थराली: नगर पंचायत क्षेत्र थराली के अंतर्गत थराली वन पंचायत क्षेत्र में इन दिनों वन सरपंच के चुनाव को लेकर माहौल गर्म है. यहां बीते एक फरवरी को हुए वन सरपंच के चुनाव में थराली के 9 तोको से 9 पंचों की सहमति से कानूनगो हिम्मत सिंह रौतेला और राजस्व उपनिरीक्षक चंद्र सिंह बुटोला की उपस्थिति में बबिता चंदोला को वन सरपंच चुना गया. इससे पहले भी कई बार चुनाव स्थगन के बाद बमुश्किल ही यहां वन सरपंच का चुनाव संभव हो सका है. अब थराली वन पंचायत क्षेत्र के अलग-अलग तोकों से आकर ग्रामीणों ने एक फरवरी को हुए इस सरपंच चुनाव को निरस्त करने की मांग थराली उपजिलाधिकारी से की है.
ग्रामीणों का कहना है कि एक फरवरी को हुए वन सरपंच के चुनाव में ग्रामीणों को नहीं बुलाया गया था. न ही गांव में एजेंडा घुमाकर प्रस्ताव मांगा गया था. ऐसे में गुपचुप तरीके से बिना ग्रामीणों की सहमति के वन सरपंच का चुनाव करवाया गया जो गलत है. सरपंच चुनी गईं बबीता चंदोला और उनके समर्थकों का कहना है कि गांव में सभी तोकों में चुनाव की जानकारी पहुंचा दी गयी थी. चुनाव में बबीता को नियमों के अनुसार ही चुना गया. इस चुनाव में राजस्व कानूनगो और राजस्व उपनिरीक्षक भी मौजूद थे. ऐसे में चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठाना गलत है.
पढ़ें-लालटेन लेकर विकास कार्य खोजेगी कांग्रेस, सरकार के खिलाफ 24 फरवरी से होगा बड़ा आंदोलन
वहीं थराली उपजिलाधिकारी किशन सिंह नेगी ने बताया कि ग्रामीणों ने उन्हें मामले में शिकायत पत्र दिया है. दोनों पक्षों को सुनकर ही चुनाव निरस्तीकरण या फिर कोई और फैसला किया गया जाएगा. कुल मिलाकर कहा जाए तो इन दिनों थराली में वन सरपंच के चुनाव को लेकर महाभारत मची हुई है. हर कोई अपनी-अपनी दलीलें देकर अपना दावा कर रहा है.