देहरादून (धीरज सजवाण): महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज देहरादून में सोमवार तीन फरवरी को त्रिशूल शूटिंग रेंज में 10 मीटर एयर पिस्टल मेंस (Men's) फाइनल कंपटीशन में कर्नाटक के 15 वर्षीय जोनाथन एंथोनी का जलवा देखने लायक था. जोनाथन ने अपने पहले नेशनल गेम्स में बड़े-बड़े खिलाड़ियों के साथ ओलंपिक खिलाड़ी सरबजोत सिंह को भी पीछे छोड़ दिया और अपने पहले नेशनल गेम का डेब्यू गोल्ड मेडल से किया.
15 साल जोनाथन ने अपने पहले डेब्यू में उड़ाया गोल्ड: पुरुषों की 10 मीटर पिस्टल स्पर्धा में कर्नाटक के 15 वर्षीय जोनाथन एंथनी ने स्वर्ण पदक जीता, जबकि सर्विसेज के रविंदर सिंह ने रजत और सर्विसेज के ही गुरप्रीत सिंह ने कांस्य पदक अपने नाम किया.
चौथे नंबर पर रहे ओलंपिक खिलाड़ी सरबजोत: इस दौरान ओलंपिक खिलाड़ी रहे हरियाणा से सरबजोत सिंह चौथे नंबर पर रहे. उन्हें इस नेशनल गेम्स में बिना पदक के ही संतोष करना पड़ा. अपने पहले नेशनल गेम्स में सीधा गोल्ड हासिल करने वाले 15 साल के जोनाथन एंथोनी और उनकी मां एनसी अलफोंस से ईटीवी भारत की टीम ने उनके शूटिंग कैरियर, फैमिली बैकग्राउंड और आज के मैच के अनुभव को लेकर खास बातचीत की.
बोर्ड एग्जाम से पहले जीता गोल्ड: जोनाथन की मां एनसी अलफोंस अपने बेटे की इस कामयाबी से बेहद खुश हैं. वो लंबे समय से इस दिन का इंतजार कर रही थीं. इस गोल्ड मेडल को पाने के लिए जोनाथन ने काफी मेहनत की है. उन्होंने जोनाथन के कोच का भी शुक्रिया अदा किया है.
एनसी अलफोंस ने बताया कि उनके बेटे जोनाथन की उम्र केवल 15 साल है. जोनाथन रोजाना सुबह और शाम दोनों समय शूटिंग की प्रैक्टिस करते हैं. जोनाथन बेंगलुरु में ब्रेनी स्टार इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ता है. हालांकि प्रैक्टिस के कारण वो स्कूल कम ही जा पाता है लेकिन स्कूल से भी उसे पूरा सपोर्ट मिलता है. स्कूल जोनाथन को सारा स्टडी मटेरियल ऑनलाइन प्रोवाइड करता है ताकि वो घर पर अच्छे से पढ़ाई कर सके.
अगले हफ्ते हैं बोर्ड एग्जाम: जोनाथन की मां ने बताया कि अगले हफ्ते से उनके बेटे के बोर्ड एग्जाम हैं. फिर भी स्कूल ने उसे 38वें राष्ट्रीय खेल में पार्टिसिपेट करने की परमिशन दी. उसी की बदौलत आज जोनाथन ने गोल्ड मेडल जीता है. जोनाथन की मां ने बताया कि 15 साल की बेहद चंचल उम्र में भी जोनाथन शूटिंग जैसे कंसंट्रेट वाले गेम्स में बेहतर कर रहा है. इसके पीछे इसका फोकस है, जिसके लिए वह योग करता है. जोनाथन अपनी फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देता है, उसके कोच लगातार उसके पीछे खड़े रहते हैं.
ओलंपिक खिलाड़ी को हराकर खुश भी हैं और दुखी भी: 38वें नेशनल गेम्स में जोनाथन ने ओलंपिक खिलाड़ी सबरजोत सिंह को हराकर गोल्ड मेडल जीता है, जो उसके लिए गर्व का पल है. जोनाथन का कहना है कि एक तरफ वो सबरजोत सिंह से जीतने पर खुश है, तो वहीं दूसरी तरफ दु:खी भी है क्योंकि सबरजोत एक ओलंपिक प्लेयर है और वो उसके प्रेरणा स्रोत भी है.
आज के मैच के बारे में जोनाथन ने बताया कि शूटिंग करते समय पहले राउंड में उन पर प्रेशर था, लेकिन दूसरे राउंड में उनका आत्मविश्वास बढ़ा और फिर उन्होंने पीछे नहीं देखा. जोनाथन ने बताया कि 11 शॉट मारने के बाद उन्होंने स्कोर बोर्ड को देखा, तब उन्हें पता चला कि वो प्वाइंट्स में सबसे आगे निकल चुके हैं. इससे पहले उन्होंने स्कोर बोर्ड की तरफ नहीं देखा था.
आर्मी की महिला ने दिया शूटिंग का फोक्स: जोनाथन की परिवार का कहना है कि मात्र साढ़े तीन साल के छोटे से समय में प्रैक्टिस के बाद ही जोनाथन ने नेशनल गेम्स में गोल्ड जीता है. आगे उनका पूरा फोक्स ज्यादा प्रेशर में कैसे खेला जाता है, वो सीखना है. क्योंकि ओलंपिक जाने के लिए प्रेशर में खेलना बहुत जरूरी है.
जोनाथन ने बताया कि ओलंपिक से पहले वो जूनियर वर्ल्ड कप जो कि जर्मनी में होना है, उसको लेकर एक्साइटेड है. जोनाथन एंथोनी आर्मी परिवार से आते हैं, इसलिए उनके घर में काफी अनुशासन रहता है, जो उसकी इस उपलब्धि का बड़ा कारण है.
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