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आवारा पशुओं को लेकर तहसील पहुंची महिलाएं, एसडीएम से की कार्रवाई की मांग - पशु चिकित्सा अधिकारी पाटी

ग्रामीण महिलाएं आवारा पशुओं को इकट्ठा करके तहसील पहुंचे. यहां उन्होंने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की.

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आवारा पशुओं से परेशान महिलाओं ने पशुओं को पहुंचाया तहसील.
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Published : Jan 12, 2020, 8:41 PM IST

चंपावत: आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से ग्रामीण परेशान हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नही. ये कहना है चंपावत जिले के पाटी ब्लॉक की ग्रामीण महिलाओं का. क्षेत्रवासियों का कहना है कि आवारा पशुओं में सबसे ज्यादा संख्या गायों की हैं. उनका कहना है कि गाय जब दूध देना बंद कर देती है, तो लोग उन्हें जंगल या ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़ देते हैं. जिससे आवारा पशु ग्रामीणों की फसल नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में महिलाएं आवारा पशुओं को लेकर तहसील पहुंची और एसडीएम को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की दरख्वास्त की.

आवारा पशुओं से परेशान महिलाओं ने पशुओं को पहुंचाया तहसील.

गौरतलब है कि रात में आवारा घूमते पशु सड़क दुघर्टना का कारण भी बन रहे हैं. इसके अलावा कड़ाके की ठंड में पशु रात भर सड़कों पर भटकते रहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कई पशु ठंड से मर भी जाते हैं. इस तरह पशुओं को आवारा छोड़ने पर गौ सेवकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश है. लोगों ने पशुओं को आवारा छोड़ने वालों को पकड़ने के साथ ऐसे लोगों को आर्थिक दंड लगाने की भी मांग की है.

यह भी पढ़ें: देहरादून: सड़क हादसे में युवक की मौत, तीन घायल

रविवार को ग्रामीण महिलाओं ने आवारा पशुओं को एकत्र किया और तहसील पहुंचे. जहां उन्होंने एसडीएम शिप्रा जोशी को ज्ञापन सौंपा. एसडीएम ने आवारा घूमते पशुओं को चिह्नित कर गौशाला में भेजने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि गौशाला द्वारा छोड़े गए पशुओं की टाइटिंग करने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है.

चंपावत: आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या से ग्रामीण परेशान हैं. लेकिन प्रशासन को इसकी कोई फिक्र नही. ये कहना है चंपावत जिले के पाटी ब्लॉक की ग्रामीण महिलाओं का. क्षेत्रवासियों का कहना है कि आवारा पशुओं में सबसे ज्यादा संख्या गायों की हैं. उनका कहना है कि गाय जब दूध देना बंद कर देती है, तो लोग उन्हें जंगल या ग्रामीण क्षेत्रों में छोड़ देते हैं. जिससे आवारा पशु ग्रामीणों की फसल नष्ट कर देते हैं. इससे किसानों को काफी नुकसान हो रहा है. ऐसे में महिलाएं आवारा पशुओं को लेकर तहसील पहुंची और एसडीएम को पत्र लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने की दरख्वास्त की.

आवारा पशुओं से परेशान महिलाओं ने पशुओं को पहुंचाया तहसील.

गौरतलब है कि रात में आवारा घूमते पशु सड़क दुघर्टना का कारण भी बन रहे हैं. इसके अलावा कड़ाके की ठंड में पशु रात भर सड़कों पर भटकते रहते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कई पशु ठंड से मर भी जाते हैं. इस तरह पशुओं को आवारा छोड़ने पर गौ सेवकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश है. लोगों ने पशुओं को आवारा छोड़ने वालों को पकड़ने के साथ ऐसे लोगों को आर्थिक दंड लगाने की भी मांग की है.

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रविवार को ग्रामीण महिलाओं ने आवारा पशुओं को एकत्र किया और तहसील पहुंचे. जहां उन्होंने एसडीएम शिप्रा जोशी को ज्ञापन सौंपा. एसडीएम ने आवारा घूमते पशुओं को चिह्नित कर गौशाला में भेजने का आश्वासन दिया है. उन्होंने बताया कि गौशाला द्वारा छोड़े गए पशुओं की टाइटिंग करने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी को भी निर्देशित किया गया है.

Intro:
स्लग- आवारा पशु
रिपोर्टर- गिरीश ंिसंह बिष्ट चम्पावत
एंकर- चम्पावत के
पहुंचा पाटी ब्लाक में आवारा पशुओं को एक़़़त्र कर ग्रामीण महिलाओं ने तहसील पहुंचा दिया। ग्रामीण महिलाओं ने एसडीएम शिप्रा जोशी से आवारा पशुओं से निजात दिलाने की मांग की। ग्रामीण महिलाओं ने पशुओं को आवारा छोडने वाले लोगों पर सख्त कार्यवाहीं करने की भी मांग की।
Body:चम्पावत जिले में आवारा पशुओ की संख्या लगातार बढ रही है। इनमें सबसे अधिक संख्या गायों की है। गाय जब दूध देना बंद कर देती है या बांझ हो जाती है तो लोग उन्हें जंगल या ग्रामीण क्षेत्र में छोड रहे हैं जिससे आवारा पशु ग्रामीणों की फसल नष्ट कर देते हैं ।Conclusion: रात में ये पशु सडको पर दुघर्टना का कारण भी बनते हैं। कडाके ठंड में पशु रात भर सडकों में भटकते हैं कई पशु ठंड से मर भी जाते हैं। इस तरह पशुओं को आवार छोडने पर गौ भक्तों के साथ स्थानीय लोगों में भी भारी आक्रोश लोगों ने पशुओ को आवारा छोडने वालों को पकडने के साथ इन लोगों को आर्थिक दंड लगाने की भी मांग की है।
बाइट 1- कमला देवी ग्रामीण महिला
बाइट 2-एसडीएम पाटी शिप्रा जोशी
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