चंपावतः उत्तराखंड में वन्यजीव संघर्ष पर लगाम लगाना चुनौती बन गया है. आए दिन कहीं न कहीं से वन्यजीवों के हमले के मामले सामने आते हैं. जिनमें खासकर गुलदार, बाघ, भालू, हाथी, बंदर आदि के हमले शामिल हैं. जिसकी वजह से कई लोग अपनी जान गंवाते हैं. चंपावत में भी गुलदार का खौफ बरकरार है. यह गुलदार एक महिला को निवाला बना चुका है. जबकि, कई लोगों पर हमला कर चुका है, लेकिन अभी तक इस गुलदार को नहीं पकड़ा जा सका है. ऐसे में ग्रामीण खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं.
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गुलदार महिला को बना चुका निवालाः दरअसल, चंपावत के सूखीढांग क्षेत्र के टनकपुर चंपावत हाईवे से सटे गाजर गांव में गुलदार की दहशत है. बीती 2 जुलाई को गुलदार ने गाजर गांव की भोजन माता चंद्रावती देवी को मौत के घाट उतार दिया था, लेकिन अभी तक उसे पकड़ा नहीं जा सका है. यह गुलदार लगातार हाईवे के किनारे चहलकदमी करते नजर आ रहा है. जिससे राहगीरों और दोपहिया वाहनों से सफर करने वाले लोगों में खौफ है. उन्हें हाईवे से गुजरते वक्त यही डर सताता है कि कहीं गुलदार हमला न कर दे.
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ग्रामीण ने बताई आपबीतीः इस गुलदार का निशाना बने उधम सिंह नगर जिले के नानकमत्ता निवासी मुरारी लाल शर्मा बताते हैं कि जब वो अपनी पत्नी के साथ बाइक से सूखीढांग क्षेत्र स्थित अपने रिश्तेदार के घर जा रहे थे. तभी हाईवे पर गुलदार ने उन पर हमला कर दिया. जब उन्होंने शोर मचाया तो गुलदार उन्हें छोड़ कर जंगल की ओर भाग गया. हमले में दोनों की जान बाल-बाल बची. हालांकि, हमले में मुरारी लाल घायल हो गए थे. किसी तरह से वो रिश्तेदार के घर सूखीढांग पहुंचे. जहां रिश्तेदारों ने मुरारी लाल को एंबुलेंस की मदद से टनकपुर उप जिला अस्पताल पहुंचाया. जहां उनके जख्मों का इलाज किया गया.
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वन विभाग के खिलाफ आक्रोशः चंपावत टनकपुर हाईवे पर गुलदार के हमले बढ़ने पर ग्रामीण क्षेत्रों में दहशत का माहौल है. उनका कहना है कि वो कई बार वन विभाग के अधिकारियों से गुलदार को पकड़ने की मांग कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. सुरक्षा देने के नाम पर वन विभाग के अधिकारी उन्हें शाम के समय हाईवे पर न निकलने की हिदायत दे रहे हैं. अभी भी गुलदार घूम रहा है.
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क्या बोले वन क्षेत्राधिकारी गुलजार हुसैन? वहीं, वन क्षेत्राधिकारी गुलजार हुसैन का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए हैं. साथ ही गुलदार की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कैमरा ट्रैप लगाए गए हैं. इसके अलावा वन विभाग के कर्मचारियों की ओर से लगातार रात्रि गश्त भी की जा रही है. हमारा मकसद है कि जल्द से जल्द गुलदार को पकड़ कर रेस्क्यू सेंटर भेजा जाए. ताकि, गुलदार और स्थानीय लोगों की सुरक्षा की जा सके.
गुलदार के संबंध में वन विभाग के अधिकारियों की ओर से आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल ट्रेंकुलाइजर एक्सपर्ट को भी बुलाया जाएगा. फिलहाल, वन विभाग के सभी अधिकारी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए हैं. -नवनीत पांडे, जिलाधिकारी, चंपावत