देहरादून: कर्नाटक के मैसूर में फंसे उत्तराखंड के 150 छात्र-छात्राओं की घर वापसी होने जा रही है. सभी स्टूडेंट्स इंटर्नशिप करने मैसूर गए हुए थे और लॉकडाउन के चलते 55 दिनों से फंसे हुए हैं.
कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना के मुताबिक मैसूर में फंसे छात्र-छात्राओं को वापस लाने का इंतजाम हो गया है. वह बीते 1 सप्ताह से मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह और कोविड-19 के नोडल अधिकारी शैलेश बगोली के साथ-साथ मैसूर में इंफोसिस के अधिकारियों से संपर्क में थे. जिसके बाद उत्तराखंड सरकार द्वारा ट्रेन से मैसूर में फंसे 150 छात्र-छात्राओं को वापस लाया जाएगा. 19 मई को कुमाऊं मंडल और 20 मई को गढ़वाल मंडल के छात्र-छात्राओं को लाने की व्यवस्था की गई है.
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सूर्यकांत धस्माना ने बताया कि कुमाऊं के छात्र-छात्राएं 19 मई को बेंगलुरु से चलकर काठगोदाम तक और 20 मई को गढ़वाल के छात्र-छात्राएं बेंगलुरु से चलकर हरिद्वार पहुंचेंगे. धस्माना ने छात्र-छात्राओं की सकुशल वापसी के लिए मुख्य सचिव और कोविड-19 के नोडल अधिकारी का आभार व्यक्त किया है.
समर कोर्स और इंटर्नशिप के लिए मैसूर गए स्टूडेंट्स लॉकडाउन की वजह से फंसे हुए हैं. उत्तराखंड सरकार के प्रयासों से मैसूर में फंसे छात्र-छात्राओं की वापसी के इंतजाम पूरे हो चुके हैं. धस्माना के मुताबिक इससे पहले भी बिहार में फंसे लोगों को वापसी के इंतजाम कर उन्हें अपने घर उत्तरकाशी पहुंचाया जा चुका है.