ETV Bharat / state

जोशीमठ जल प्रलय में मां के एक फोन कॉल से बचीं थी 25 जिंदगियां, सपा देगी पांच लाख

जोशीमठ जल प्रलय में मां ने फोन करके अपने बेटे और उसके 24 दोस्तों की जान बचाई.

Joshimat apda
Joshimat apda
author img

By

Published : Feb 20, 2021, 5:16 PM IST

Updated : Feb 21, 2021, 10:39 AM IST

चमोली: बीती 7 फरवरी को जोशीमठ के तपोवन और रैणी गांव में आयी जलप्रलय अपने पीछे कई ऐसी बाते छोड़ गया है, जो अब सामने आ रही हैं. इस भीषण आपदा में कई लोगों ने जान गंवा दी तो कई लोग अभी भी लापता हैं. उन्हें खोजने की कोशिश जारी है. इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मौत के इस तांडव से कुछ फासलों के बीच बचने में कामयाब रहे, या ये कह सकते हैं कि इनकी किस्मत ने इन्हें बचा लिया.

joshimath-disaster
जोशीमठ जल प्रलय का दृश्य.
ऐसी ही मिलती जुलती कहानी तपोवन के विपुल कैरेनी की भी है. तपोवन में एनटीपीसी के हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में काम करने वाले विपुल और उनके 24 दोस्तों की जान विपुल के फोन पर आए एक कॉल ने बचा दी. दरसअल यह फोन कॉल विपुल की मां ने 7 फरवरी को उस वक्त किया, जब धौलीगंगा में धुंए के साथ भीषण सैलाब आ रहा था.
joshimath disaster
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मदद का दिया भरोसा.
बता दें कि 7 फरवरी की सुबह 27 वर्षीय विपुल तपोवन स्थित एनटीपीसी प्रोजेक्ट में अपने साथियों के साथ काम में जुटे हुए थे. तभी अचानक विपुल की मां का फोन आता है. फोन पर उसकी मां घबराते हुए उसे बिना समय गवाएं बैराज के पास से हट जाने को कहती है. साफ मौसम और धूप को देखकर पहले तो विपुल ने अपनी मां की बातों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब बार-बार विपुल की मां के रोते चिल्लाते विपुल को फोन आते रहे तो विपुल और उनके साथी एनटीपीसी बैराज क्षेत्र से पीछे हट गए. इस तरह एक फोन कॉल ने विपुल और उनके 24 साथियों की जान बचा ली. विपुल का गांव ऊंचाई वाले इलाके में स्थित है. जंहा से धौलीगंगा नदी दूर दूर तक साफ दिखाई देती है.

पढ़ेंः ITBP के डीजी ने आपदाग्रस्त इलाकों का किया निरीक्षण, रेस्क्यू ऑपरेशन की ली जानकारी


मीडिया से बात करते हुए विपुल ने बताया कि जिस समय बाढ़ आई, उसकी मां बाहर आंगन में घर का काम कर रही थी. मां और उसकी पत्नी अनीता ने पानी को सामान्‍य स्‍तर से काफी ऊपर उठते देखा और सामने आने वाली हर चीज को डूबते देखा. जिसके बाद मां ने मुझे को फोन किया और बैराज क्षेत्र से हट जाने को कहा. मां की घबराहट देख मैंने और मेरे साथियों ने दौड़कर टूटी हुई सीढ़‍ियों में शरण लेकर अपनी जान बचाई.

विपुल बताते हैं कि रविवार को छुट्टी के दिन भी वह एक्स्ट्रा टाइम के लिए काम पर आ गए थे. वो पास में ही ढाक गांव के रहने वाले हैं. विपुल और उनके साथी किस्मत के धनी थे, जो इस प्रलयंकारी बाढ़ में भी उनकी जान बच गई. लेकिन आपदा के बाद से उनके 100 दोस्त लापता हैं, जो परियोजना में कार्य करते थे. हालांकि उनकी तलाश राहत बचाव कर्मियों द्वारा आज भी जारी है.

सपा बहादुर मां को देगी पांच लाख

वहीं, विपुल समेत उसके 24 दोस्तों की जान बचाने वाली बहादुर मां को समाजवादी पार्टी 5 लाख रुपए बतौर इनाम देगी. इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. उन्होने लिखा कि पार्टी की तरफ से उन्हें पांच लाख रुपए की धनराशि देकर सम्मानित किया जाएगा.

चमोली: बीती 7 फरवरी को जोशीमठ के तपोवन और रैणी गांव में आयी जलप्रलय अपने पीछे कई ऐसी बाते छोड़ गया है, जो अब सामने आ रही हैं. इस भीषण आपदा में कई लोगों ने जान गंवा दी तो कई लोग अभी भी लापता हैं. उन्हें खोजने की कोशिश जारी है. इन सबके बीच कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मौत के इस तांडव से कुछ फासलों के बीच बचने में कामयाब रहे, या ये कह सकते हैं कि इनकी किस्मत ने इन्हें बचा लिया.

joshimath-disaster
जोशीमठ जल प्रलय का दृश्य.
ऐसी ही मिलती जुलती कहानी तपोवन के विपुल कैरेनी की भी है. तपोवन में एनटीपीसी के हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट में काम करने वाले विपुल और उनके 24 दोस्तों की जान विपुल के फोन पर आए एक कॉल ने बचा दी. दरसअल यह फोन कॉल विपुल की मां ने 7 फरवरी को उस वक्त किया, जब धौलीगंगा में धुंए के साथ भीषण सैलाब आ रहा था.
joshimath disaster
यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने मदद का दिया भरोसा.
बता दें कि 7 फरवरी की सुबह 27 वर्षीय विपुल तपोवन स्थित एनटीपीसी प्रोजेक्ट में अपने साथियों के साथ काम में जुटे हुए थे. तभी अचानक विपुल की मां का फोन आता है. फोन पर उसकी मां घबराते हुए उसे बिना समय गवाएं बैराज के पास से हट जाने को कहती है. साफ मौसम और धूप को देखकर पहले तो विपुल ने अपनी मां की बातों पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन जब बार-बार विपुल की मां के रोते चिल्लाते विपुल को फोन आते रहे तो विपुल और उनके साथी एनटीपीसी बैराज क्षेत्र से पीछे हट गए. इस तरह एक फोन कॉल ने विपुल और उनके 24 साथियों की जान बचा ली. विपुल का गांव ऊंचाई वाले इलाके में स्थित है. जंहा से धौलीगंगा नदी दूर दूर तक साफ दिखाई देती है.

पढ़ेंः ITBP के डीजी ने आपदाग्रस्त इलाकों का किया निरीक्षण, रेस्क्यू ऑपरेशन की ली जानकारी


मीडिया से बात करते हुए विपुल ने बताया कि जिस समय बाढ़ आई, उसकी मां बाहर आंगन में घर का काम कर रही थी. मां और उसकी पत्नी अनीता ने पानी को सामान्‍य स्‍तर से काफी ऊपर उठते देखा और सामने आने वाली हर चीज को डूबते देखा. जिसके बाद मां ने मुझे को फोन किया और बैराज क्षेत्र से हट जाने को कहा. मां की घबराहट देख मैंने और मेरे साथियों ने दौड़कर टूटी हुई सीढ़‍ियों में शरण लेकर अपनी जान बचाई.

विपुल बताते हैं कि रविवार को छुट्टी के दिन भी वह एक्स्ट्रा टाइम के लिए काम पर आ गए थे. वो पास में ही ढाक गांव के रहने वाले हैं. विपुल और उनके साथी किस्मत के धनी थे, जो इस प्रलयंकारी बाढ़ में भी उनकी जान बच गई. लेकिन आपदा के बाद से उनके 100 दोस्त लापता हैं, जो परियोजना में कार्य करते थे. हालांकि उनकी तलाश राहत बचाव कर्मियों द्वारा आज भी जारी है.

सपा बहादुर मां को देगी पांच लाख

वहीं, विपुल समेत उसके 24 दोस्तों की जान बचाने वाली बहादुर मां को समाजवादी पार्टी 5 लाख रुपए बतौर इनाम देगी. इस संबंध में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया है. उन्होने लिखा कि पार्टी की तरफ से उन्हें पांच लाख रुपए की धनराशि देकर सम्मानित किया जाएगा.

Last Updated : Feb 21, 2021, 10:39 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.