जोशीमठ: एक डिग्री सेल्सियस तापमान में जब लोग अपने घरों में रजाई में दुबके रहे होंगे तब जोशीमठ के लोग अपना जीवन और घर बचाने के लिए मशालें लेकर सड़कें पर उतरे. इन लोगों की मांग है कि एनटीपीसी जल विद्युत जैसी बड़ी परियोजनाएं यहां नहीं लगें. जोशीमठ के लोग शहर के अस्तित्व पर आए संकट के लिए एनटीपीसी को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. बीजेपी ने जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन और नुकसान का आकलन करने के लिए 14 सदस्यीय समिति का गठन किया है. उधर लोगों ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार से स्थाई समाधान की मांग की है.
भयानक भू धंसाव की चपेट में है जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव ने अब विकराल रूप ले लिया है. अब स्थिति यह है कि भू धंसाव ने सभी वार्डों को अपनी चपेट में ले लिया है. बीती सोमवार रात को अचानक मकानों में दरारें आने लगीं. इससे पूरे नगर में दहशत फैल गई थी. बुधवार को जेपी कॉलोनी के 50 प्रभावितों को कंपनी ने और अलग अलग वार्डों से 16 प्रभावित परिवारों को प्रशासन ने सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया. इससे पूर्व 11 प्रभावितों को शिफ्ट किया जा चुका है.
लोग जागकर काट रहे हैं रातें: वहीं मारवाड़ी में भूमि से लगातार पानी का रिसाव होने से निचले क्षेत्र के भवनों को भी खतरा पैदा हो गया है. नगर के सिंहधार वार्ड में स्थित बीएसएनएल के कार्यालय और आवासीय भवनों में भी दरारें निकल आई हैं. इससे यहां रहने वाले परिवारों पर भी खतरा मंडराने लगा है. लोग बहुत डरे हुए हैं. इस समय जब जोशीमठ और आसपास न्यूनतम तापमान 1 डिग्री और उससे भी नीचे जा रहा है तो लोग जागकर रातें काट रहे हैं.
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रोपवे का संचालन बंद किया गया: वहीं, औली रोपवे का संचालन अग्रिम आदेशों तक बंद कर दिया गया है. रोपवे प्रबंधक दिनेश भट्ट ने बताया कि प्रशासन की ओर से यह आदेश मिले हैं. हालांकि जीएमवीएन निदेशालय की ओर से अभी तक रोपवे संचालन रोकने के आदेश नहीं आए हैं. गौरतलब है कि जोशीमठ में रोपवे टावर के आसपास की जमीन में भी दरारें पड़ी हैं. पर्यटकों की सुरक्षा को देखते हुए रोपवे के संचालन को रोकने का निर्णय लिया गया है.