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भारत की साख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं: मूडीज - MOODYS CREDIT RATING

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

Moodys CREDIT RATING
प्रतीकात्मक तस्वीर. (IANS)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 1, 2025, 5:38 PM IST

नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने भारत की साख में तत्काल किसी तरह के बदलाव से इनकार किया है. हालांकि, सरकार अपने वित्त का विवेकपूर्ण प्रबंधन करने का प्रयास कर रही है. बजट में अगले वित्त वर्ष (2025-26) में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत तक कम करने का प्रस्ताव किया गया है.

मूडीज रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि हालांकि, हम सरकार के सतत राजकोषीय अनुशासन और कम होते राजकोषीय घाटे को रेटिंग या साख के लिए सकारात्मक मानते हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि ये सुधार इस समय साख को बदलने के लिए पर्याप्त हैं.

मूडीज ने वर्तमान में भारत की साख को स्थिर दृष्टिकोण के साथ 'बीएए3' पर बनाए रखा है, जो कि सबसे कम निवेश-ग्रेड रेटिंग है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

जहां भारत राजकोषीय अनुशासन और मुद्रास्फीति नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं मूडीज का मानना है कि रेटिंग सुधार के लिए, ऋण बोझ में पर्याप्त कमी और अधिक महत्वपूर्ण राजस्व-उत्पादक उपाय आवश्यक हैं.

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नई दिल्ली: रेटिंग एजेंसी मूडीज रेटिंग्स ने भारत की साख में तत्काल किसी तरह के बदलाव से इनकार किया है. हालांकि, सरकार अपने वित्त का विवेकपूर्ण प्रबंधन करने का प्रयास कर रही है. बजट में अगले वित्त वर्ष (2025-26) में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.4 प्रतिशत तक कम करने का प्रस्ताव किया गया है.

मूडीज रेटिंग्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष क्रिश्चियन डी गुजमैन ने शनिवार को पीटीआई-भाषा से विशेष बातचीत में कहा कि हालांकि, हम सरकार के सतत राजकोषीय अनुशासन और कम होते राजकोषीय घाटे को रेटिंग या साख के लिए सकारात्मक मानते हैं, लेकिन हमें नहीं लगता कि ये सुधार इस समय साख को बदलने के लिए पर्याप्त हैं.

मूडीज ने वर्तमान में भारत की साख को स्थिर दृष्टिकोण के साथ 'बीएए3' पर बनाए रखा है, जो कि सबसे कम निवेश-ग्रेड रेटिंग है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में चालू वित्त वर्ष (2024-25) के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.8 प्रतिशत और अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है.

जहां भारत राजकोषीय अनुशासन और मुद्रास्फीति नियंत्रण की दिशा में आगे बढ़ रहा है, वहीं मूडीज का मानना है कि रेटिंग सुधार के लिए, ऋण बोझ में पर्याप्त कमी और अधिक महत्वपूर्ण राजस्व-उत्पादक उपाय आवश्यक हैं.

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