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उत्तराखंड: 108 एंबुलेंस सेवा के एक साल पूरे, पहाड़ की चुनौतियों पर कितना खरा उतरा जानिए - उत्पल कुमार सिंह. मुख्य सचिव

उत्तराखंड में 108 एंबुलेंस सेवा ने बीते एक साल में 1 लाख 17 हजार 689 लोगों को इमरजेंसी सेवायें प्रदान की है.

Uttarakhand news
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Published : May 8, 2020, 6:34 PM IST

Updated : May 9, 2020, 5:08 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवा की बेहद ज़रूरी कड़ी 108 एंबुलेंस सेवा के एक साल पूरे हो गए हैं. कैंप (Community Action Through Motivation Program) संग अनुबंध के चलते हमेशा आलोचनाओं में रहने वाली 108 सेवा ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. जिसकी तस्दीक खुद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने की है. हमारी स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए, पहाड़ सी चुनौतियों पर 108 सेवा कितनी खरी उतरी है.

पहाड़ की चुनौतियों पर कितना खरा उतरा जानिए.

उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 108 आपातकालीन सेवा की शुरुआत की थी. सरकार बदलते ही प्रदेश की 108 सेवा का परफॉर्मेंस भी गिरना शुरू हो गया था. 2019 में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन हासिल करने वाली ‘कैंप’ के लिए इस काम में चुनौतियां बड़ी थीं. ‘कैंप’ के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक समय बेहद प्रतिष्ठित रही और फिर पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी 108 एंबुलेंस सेवा की साख को फिर से बहाल करना था.

ये भी पढ़ें: सरकार से 'तेज' निकले शराब के शौकीन, टैक्स लगने से पहले ही फुल किया स्टॉक

चुनौती भरी शुरुआत

शुरुआती दौर नई कंपनी के लिए काफी चुनौती भरा रहा. लेकिन चुनौतियों के साथ-साथ 108 सेवा ने कई कीर्तिमान भी स्थापित किए. नई कंपनी के साथ अनुबंध होते ही एंबुलेंस चालक संगठन 'कैंप' के खिलाफ खड़ा हो गया. साथ ही शुरुआती दौर में कई गाड़ियों के दुर्घटनाग्रस्त होने से कंपनी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

एक साल की उपलब्धियां

बीते एक साल में 108 आपातकालीन सेवा द्वारा प्रदेश में 1 लाख 17 हजार 689 लोगों को इमरजेंसी सेवा प्रदान की गई.

सेवाएं मई 2018 से अप्रैल 2019 तक प्रदान सेवाएं कैंप द्वारा मई 2019 से अप्रैल 2020 तक की सेवाएं
गर्भवती महिलाओं के केस35,42044,863
एंबुलेंस में सफल प्रसव607506
सड़क हादसे से जुड़े केस73427370
हार्ट अटैक से जुड़े केस22484497
अन्य इमरजेंसी केस26,30560,453
कुल इमरजेंसी केस71,9221,17,689


रिस्पॉन्स टाइम में आई तेजी

बीते एक साल में 108 इमरजेंसी सेवा के रिस्पांस टाइम में बेहतरीन सुधार हुए हैं. 108 सेवा की ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पॉन्स टाइम 32 मिनट से घटकर 27 मिनट हो गई है. जबकि शहरी क्षेत्रों में 25 मिनट से घटकर 15 मिनट हो गई है.

कोविड-19 संक्रमण के दौर में बेहतरीन प्रयास

कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शुरुआती दौर में 108 सेवा के एक-एक एंबुलेंस को हर जिले के कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेट किया गया था. एंबुलेंस में कोरोना से निपटने के लिए सभी प्रकार के चिकित्सीय सुविधाओं का प्रबंध भी किया गया था.

देहरादून: उत्तराखंड की स्वास्थ्य सेवा की बेहद ज़रूरी कड़ी 108 एंबुलेंस सेवा के एक साल पूरे हो गए हैं. कैंप (Community Action Through Motivation Program) संग अनुबंध के चलते हमेशा आलोचनाओं में रहने वाली 108 सेवा ने कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं. जिसकी तस्दीक खुद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने की है. हमारी स्पेशल रिपोर्ट में पढ़िए, पहाड़ सी चुनौतियों पर 108 सेवा कितनी खरी उतरी है.

पहाड़ की चुनौतियों पर कितना खरा उतरा जानिए.

उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री और वर्तमान केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 108 आपातकालीन सेवा की शुरुआत की थी. सरकार बदलते ही प्रदेश की 108 सेवा का परफॉर्मेंस भी गिरना शुरू हो गया था. 2019 में 108 एंबुलेंस सेवा का संचालन हासिल करने वाली ‘कैंप’ के लिए इस काम में चुनौतियां बड़ी थीं. ‘कैंप’ के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक समय बेहद प्रतिष्ठित रही और फिर पूरी तरह नाकाम साबित हो चुकी 108 एंबुलेंस सेवा की साख को फिर से बहाल करना था.

ये भी पढ़ें: सरकार से 'तेज' निकले शराब के शौकीन, टैक्स लगने से पहले ही फुल किया स्टॉक

चुनौती भरी शुरुआत

शुरुआती दौर नई कंपनी के लिए काफी चुनौती भरा रहा. लेकिन चुनौतियों के साथ-साथ 108 सेवा ने कई कीर्तिमान भी स्थापित किए. नई कंपनी के साथ अनुबंध होते ही एंबुलेंस चालक संगठन 'कैंप' के खिलाफ खड़ा हो गया. साथ ही शुरुआती दौर में कई गाड़ियों के दुर्घटनाग्रस्त होने से कंपनी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

एक साल की उपलब्धियां

बीते एक साल में 108 आपातकालीन सेवा द्वारा प्रदेश में 1 लाख 17 हजार 689 लोगों को इमरजेंसी सेवा प्रदान की गई.

सेवाएं मई 2018 से अप्रैल 2019 तक प्रदान सेवाएं कैंप द्वारा मई 2019 से अप्रैल 2020 तक की सेवाएं
गर्भवती महिलाओं के केस35,42044,863
एंबुलेंस में सफल प्रसव607506
सड़क हादसे से जुड़े केस73427370
हार्ट अटैक से जुड़े केस22484497
अन्य इमरजेंसी केस26,30560,453
कुल इमरजेंसी केस71,9221,17,689


रिस्पॉन्स टाइम में आई तेजी

बीते एक साल में 108 इमरजेंसी सेवा के रिस्पांस टाइम में बेहतरीन सुधार हुए हैं. 108 सेवा की ग्रामीण क्षेत्रों में रिस्पॉन्स टाइम 32 मिनट से घटकर 27 मिनट हो गई है. जबकि शहरी क्षेत्रों में 25 मिनट से घटकर 15 मिनट हो गई है.

कोविड-19 संक्रमण के दौर में बेहतरीन प्रयास

कोविड-19 संक्रमण को देखते हुए शुरुआती दौर में 108 सेवा के एक-एक एंबुलेंस को हर जिले के कोरोना मरीजों के लिए डेडिकेट किया गया था. एंबुलेंस में कोरोना से निपटने के लिए सभी प्रकार के चिकित्सीय सुविधाओं का प्रबंध भी किया गया था.

Last Updated : May 9, 2020, 5:08 PM IST
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