देहरादून: मौसम के लिहाज से संवेदनशील उत्तराखंड में अब 6 नए डॉप्लर रडार लगाने की तैयारी की जा (6 new Doppler radars) रही है. ताकि मौसम की समय से सटीक जानकारी मिल सके और समय रहते जानमाल के नुकसान को कम किया जा (Uttarakhand weather update) सके.
उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील प्रदेश (weather sensitive Uttarakhand) है. शायद ही यहां कोई ऐसा मॉनसून सीजन रहा है, जिसमें उत्तराखंड ने आपदा का दंश न झेला हो. बीते शनिवार 20 अगस्त की तड़के भी देहरादून और टिहरी समेत कई इलाकों में बादल फटने की वजह से भारी तबाही हुई थी. उत्तराखंड में मौसम की इन्हीं दुश्वारियों को देखते हुए प्रदेश में 6 नए डॉप्लर लगाने की तैयारी की जा रही (Doppler radars to be installed) है. फिलहाल प्रदेश में एकमात्र डॉप्लर रडार नैनीताल जिले के मुक्तेश्वर में लगा हुआ है. हालांकि एक डॉप्लर रडार हाल ही में टिहरी जिले के सुरकंडा में लगाया गया था, लेकिन अभीतक वो चालू नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि अगले महीने की शुरुआत में सुरकंडा वाला डॉप्लर रडार काम करने लगेगा.
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उत्तराखंड के मौसम निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि इस तरह का एक डॉप्लर रडार हाल फिलहाल में पौड़ी जिले के लैंसडॉउन में लगाया जाना है. इसके अलावा पहाड़ी इलाकों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और धारचूला में नए डॉप्लर रडार स्थापित होंगे. वहीं मैदानी इलाकों में देहरादून, हरिद्वार और नैनीताल में डॉप्लर रडार लगाए जाने हैं. डॉप्लर रडार लगने के बाद मौसम की सटीक जानकारी मिल सकेगी. यह एक तरह से रियल टाइम वेदर मॉनिटरिंग सिस्टम है और इससे यह पता चलता है कि मौसम की एक्टिविटी की क्या स्थिति है.
उन्होंने बताया कि डॉप्लर रडार हर 15 मिनट में मौसम की सटीक जानकारी देता है. किस समय बादलों की क्या एक्टिविटी है, इसकी जानकारी लोकेशन के मिल जाती है. डॉप्लर रडार का रेडियस 100 किलोमीटर का है और जहां पर भी स्टेशन होगा वहां यह अपने चारों तरफ के 100 किलोमीटर के दायरे में वेदर मॉनिटरिंग कर सकता है.