चमोली: केदारनाथ वन प्रभाग के सेंचुरी एरिया चोपता के जंगलों में लंबे समय के बाद विलुप्ति की कगार पर पहुंचे कस्तूरी मृग की तस्वीर वन विभाग के कैमरे में कैद हुई है. जिससे इस क्षेत्र में एक बार फिर कस्तूरी मृग की मौजूदगी के संकेत मिले हैं. इससे वन विभाग और वन्यजीव प्रेमी दोनों खुश हैं.
दरसअल, कस्तूरी मृग से प्राप्त होने वाली बहुमूल्य कस्तूरी के कारण कस्तूरी मृग का बड़ी संख्या में शिकार हो रहा है. यही कारण है कि धीरे-धीरे इनकी संख्या में कमी आती जा रही है. इसीलिए कस्तूरी मृग अब विलुप्ति की सूची में है.
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केदारनाथ वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी अमित कंवर ने बताया कि वन विभाग की टीम ने गश्त के दौरान सोखर्क में कस्तूरी मृग की तस्वीर कैमरे में कैद की है. पहले केदारनाथ वन प्रभाग के सेंचुरी एरिया के ही कांचुलाखर्क में कस्तूरी मृग प्रजनन केंद्र खोला गया था, लेकिन कांचुलाखर्क का मौसम कस्तूरी मृगों के प्रजनन के लिए उपयुक्त न होने की वजह से यहां रखे गए कस्तूरी मृगों की मौत हो गई थी, लेकिन एक बार फिर इस क्षेत्र में कस्तूरी मृगों की मौजूदगी ने भविष्य के लिए संभावनाओं की उम्मीद जगाई है. वन विभाग के साथ पर्यावरणविदों के लिए भी खुशी की बात है.