कर्णप्रयाग: WFI अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर देश की महिला पहलवान और दूसरे खिलाड़ी कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला पहलवानों ने WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर गंभीर आरोप लगाये हैं. देश की राजधानी में हो रहे महिला पहलवानों के इस प्रदर्शन को देश के कोने कोने से समर्थन मिल रहा है. उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में भी महिला पहलवानों के समर्थन में प्रदर्शन किया गया. यहां छात्रों, स्थानीय लोगों और नेताओं ने थाली बजाकर, पोस्टर बैनर लगाकर महिला पहलवानों का समर्थन किया.
कर्णप्रयाग में महिला पहलवानों के समर्थन में लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यहां केंद्र सरकार को जगाने के लिए थाली बजा कर प्रदर्शन किया गया है. इसके बाद भाकपा (माले) के राज्य सचिव इन्द्रेश मैखुरी ने उपजिलाधिकारी कर्णप्रयाग के माध्यम से राष्ट्रपति ज्ञापन भेजा.
राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन में लिखा है कि कॉमनवेल्थ से लेकर ओलंपिक तक देश की झोली पदकों से भरने वाले पहलवान, नई दिल्ली में जंतर-मंतर पर कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. महिला पहलवानों का आरोप है कि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह, महिला पहलवानों का यौन शोषण करते हैं. इसलिए उनके विरुद्ध कार्रवाई की जानी चाहिए. यह बेहद अफसोस की बात है कि 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' का नारा देने वाली सरकार के राज में देश की महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोपी के खिलाफ एफ़आईआर करवाने के लिए भी उच्चतम न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि आरोपी, सत्तापक्ष से संबंधित है.
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खेल संघों के पदाधिकारियों पर खिलाड़ियों के यौन शोषण के आरोप का यह इकलौता मामला नहीं है. बीते मार्च के महीने में उत्तराखंड में चमोली जिला क्रिकेट एसोसिएशन के सचिव और कोच नरेंद्र शाह का क्रिकेट में भविष्य बनाने की इच्छुक बच्ची से बेहद अश्लील बातें करता हुआ ऑडियो वाइरल हुआ. मुकदमा दर्ज हुआ और आरोपी को गिरफ्तार होते ही तुरंत जमानत मिल गयी. इस तरह देखें तो खेल संघों के पदाधिकारियों द्वारा खिलाड़ियों के यौन उत्पीड़न और ऐसे करने के आरोपियों का त्वरित बचाव, दोनों ही आम हैं. यह इसी तरह चलता रहा तो देश भर में खेल में करियर बनाने की इच्छुक युवतियों के लिए घर से बाहर निकलना ही मुश्किल हो जाएगा. यह कैसी विडंबना है कि खेल संघ, यौन कुंठा से भरे लोगों के कब्जे में हैं ?
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खेल और खिलाड़ियों को ऐसे लोगों से मुक्त कराने के लिए आवश्यक है कि महिला पहलवानों द्वारा उठाए गए मामले में कठोर कार्रवाई हो. बृजभूषण शरण सिंह को तत्काल भारतीय कुश्ती संघ और संसद से बर्खास्त करके गिरफ्तार किया जाये. इस प्रकरण की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जाये. उत्तराखंड क्रिकेट एसोसिएशन के प्रकरण में भी जांच एवं समुचित कार्रवाई सुनिश्चित की जाए.