्तियों में आरक्षण कोटे के तहत महिलाओं और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए थी. लेकिन इसके स्थान पर निगम ने बाहरी राज्यों के अनुसूचित जाति और महिलाओं को नियुक्तियां दे डालीं.

बता दें कि साल 2005 में पेयजल निगम के सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं की भर्ती की जिम्मेदारी पंजाब विश्वविद्यालय को सौंपी गई थी. जिसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय ने अभ्यार्थियों की चयन सूची पेयजल निगम को सौंप दी थी. हालांकि इसके बाद निगम प्रबंधन ने अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल कर नियुक्तियां प्रदान की. लेकिन इसमें बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के युवाओं को नियुक्तियां दे दी गईं.

ये भी पढ़ें: जोशीमठ आपदा: प्रदेश की ये हैं बड़ी आपदाएं, जिसने जनमानस को हिलाकर रख दिया

ऐसे में आरटीआई के माध्यम से इस मामले का खुलासा होने पर अब शासन स्तर से पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक को इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिसके बाद पेयजल निगम ने पुराने दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है. इसके तहत 2005 में पेयजल निगम में भर्ती हुए 50 से ज्यादा अभियंताओं के जाति और मूल निवास प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है.

देहरादून: पेयजल निगम में आरक्षण कोटे से साल 2005 में हुई अवर अभियंताओं और सहायक अभियंताओं की नियुक्ति सवालों के घेरे में आ गई है. दरअसल आरटीआई के माध्यम से हुए खुलासे में यह बात सामने आई है कि इन नियुक्तियों में आरक्षण कोटे के तहत महिलाओं और अनुसूचित जाति के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दी जानी चाहिए थी. लेकिन इसके स्थान पर निगम ने बाहरी राज्यों के अनुसूचित जाति और महिलाओं को नियुक्तियां दे डालीं.

बता दें कि साल 2005 में पेयजल निगम के सहायक अभियंता और अवर अभियंताओं की भर्ती की जिम्मेदारी पंजाब विश्वविद्यालय को सौंपी गई थी. जिसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय ने अभ्यार्थियों की चयन सूची पेयजल निगम को सौंप दी थी. हालांकि इसके बाद निगम प्रबंधन ने अभ्यर्थियों के प्रमाणपत्रों की जांच पड़ताल कर नियुक्तियां प्रदान की. लेकिन इसमें बड़ी संख्या में बाहरी राज्यों के युवाओं को नियुक्तियां दे दी गईं.

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ऐसे में आरटीआई के माध्यम से इस मामले का खुलासा होने पर अब शासन स्तर से पेयजल निगम के प्रबंध निदेशक को इस पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दे दिए गए हैं. जिसके बाद पेयजल निगम ने पुराने दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है. इसके तहत 2005 में पेयजल निगम में भर्ती हुए 50 से ज्यादा अभियंताओं के जाति और मूल निवास प्रमाण पत्रों की जांच की जा रही है.

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