देहरादून: उत्तराखंड के नवनियुक्त राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत) गुरमीत सिंह ने आज बतौर राज्यपाल अपना पदभार ग्रहण कर लिया है. नैनीताल हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश राघवेंद्र सिंह चौहान ने उन्हें पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत बीजेपी सरकार के कई वरिष्ठ नेता और मंत्रीगण भी मौजूद रहे. शपथ ग्रहण के बाद राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं स्वावलम्बी और बहादुर हैं, ऐसे में यहां की बेटियों को सैनिक स्कूलों, एनडीए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा.
इस दौरान राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि वह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्हें देव भूमि उत्तराखंड का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. इसके साथ ही उन्होंने कि ये धरती (उत्तराखंड) सैनिकों, संतों और विद्धानों की है. गुरु गोविंद सिंह जी के भी ये ही तीनों रूप हैं. राज्यपाल गुरमीत सिंह ने इस दौरान देश के लिए शहीद होने वाले उत्तराखंड के जवानों की शहादत को भी याद किया है.
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बता दें कि राज्यपाल बेबी रानी मौर्य के इस्तीफे के बाद लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह को उत्तराखंड का 8वां राज्यपाल बनाया गया है. उन्हें चीन मामलों का विशेषज्ञ माना जाता है. करीब चार दशक तक सैन्य सेवा के बाद फरवरी 2016 में सेवानिवृत्त हुए गुरमीत सिंह ने बुधवार को राज्यपाल पद की शपथ ली.
लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने सेना में अपनी सेवा के दौरान सेना के उप प्रमुख, सहायक जनरल और कश्मीर में नियंत्रण रेखा की निगरानी करने वाली 15वीं कोर के कोर कमांडर के पद पर काम किया. रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह डेप्युटी चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ भी रह चुके हैं. उन्होंने दो विश्वविद्यालयों से एमफिल की डिग्री ली है. डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स और नेशनल डिफेंस कॉलेज से स्नातक, लेफ्टिनेंट जनरल सिंह ने चेन्नई और इंदौर विश्वविद्यालयों से दो एमफिल किए हैं.
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भारतीय सेना में अपनी सेवाएं देने के दौरान वह कई बार चीन से जुड़े सामरिक मामलों को देख चुके हैं. इसके साथ ही राज्यपाल गुरमीत सिंह ईरान में संयुक्त राष्ट्र संघ के पर्यवेक्षक भी रह चुके हैं. यही कारण है कि भारतीय सेना में अपने शानदार कार्यकाल के लिए उन्हें चार राष्ट्रपति पुरस्कार और दो बार चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है.