देहरादून: इस समय देशभर में चुनावी माहौल है और इसी चुनावी माहौल के बीच चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है. चारधाम यात्रा शुरू होने में करीब 20 दिन बचे हैं, लेकिन तैयारियों की बात करें तो चुनाव की वजह से तैयारियों का कुछ अता-पता नहीं है. प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज चुनाव प्रचार प्रसार में व्यस्त हैं तो वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत भी अन्य राज्य में चुनाव प्रचार-प्रसार पर जा रहे हैं. हालांकि इस बार 7 मई को गंगोत्री, यमुनोत्री धाम के कपाट, 9 मई को केदारनाथ धाम के कपाट और 10 मई को बदरीनाथ धाम के कपाट खुल रहे हैं.
लोकसभा चुनाव का चारधाम की तैयारियों पर अच्छा खासा असर पड़ता दिख रहा है. हालांकि मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर कहा कि यात्रा से जुड़ी सभी तैयारियां मुकम्मल की जा रही हैं.
आपको बता दें कि उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने में करीब 20 दिन ही बचे हैं. लेकिन अभी तक चारधाम यात्रा सुचारू रूप से चलाने के लिए कुछ कार्य नहीं हुआ है. चारधाम यात्रा में लाखों श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. ऐसे में उत्तराखंड सरकार और चारधाम मंदिर समिति की जिम्मेदारी होती है कि चारधाम की सारी व्यवस्थाओं को मुकम्मल कराए. ताकि दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े.
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हालांकि उत्तराखंड में तो मतदान समाप्त हो गया है, लेकिन चारधाम यात्रा में देशभर से लाखों श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं और इस बार देशभर में लोकसभा चुनाव का मतदान सात चरणों में हो रहा है. ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि देश भर में हो रहे चुनाव का चारधाम यात्रा पर अच्छा खासा फर्क पड़ सकता है, यानि इस बार चुनाव, तैयारियों और व्यवस्थाओं की कमी की वजह से श्रद्धालुओं में संख्या में कमी देखी जा सकती है.
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पहाड़ी क्षेत्रों पर भारी बर्फबारी की वजह से तमाम बेसिक सुविधाओं बिजली,पेयजल, संचार आदि माध्यमों में अच्छा खासा असर पड़ा है और इन व्यवस्थाओं को सुचारू रूप में लाने के लिए प्रशासन को कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी. लिहाजा अभी पहाड़ी क्षेत्रों की बात करें तो तमाम पहाड़ी क्षेत्र ऐसे भी हैं जहां कई फीट बर्फ पड़ी हुई है. ऐसे में साफ कहा जा सकता है कि अगर प्रशासन ने समय रहते व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया तो ऐसे में श्रद्धालुओं को अच्छी खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.