नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2025-26 पेश कर दिया. उन्होंने लगातार 8वीं बार बजट पेश किया. इसमें भारत सरकार का खर्चा 50.65 लाख करोड़ रुपये बताया गया है. यह पैसा टैक्स रेवेन्यु, कर्ज और नॉन-टैक्स रेसिप्ट के माध्यम से वित्त पोषित किया जाएगा.
इस साल के लिए सरकार की कुल उधारी 15.69 लाख करोड़ रुपये निर्धारित की गई है, जो 2024-25 के संशोधित अनुमानों में 16.45 लाख करोड़ रुपये से थोड़ा कम है. यह राजकोषीय समेकन की ओर कदम बढ़ाने का संकेत देता है.
📍Central Government Expenditure (Budget Estimates for 2025-26 in ₹ crore) 👇#UnionBudget2025 #BudgetForViksitBharat pic.twitter.com/o3ZhVlkc7E
— PIB India (@PIB_India) February 1, 2025
पैसा कहां से आता है?
इस पैसे का 39 प्रतिशत पैसा डायरेक्ट टैक्स (निगम कर और आयकर) से आता है. 18 फीसदी जीएसटी और अन्य इनडायरेक्टर टैक्स, जबकि 5 प्रतिशत यूनियन एक्साइज ड्यूटीज और 4 प्रतिशत कस्टम ड्यूटीज से आता है. इसके अलावा गैर-कर प्राप्तियां से 9 प्रतिश, नॉन डेब्ट कैपिटल से 1 और उधार और अन्य देनदारियों से 24 प्रतिशत पैसा आता है.
कहां खर्च होगा पैसा?
सरकार द्वारा कलेक्ट किया पैसा कई क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा. वित्त मंत्री के अनुसार 50.65 लाख करोड़ रुपये में से 12.76 लाख से ज्यादा इंटरेस्ट, 5.48 लाख ट्रांसपोर्ट, 4.91 लाख डिफेंस, 3.83 लाख सब्सिडी, 2.76 लाख पेंशन, रूरल डेवलपमेंट के लिए 2.66 लाख, होम अफेयर्स के लिए 2.33, टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन के 1.86 लाख, एग्रीकल्चर के लिए 1.71 लाख और ऐजुकेशन के लिए 1.28 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे.
इसी तरह हेल्थ सेक्टर में 98 हजार करोड़ रुपये से अधिक, अर्बन डेवलपमेंट के लिए 96 हजार, आईटी और टेलीकॉम के लिए 95, एनर्जी में 81 हजार, कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में 65 हजार करोड़, फाइनेंस के लिए 62 हजार करोड़ और सोशल वेलफेयर के लिए 60 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च होंगे.
वहीं, साइंटेफिक डिपार्टमेंट के लिए 55 हजार करोड़, एक्सटर्नल अफेयर्स के लिए 20 हजार करोड़ और नॉर्थ ईस्ट के डेवलपमेंट के लिए 5.9 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. गौरतलब है कि सरकार सबसे ज्यादा पैसा इंटरेस्ट पेमेंट करने में करेगी, जबकि सबसे कम पैसा सामाजिक कल्याण के लिए किया जाएगा.