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ले. ज. ओपी कौशिक बोले- विदेशी फंडिंग व सोशल मीडिया आतंकवाद के लिए जिम्मेदार, भारत से मिल रहा सपोर्ट

पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले के बाद कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसमें एक बात मुख्य रूप से सामने आई है, जिसमें यह कहा जा रहा कि स्थानीय स्तर पर मदद के बिना इतना बड़ा हमला संभव नही है.

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Published : Feb 18, 2019, 9:01 PM IST

ले. ज. ओपी कौशिक

देहरादूनः पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले के बाद कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसमें एक बात मुख्य रूप से सामने आई है जिसमें यह कहा जा रहा कि स्थानीय स्तर पर मदद के बिना इतना बड़ा हमला संभव नही है. इसलिए ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है. पुलवामा में सीआरपीएफ की गाड़ी पर हमला हुआ है वह किसी बिना बैक सपोर्ट के नहीं हो सकता.

पढ़ें- अमर हुये मेजर चित्रेश, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों में दिखा गुस्सा

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि घाटी में तेजी से बढ़ते हुए आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया विशेष रूप से जिम्मेदार है. जिसमें यहां के नवयुवकों को विविध प्रकार के प्रलोभन देकर बरगलाया जाता है. इसमें कश्मीरी छात्र भी शामिल हैं. कश्मीरी छात्र भटकते जा रहे हैं.

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक
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देश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों की आतंकी गतिविधियों में रुचि बढ़ी है. उन्होंने बताया कि 90 के दशक में ऐसे हालात नहीं थे. पिछले कुछ सालों में यह सिलसिला बढ़ता जा रहा है, जो काफी चिंताजनक है.

इसके अलावा कश्मीर में बड़े पैमाने पर विदेशी फंडिंग भी हो रही है, जिसका उपयोग आतंकवाद को बढ़ाने में हो रहा है. इस पर अभी तक रोक नहीं लग पा रही है. फंडिंग के चलते कश्मीरी छात्र तेजी से इस ओर आकर्षित हो रहे हैं. हमें इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा.

मिजोरम से लेकर कश्मीर तक महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में हिस्सा ले चुके जनरल कौशिक ने कहा कि आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए सख्त कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने कहा कि अभी दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं और जो उनके साथी हैं वह भी जल्द पकड़े जाएंगे, क्योंकि सारा का सारा प्रोग्राम बैकग्राउंड सपोर्टर से हुआ है बस थोड़ा सा इंटेलिजेंस को और सक्रिय होने की जरूरत है.

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देश के सभी इंटेलिजेंस इस काम में जुटे हुए हैं. बाकी बचे हुए आतंकियों को भी जल्द से जल्द मार गिराया जाएगा. उनहोंने कहा कि इन आतंकवादियों के आका जो पाकिस्तान में हैं वो पहचाने हुए हैं और हमें जल्द से जल्द उन पर कार्रवाई करनी पड़ेगी.

हालांकि पाकिस्तान आतंकवादियों को कभी भी हैंड ओवर नहीं करेगा. इसके लिए पाकिस्तान को दर्द देना पड़ेगा और जो पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैंप बनाए गए हैं उसको नस्तेनाबूत करना पड़ेगा. मिलेट्री के पास इसका प्लान है और बस सरकार को क्लीयरेंस देना बाकी है.

पीडीपी है आतंकवादियों की रहनुमा
कश्मीर की पीडीपी आमतौर पर उग्रवादियों के हक में बयानबाजी करती है. इस पार्टी की कोशिश है कि कश्मीर में सेना का कंट्रोल कम हो जाए और पीडीपी लगातार कोशिश कर रही है कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट, जो कश्मीर में लगा है उसे कश्मीर से हटा लिया जाए.
अगर आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट कश्मीर से हट जाएगा तो सेना वहां कोई भी एक्शन नहीं ले पाएगी. हर काम के लिए सेना को मजिस्ट्रेट से पत्र लाना पड़ेगा.

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क्या है आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट
सेना को आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के तहत 4 पावर होते हैं. ये एक्ट सेना को कश्मीर में मिले हैं जिसमें वह बिना सर्च वारंट के सर्च कर सकती है, बिना अरेस्ट वारंट के किसी को भी अरेस्ट कर सकती है, कहीं भीड़ इकट्ठा हो जाए तो उसे हटाने के लिए कॉल फायर कर सकती है, इसके साथ ही बिना केंद्र सरकार की परमिशन के सेना पर कोई भी कार्रवाई नहीं किया जा सकता है.

सरकारी कर्मचारी हैं मददगार
सेना ने जिन गांवों से अपनी सेना को हटा लिया था वहां मौका देकर उग्रवादी आकर रहने लगे हैं. इसके साथ ही वहां आतंकवादियों के बैकग्राउंड सपोर्टर हैं उनकी भी हिम्मत बढ़ गई है. लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि कश्मीर में जो आतंकवादियों को एक्सपोर्टर दे रहे हैं वह वहां के टीचर, पटवारी और वकील हैं और ये सभी सरकारी कमर्चारी हैं.

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कश्मीर में 80 से 90% सरकारी कर्मचारी आतंकवादियों के हितैषी बने हुए हैं जो लोग कश्मीर से अलग होना चाहते हैं और उन्हीं को केंद्र सरकार ने प्रोटेक्शन दिया है. गौरतलब है कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसके अगले दिन ही राजौरी में आईईडी डिफ्यूज करते हुए एक और जवान शहीद हो गया. जिसके बाद आज सोमवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान चार और जवान शहीद हो गए हैं. आतंकी हमले के 100 घंटे में ही भारतीय सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है.

देहरादूनः पुलवामा में हाल ही में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए. इस हमले के बाद कई तरह के तथ्य सामने आ रहे हैं, जिसमें एक बात मुख्य रूप से सामने आई है जिसमें यह कहा जा रहा कि स्थानीय स्तर पर मदद के बिना इतना बड़ा हमला संभव नही है. इसलिए ऐसे लोगों की पहचान जरूरी है. पुलवामा में सीआरपीएफ की गाड़ी पर हमला हुआ है वह किसी बिना बैक सपोर्ट के नहीं हो सकता.

पढ़ें- अमर हुये मेजर चित्रेश, अंतिम विदाई में उमड़ा जनसैलाब, नम आंखों में दिखा गुस्सा

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि घाटी में तेजी से बढ़ते हुए आतंकवाद के लिए सोशल मीडिया विशेष रूप से जिम्मेदार है. जिसमें यहां के नवयुवकों को विविध प्रकार के प्रलोभन देकर बरगलाया जाता है. इसमें कश्मीरी छात्र भी शामिल हैं. कश्मीरी छात्र भटकते जा रहे हैं.

सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक
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देश के कई विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले कश्मीरी छात्रों की आतंकी गतिविधियों में रुचि बढ़ी है. उन्होंने बताया कि 90 के दशक में ऐसे हालात नहीं थे. पिछले कुछ सालों में यह सिलसिला बढ़ता जा रहा है, जो काफी चिंताजनक है.

इसके अलावा कश्मीर में बड़े पैमाने पर विदेशी फंडिंग भी हो रही है, जिसका उपयोग आतंकवाद को बढ़ाने में हो रहा है. इस पर अभी तक रोक नहीं लग पा रही है. फंडिंग के चलते कश्मीरी छात्र तेजी से इस ओर आकर्षित हो रहे हैं. हमें इन सभी पहलुओं पर ध्यान देना होगा.

मिजोरम से लेकर कश्मीर तक महत्वपूर्ण ऑपरेशनों में हिस्सा ले चुके जनरल कौशिक ने कहा कि आतंकवाद की कमर तोड़ने के लिए सख्त कार्रवाई करनी होगी. उन्होंने कहा कि अभी दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं और जो उनके साथी हैं वह भी जल्द पकड़े जाएंगे, क्योंकि सारा का सारा प्रोग्राम बैकग्राउंड सपोर्टर से हुआ है बस थोड़ा सा इंटेलिजेंस को और सक्रिय होने की जरूरत है.

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देश के सभी इंटेलिजेंस इस काम में जुटे हुए हैं. बाकी बचे हुए आतंकियों को भी जल्द से जल्द मार गिराया जाएगा. उनहोंने कहा कि इन आतंकवादियों के आका जो पाकिस्तान में हैं वो पहचाने हुए हैं और हमें जल्द से जल्द उन पर कार्रवाई करनी पड़ेगी.

हालांकि पाकिस्तान आतंकवादियों को कभी भी हैंड ओवर नहीं करेगा. इसके लिए पाकिस्तान को दर्द देना पड़ेगा और जो पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैंप बनाए गए हैं उसको नस्तेनाबूत करना पड़ेगा. मिलेट्री के पास इसका प्लान है और बस सरकार को क्लीयरेंस देना बाकी है.

पीडीपी है आतंकवादियों की रहनुमा
कश्मीर की पीडीपी आमतौर पर उग्रवादियों के हक में बयानबाजी करती है. इस पार्टी की कोशिश है कि कश्मीर में सेना का कंट्रोल कम हो जाए और पीडीपी लगातार कोशिश कर रही है कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट, जो कश्मीर में लगा है उसे कश्मीर से हटा लिया जाए.
अगर आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट कश्मीर से हट जाएगा तो सेना वहां कोई भी एक्शन नहीं ले पाएगी. हर काम के लिए सेना को मजिस्ट्रेट से पत्र लाना पड़ेगा.

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क्या है आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट
सेना को आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के तहत 4 पावर होते हैं. ये एक्ट सेना को कश्मीर में मिले हैं जिसमें वह बिना सर्च वारंट के सर्च कर सकती है, बिना अरेस्ट वारंट के किसी को भी अरेस्ट कर सकती है, कहीं भीड़ इकट्ठा हो जाए तो उसे हटाने के लिए कॉल फायर कर सकती है, इसके साथ ही बिना केंद्र सरकार की परमिशन के सेना पर कोई भी कार्रवाई नहीं किया जा सकता है.

सरकारी कर्मचारी हैं मददगार
सेना ने जिन गांवों से अपनी सेना को हटा लिया था वहां मौका देकर उग्रवादी आकर रहने लगे हैं. इसके साथ ही वहां आतंकवादियों के बैकग्राउंड सपोर्टर हैं उनकी भी हिम्मत बढ़ गई है. लेफ्टिनेंट जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि कश्मीर में जो आतंकवादियों को एक्सपोर्टर दे रहे हैं वह वहां के टीचर, पटवारी और वकील हैं और ये सभी सरकारी कमर्चारी हैं.

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कश्मीर में 80 से 90% सरकारी कर्मचारी आतंकवादियों के हितैषी बने हुए हैं जो लोग कश्मीर से अलग होना चाहते हैं और उन्हीं को केंद्र सरकार ने प्रोटेक्शन दिया है. गौरतलब है कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. जिसके अगले दिन ही राजौरी में आईईडी डिफ्यूज करते हुए एक और जवान शहीद हो गया. जिसके बाद आज सोमवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान चार और जवान शहीद हो गए हैं. आतंकी हमले के 100 घंटे में ही भारतीय सेना ने दो आतंकवादियों को मार गिराया है.

Intro:पुलवामा में बीते दिनों हुए आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद से ही सेना के जवान आतंकियों की खोज में जुटी थी। वही पुलवामा में आतंकी हमले के 100 घंटे में ही भारतीय सेना ने 2 आतंकवादियों को मार गिराया है। कल रात से पुलवामा में हो रही फायरिंग में देश के चार जवान शहीद हुए है इसके साथ ही आतंकी हमले के मास्टर माइंड को भारतीय सेना ने मार गिराया है।


Body:आपको बता दे कि पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। जिसके अगले दिन ही राजौरी में आईईडी डिफ्यूज करते हुए एक जवान शहीद हुआ है। जिसके बाद आज आतंकवादियों से मुडभेड़ के दौरान चार और जवान शहीद हो गए है।

वही ले. जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि जो आतंकवादियों ने सीआरपीएफ जवानों पर हमला किया हैं। उसमें एक बात सामने निकल कर आ रही है कि बिना किसी लोकल सपोर्ट के यह नहीं हो सकता। पिछले कुछ सालों से कश्मीर के अंदर आतंकवादियों के बैकसपोर्टर्स बहुत ज्यादा बढ़ गया हैं। क्योकि पिछले दिनों कश्मीर सरकार ने सेना पर प्रेशर डाला था कि कश्मीर में जहां जहां शांति का माहौल है मां से सेना हटा लिए जाए और आर्मी ने जो जो बिल्डिंग कब्जा रखी है उसे खाली कर दे। जिसके बाद जहां जहां से आर्मी सेना हटी, वहां उग्रवादी आ गए।


कश्मीर की पीडीपी पार्टी है आतंकवादियों की बैकसपोर्टर....

साथी ले.जनरल ओपी कौशिक ने बताया कि कश्मीर की पीडीपी आमतौर पर उग्रवादियों के हक में बयानबाजी करती है। इस पार्टी की कोशिश है कि कश्मीर में सेना का कंट्रोल कम हो जाए और पीडीपी लगातार कोशिश कर रही है कि आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट जो कश्मीर में लगा है उसे कश्मीर से हटा लिया जाए। साथ ही बताया कि अगर आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट कश्मीर से हट जाएगा। तो सेना वहां कोई भी एक्शन नहीं ले पाएगी। हर काम के लिए सेना को मजिस्ट्रेट से पत्र लाना पड़ेगा।


क्या है आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट.....

सेना को आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट के तहत 4 पावर होते हैं। और पावर एक्ट सेना को कश्मीर में मिली हुई है। जिसमें वह बिना सर्च वारंट के सर्च कर सकती है, बिना आरेस्ट वारंट के किसी को भी अरेस्ट कर सकती है, कहीं भीड़ इकट्ठा हो जाए तो उसे हटाने के लिए कॉल फायर कर सकती है, इसके साथ ही बिना केंद्र सरकार के परमिशन के सेना पर कोई भी कार्यवाही नहीं किया जा सकता है।


कश्मीर के सरकारी कर्मचारी आतंकवादियों के है बैकसपोर्टर.....

सेना ने जिन गावो से अपनी सेना को हटा लिया था। वहां मौका देकर उग्रवादी आकर रहने लगे हैं। इसके साथ ही जो वहां पर आतंकवादियों के बैकग्राउंड सपोर्टर हैं उनकी हिम्मत भी बढ़ गई है। लेफ्टिनेंट जनरल ओपी सिंह ने बताया कि कश्मीर में जो आतंकवादियों को एक्सपोर्टर दे रहे हैं वह वहां के टीचर, पटवारी और वकील हैं और यह सारे सरकारी सर्विसेज में हैं। कश्मीर में 80 से 90% सरकारी कर्मचारी आतंकवादियों के हितेषी बने हुए हैं। जो लोग कश्मीर से अलग होना चाहते हैं और उन्ही को केंद्र सरकार ने प्रोटेक्शन दे रखा है। और जो पुलवामा में सीआरपीएफ की गाड़ी पर हमला हुआ है वह किसी बिना बैकसपोर्ट के नहीं हो सकता। क्योंकि ब्लास्ट के लिए जो कार तैयार किया गया है उसमें यूज होने वाला आरडीएक्स पाकिस्तान से आया है और इतने भारी मात्रा में आरडीएक्स लाने में समय लगा होगा। इसके साथी गाड़ी को बम बनाने के लिए तीन-चार कारीगरो की भी जरूरत पड़ी होगी। और कश्मीर में जो लोग आतंकवादियों के बैकग्राउंड सपोर्टर हैं वह बड़े ही खतरनाक है इनको कम करना पड़ेगा।


बचे आतंकवादी भी जल्दी ही पकड़े जाएंगे......

वही लेकिन जनरल ओपी सिंह ने बताया कि अभी दो आतंकवादी मारे जा चुके हैं और जो उनके साथी हैं वह भी जल्द पकड़े जाएंगे क्योंकि सारा का सारा प्रोग्राम बैकग्राउंड सपोर्टर से हुआ है बस थोड़ा सा इंटेलिजेंस को और सक्रिय होने की जरूरत है। देश के सभी इंटेलिजेंस इस काम में जुटे हुए हैं बाकी बचे हुए आतंकियों को भी जल्द से जल्द मार गिराया जाए। और हमें पूरा उम्मीद है कि बचे हुए आतंकियों को भी जल्द से जल्द पकड़ ले जाएगा।
साथ ही कहा कि इन आतंकवादियों के आका जो पाकिस्तान में है वो पहचाने हुए हैं और हमें जल्द से जल्द उन पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। हालांकि पाकिस्तान पर छुपे हुए आतंकवादियों को पाकिस्तान कभी भी हैंडोवर नहीं करेगा। इसके लिए पाकिस्तान को दर्द देना पड़ेगा और जो पाकिस्तान में आतंकवादियों के लिए ट्रेनिंग कैंप बनाए गए हैं उसको नष्टोनाबूत करना पड़ेगा। हममें हिम्मत है और हम वह कर भी सकते हैं मिलेकट्री के पास इसका प्लान बने हुए हैं और बस सरकार को क्लीयरेंस देना बाकी है।


सरकार जनता को तसल्ली देने के लिए कहती है कि आदमी को दे दिया खुली छूट......

सरकार का सेना को दी गई छूट पर ओपी सिंह ने बताया कि आमतौर पर सेना को प्लान बनाने की आजादी होती है जो मिलिट्री की कार्रवाई होती है वह मिलती करेगी। मिलिट्री अपने प्लान के तहत काम करती है और इसके लिए वह सरकार के पास ऑप्शन बना कर रखती है। जिसको सरकार क्लीयरेंस देती है। लेकिन सरकार जनता को तसल्ली देने के लिए यह जरूर कह देती है कि हमने आर्मी को छूट दे दी है। लेकिन आर्मी चुपचाप ही बैठी है पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए आर्मी ने पहले ही प्लान तैयार कर लिया है।


कश्मीर में कश्मीरी छात्रों को होती है मोटी फंडिंग, इसलिए भटक रहे हैं कश्मीरी छात्र......

कश्मीरी छात्रों पर बोलते हुए लेफ्टिनेंट जनरल ओपी सिंह ने बताया कि कश्मीरी छात्र देश के तमाम हिस्सों में शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और यह सिलसिला 1990 से चलता हुआ आ रहा है। लेकिन अभी जो कश्मीर की हालत है वह इन कश्मीरी शिक्षकों पर असर डाल रहा है। कश्मीर के अंदर लोगों को इतनी आजादी मिल गई है कि लोगों का डर निकल गया है। इसके साथ ही कश्मीरी लड़कों को कश्मीर में बहुत पैसा मिलता है क्योंकि बहुत ज्यादा मात्रा में वहां कश्मीरी छात्रों के लिए फंडिंग आती हैं। जिसके साथ ही सोशल मीडिया के अंदर बहुत गलत प्रोपोगंडा फैल गया है। जिस वजह से कश्मीरी छात्र आतंकवादियों से मिलते जा रहे हैं। साथ ही कहा कि अगर उग्रवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ना है तो हमें सख्ती से लड़ना पड़ेगा। क्योंकि बिना सख्ती से लड़ाई लड़े हम उग्रवाद को खत्म नही कर पाएंगे।








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