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बदरी विशाल के दर्शन की मांग को लेकर मौनी बाबा ने त्यागा अन्न-जल - धाम में साधु संत गुरु परंपरा से बंधे हुए

मौनी बाबा ने कहा कि अगर प्रशासन संतों को बदरी विशाल के दर्शन की अनुमति नहीं देता तो वे अब जल का त्याग भी कर देंगे.

मौनी बाबा ने त्यागा अन्न-जल
मौनी बाबा ने त्यागा अन्न-जल
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Published : May 29, 2021, 4:38 PM IST

चमोली: बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए अनशन कर रहे मौनी बाबा ने अब अन्न के साथ ही जल का त्याग करने का निर्णय लिया है. मौनी बाबा ने कहा कि यदि प्रशासन और देवस्थानम बोर्ड ने साधु-संतों को बदरीनाथ धाम में दर्शन की अनुमति नहीं दी तो जल का भी त्याग कर देंगे और इसकी ‌संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

बदरीनाथ धाम में दर्शन की मांग पर अड़े दो साधु धाम में अपने-अपने आश्रमों में 23 मई से आमरण अनशन में बैठे हैं. अनशन कर रहे मौनी बाबा ने एक ऑडियो सार्वजनिक किया है. इसमें वो कह रहे हैं कि यदि प्रशासन और देवस्थानम बोर्ड साधु-संतों को बदरीनाथ धाम में दर्शन की अनुमति नहीं देता है तो वे जल का भी त्याग कर देंगे.

पढ़ें: ब्रह्म मुहूर्त में खुले बदरीनाथ धाम के कपाट, PM मोदी के नाम से हुई पहली पूजा

उन्होंने कहा कि धाम में साधु-संत गुरु परंपरा से बंधे हुए हैं. वे यहां सालभर तपस्या कर‌ते हैं. वे स्वयं नागा संन्यासी हैं और बदरीनाथ धाम में पिछले 30 सालों से तपस्यारत हैं. बदरीनाथ धाम में दर्शन के बाद ही वे अन्न ग्रहण करते हैं. कोरोना गाइड लाइन के चलते यात्रा स्थगित है, लेकिन धाम में रह रहे साधुओं को दूर से ही भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने की अनुमति दी जाए.

चमोली: बदरीनाथ धाम में दर्शन के लिए अनशन कर रहे मौनी बाबा ने अब अन्न के साथ ही जल का त्याग करने का निर्णय लिया है. मौनी बाबा ने कहा कि यदि प्रशासन और देवस्थानम बोर्ड ने साधु-संतों को बदरीनाथ धाम में दर्शन की अनुमति नहीं दी तो जल का भी त्याग कर देंगे और इसकी ‌संपूर्ण जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी.

बदरीनाथ धाम में दर्शन की मांग पर अड़े दो साधु धाम में अपने-अपने आश्रमों में 23 मई से आमरण अनशन में बैठे हैं. अनशन कर रहे मौनी बाबा ने एक ऑडियो सार्वजनिक किया है. इसमें वो कह रहे हैं कि यदि प्रशासन और देवस्थानम बोर्ड साधु-संतों को बदरीनाथ धाम में दर्शन की अनुमति नहीं देता है तो वे जल का भी त्याग कर देंगे.

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उन्होंने कहा कि धाम में साधु-संत गुरु परंपरा से बंधे हुए हैं. वे यहां सालभर तपस्या कर‌ते हैं. वे स्वयं नागा संन्यासी हैं और बदरीनाथ धाम में पिछले 30 सालों से तपस्यारत हैं. बदरीनाथ धाम में दर्शन के बाद ही वे अन्न ग्रहण करते हैं. कोरोना गाइड लाइन के चलते यात्रा स्थगित है, लेकिन धाम में रह रहे साधुओं को दूर से ही भगवान बदरीनाथ के दर्शन करने की अनुमति दी जाए.

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