चमोली: शीतकाल के दौरान मलारी, नीती घाटी में भारी बर्फबारी के बाद गमशाली से आगे नीती हाईवे फिलहाल बंद है. माइग्रेशन के लिए जनजाति के लोग तैयारियां शुरू कर चुके हैं, लेकिन जिस प्रकार अभी तक बर्फ हाईवे पर जमी हुई है. उससे माइग्रेशन वाले गांवों तक पहुंचने में दिक्कतें हो सकती हैं.
चमोली जिले की नीती घाटी इस समय बर्फ से लकदक है. शीतकाल के दौरान मलारी से लेकर अग्रिम सैन्य चौकी सिपुक तक भारी बर्फबारी हुई है. हालांकि मलारी से 14 किमी आगे गमशाली तक सीमा सड़क संगठन ने सड़क से बर्फ हटाकर आवाजाही सुचारू कर दी है, लेकिन इससे आगे छह किमी दूर नीती तक सड़क अभी तक बंद है. नीती से 10 किमी दूर सिपुक में बर्फबारी के बाद से भारी भरकम हिमखंड बने हुए हैं. बताते चलें कि नीती घाटी के गमशाली, नीती, फरकिया, बाम्पा, कैलाशपुर समेत दर्जनभर गांवों में ग्रीष्मकाल में भोटिया जनजाति के लोग माइग्रेशन करते हैं.
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अप्रैल प्रथम सप्ताह से ये लोग सीमांत गांवों की ओर प्रस्थान कर देते हैं. ग्रीष्मकाल के दौरान ये मवेशी भी सीमांत गांवों में ले जाए जाते हैं, लेकिन इस साल गमशाली से आगे भारी बर्फबारी के चलते हाईवे अभी भी बंद है. हाईवे के दोनों ओर भारी भरकम हिमखंड जमे हुए हैं. इससे नीती तक पहुंचने में स्थानीय निवासियों को दिक्कतें हो सकती हैं. हाल ही में गमशाली से वापस लौटे नीती गांव के निवासी प्रेम सिंह फोनिया का कहना है कि गमशाली तक तो सड़क से बर्फ हटाई जा चुकी है, लेकिन इससे आगे सड़क पर इतनी अधिक बर्फ है कि वाहनों की आवाजाही तो दूर ग्रामीण पैदल भी गांव तक नहीं पहुंच सकते हैं. उन्होंने सीमा सड़क संगठन से तत्काल समय पर सड़क से बर्फ हटाने की मांग की है.